सुशासन और मोदी गारंटी?नक्सल और रेत चोर प्रभावित जिला गरियाबंद में अवैध खनन रोकने गई खनिज विभाग की टीम पर,हथियार बंद रेत चोरों ने किया जानलेवा हमला

गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। राजिम के पांडुका थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कुटेना के अवैध रेत खदान में कार्यवाही करने गई खनिज विभाग के उपर हथियार बंद रेत चोरों ने हमला कर मारपीट कर दिया, मारपीट होते देख खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी जान बचाकर भागे तो वही अधिकारियो के वाहन के उपर भी हमला कर रेत माफियाओं ने तोड़फोड़ कर दिया। जिसकी नामजद एफआईआर आज खनिज विभाग के अधिकारीयो ने पांडुका थाना पहुंच कर कराई है, एफआईआर होते ही पांडुका थाना की पुलिस अपने उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में आरोपियों की धर पकड़ में लग गईं हैं, थाना प्रभारी ने बताया कि चार लोगो के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुआ हैं तो वही दस से बारह अन्य और आरोपी होने की बात कही है जिनकी पहचान व खोजबीन पुलिस के द्वारा की जा रही है।


आपको बता दें कि लंबे समय से पाण्डुका क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन की शिकायत प्राप्त हो रही थीं, जिसपर कार्यवाही करने गए अधिकारियो के उपर रेत माफियाओं के द्वारा मारपीट व हमला किया गया है। जिला खनिज अधिकारी फागुलाल नागेश ने बताया कि रेत माफियाओं ने राजनीतिक धौस दिखाते हुए मारपीट किया है।
कूटेना में चल रहे  अवैध रेत खनन को रोकने गए खनिज अमला पर रेत चोरों के ने  हमला कर दिया मामला हाईप्रोफाइल रेत चोरों  से जुड़ा होने के कारण अफसर तो पहले मौन थे।गरियाबंद में अवैध रेत खनन पूरे चरम सीमा में है।जिले के कूटेना रेत घाट पर तीन चेन माउंटेन मशीन से हो रहे अवैध खनन को रोकने 29 जनवरी की रात जिला माइनिंग विभाग का अमला एक निजी स्कॉर्पियो में सवार होकर कूटेना पहुंचे हुए थे।टीम कार्यवाही करती उससे पहले रेत चोर के गुर्गे खनिज अमला पर हमला कर दिया।बताया जाता है की अवैध खनन से जुड़े लोग हाई प्रोफाइल है,स्कॉर्पियो पर तोड़ फोड़ के बाद चालक व कर्मी की पिटाई की खबर है।रेत चोरों से भय या इनसे जुड़े हाई प्रोफाइल लोगों के कारण है विभाग भी कार्यवाही के लिए आला अफसरों से रायशुमारी कर रहे हैं। डर इतना की तोड़ फोड़ किए गए वाहन को झाड़ियों में छुपा रखा गया था।

4 नामजद समेत अन्य 12 से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ मारपीट बलवा समेत 10 गैर जमानती धाराओं के तहत मामला हुआ दर्ज

माइनिंग निरक्षक  सुभाष साहू के लिखित शिकायत के बाद पाण्डुका पुलिस ने स्थानीय 4 आरोपी अलावा अज्ञात 10 से 12 आरोपी के खिलाफ मारपीट,बलवा, शासकिय कार्य में बाधा समेत विभिन्न 10 गैर जमानती धाराओ के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। जिला माइनिंग अधिकारी फागूलाल नागेश ने बताया कि अवैध खनन की सूचना पर 29 जनवरी की रात माइनिंग की टीम कुटेना में चल रहे अवैध रेत खनन पर कार्यवाही करने पहुंची थी,टीम जब रात को पहुंची तो तीन चेन माउंटेन खनन कार्य में लगी थी,मौके पर20 से भी ज्यादा हाईवा मौजुद था।कार्यवाही चल रही थी इसी दरम्यान रेत चारों ने सरकारी अमला के साथ मारपीट किया।आज खदान से 3 हाईवा को जप्त किया गया है।कार्यवाही की पुष्टि करते हुए पांडुका थाना प्रभारी सूर्यकांत भारद्वाज ने बताया कि आरोपी महेश छाबड़ा,सुरेश,कलीराम साहू,राहुल बांधेकर के खिलाफ नामजद एव अज्ञात 10 से 12 लोगो के विरूद्ध कार्यवाही किया गया है।मामले में आईपीसी की धारा 641,294,325,506,147,148,149,353,186,427 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

रोजाना 200 हाइवा निकल रहा रेत

महानदी के कूटेना,कोपरा,चौबेबांधा व कूकदा घाट में 7 से ज्यादा मशीन लगी हुई हैं,जो दिन रात रेत का अवैध परिवहन कर रही है।बताया जाता है की इन घाटों की वैधता खत्म होने के बावजूद यहा लगातार अवैध खनन जारी है। कहा जाता है काम में जुड़े सरगना वही है बस सत्ता बदलते ही सेटिंग व सेटिंग के बाद देने वाले कलेकशन का पता बदल गया है।बता दें कि गरियाबंद जिला में रेत चोरों ने अवैध रेत खनन को एक संपन्न उद्योग में बदल दिया है, रंगरूट युवाओं और ग्रामीणों को पैसा और पावर वादे के साथ लुभाया जा रहा है।अपराध और गड्ढायुक्त नदियां एक ही सिक्के के दो पहलू बन चुके हैं।गरियाबंद जिला के अंतर्गत महानदी के किनारों से अवैध रूप से रेत उत्खनन करवाए जाने का कार्य बदस्तूर जारी है। जिन्हें रोकने में प्रशासनिक स्तर के आला अधिकारी इन माफिया के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। ऐसा नहीं बल्कि सारा खेल खनिज अधिकारी की सांठ – गांठ ही  चल रहा हैं।जिसका नजारा वर्तमान समय में आसानी से हथखोज में अवैध रूप से रेत उत्खनन का नजारा  दिखलाई देता है। वहीं इन रेत चोरों के हौसले इतने बुलंद है कि नदियों से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं।अधिकारियों की मिलीभगत व लापरवाही से नदियों में अवैध उत्खनन व परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है इन दिनों गरियाबंद जिला में रेत चोर काफी सर्कीय हो गये हैं।बारिश थमने के बाद से अचानक रेत चोरों में इजाफा हो गया है। नदियों को खोखला करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। अवैध उत्खनन कर सैंकड़ों हाइवा ट्रक रेत का परिवहन कर रहे हैं। जिसमें नए-नए रेत माफिया नगर में घूमते फिरते हुए बड़े पैमाने पर रेत सप्लाई कर माल कमा रहे हैं जिसके चलते रेत के रेट आसमान छू रहे हैं। शासन प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता है लेकिन अवैध रेत माफियाओं पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है जिससे उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सवाल यह है कि राजस्व खनिज सहित शासन प्रशासन सफेदपोश नेता का खुला संरक्षण क्या शासन को क्षति नहीं पहुंचा रहा है? निरंतर समाचार प्रकाशन  पर भी जिला खनिज विभाग के अधिकारियों सहित स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ठोस पहल क्यों नहीं करता क्या कारण है? कि इस अवैध व्यवसाय की कड़ी को तोड़ने में स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन कार्रवाई न करने पर नाकामियों सिद्ध हो रहा है। अब देखना यह है कि जो अवैध व्यवसाय प्राप्त संरक्षण के आधार पर यह व्यापार में लाखों की चांदी काट रहे हैं शासन को हो रही छती को प्रशासन रोकने में कहां तक कामयाबी हासिल करता है?

सत्ता बदली तो रेत चोर और उनके पते ठिकाने भी बदल गए

बताते चले कि छत्तीसगढ़ राज्य से पूर्ववर्ती भूपेश की भ्रष्ट सरकार को तो जनता ने उखाड़ फेका हैं किंतु भ्रष्ट नौकरशाह आज भी अपनी कुर्शियो में चिपके हुए है।जो की अब भाजपा नीत “विष्णु सरकार” के लिए एक बड़ा सरदर्द बने हुए हैं।सत्ता परिर्वतन के बाद रेत चोरों की टीम भी बदल गई है।जिसका नतीजा यहा है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में प्राकृतिक संसाधनों को गिद्ध की तरह नोचने वाले रेत माफिया भ्रष्ट अधिकारियों से सांठ  गांठ बदौलत खुलेआम नदियों का सीना चीर कर रेत का अंधाधुंध अवैध खनन करते रहते हैं।सवाल उठता है कि आखिर कर्ज में डूबे छत्तीसगढ़ का राजस्व को कब तक लूटा जाएगा? अवैध रेत उत्खनन व परिवहन का कार्य? कब तक सत्ता पक्ष व विपक्ष के लोग गुंडागर्दी,दादागिरी,मारपीट,खौफ व प्रभाव का इस्तेमाल कर रेत और गौण खनिज का उत्खनन अवैध तरीके से करते रहेंगे? हथखोज में दिनरात चैन माउंटेन(पुकलेण्ड)से रेत की अवैध खुदाई कर सैकड़ों ट्रीप परिवहन हो रहा है।जिससे राजस्व को एक बड़ी हानि हो रही हैं तो वंही दूसरी ओर एनजीटी के सारे नियमो और सारे कानून कायदा को सरेआम ठेंगा दिखाते हुए चैन माउंटेन मशीन से  महा नदी का सीना छलनी किया जा रहा है और  जिम्मेदार मौन साधे हुए है।  दिनदहाड़े कानून की धज्जियां उड़ाते हुए हो रहे रेत के अवैध कारोबार में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों,ओहदे पदो पर बैठे जिम्मेदारों सहित छुट भैया और चुरकुट नेताओं का नाम सामने आ रहा है।जिसके वजह से प्रशासन अपना रोना रोने में लगे है।गरियाबंद में हो रहे रेत के गोरखधंधे का तार रायपुर और भिलाई के ओहदेदार पदो पर बिराजमान जिम्मेदार से जुड़ने का खबर सामने आ रहीं हैं जो कि अवैध रेत खनन पर खनन माफियाओं को जिला प्रशासन की खुली छूट मिली हुई है।नतीजन सरकार को लाखो रुपए का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।गौरतलब है कि शासन द्वारा अवैध रेत खनन रोकने तरह-तरह के नियम बनाकर प्रशासन को लगातार निर्देश दे रहे है।तो दूसरी ओर गरियाबंद जिले में जिला प्रशासन कि नाक के नीचे खुलेआम नियमों को ताक में रखकर नदीयों में रेत खनन का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है।इस पूरे मामले में जिम्मेदार की संलिप्तता,तगड़ी सेटिंग और भिलाई के रेत माफियाओं को खुला संरक्षण साफ तौर पर नजर आ रहा है।जिसके कारण बेरोकटोक रेत की अवैध खुदाई और परिवहन लगातार जारी है।कभी कभार दिखावे की कार्यवाही कर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लेते है।रेत चोरों की पहुंच और पैसों के दम पर सारे नियम और कानून कायदों को जेब में रख लिए है।जिसे प्रशासन भी रोकने में बेबस नजर आ रहे है।जिसके कारण रेत चोरों की दबंगई खुलकर सामने आ रही है।
अवैध रेत खुदाई में रेत चोरों को संरक्षण के चलते इनके हौसला इतना बुलंद है कि इसे किसी भी कानून का डर नहीं है।जिसके कारण बेधड़क चैन माउंटेन से रेत खुदाई कर कानून के विपरीत कार्य कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में भी कोई गुरेज नहीं कर रहे है। रेत खदान में छापेमारी के बाद भी रेत उत्खनन धड़ल्ले से चैनमाऊटिंग मशीन से शुरू हो गया है। बकायदा फोन में व्हॉटसप के माध्यम से ट्रांसपोर्टरों को रेत लोडिंग की जानकारी एवं रेत लोडिंग की दर 10 चक्का हेतु 2200, 12 चक्का 2700, 14 चक्का 3200 एवं 16 चक्का 3700 तथा रॉयल्टी 10 घनमीटर की 2000, 12 घनमीटर 2500 दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि इन दिनों रेत चोर और विभागीय अधिकारी एवं राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत एवं सेटिंग कर धड़ल्ले से रेत उत्खनन कर लाखें रूपयों की अवैध कमाई कर रहे है। शिकायत करना, अनियमियता सार्वजनिक होना यह सब अपनी जगह होता रहता है। मामूली दिखावटी कार्यवाही के बाद फिर रेत माफिया अपनी नियमित अवैध उत्खनन एवं परिवहन में लिप्त हो जाता है।  ग्रामीणों ने कहा कि रेत चोरों और अधिकारियों से सेटिंग कर जब चाहें जहां चाहें मनमाने ढंग से अवैध खनन करते है और प्रतिदिन मनमाने ढंग से हाईवा गाड़ी से रेत का परिवहन कर जहां शासन को हजारों रूपयों की रायल्टी की चोरी तो करते है साथ ही पर्यावरण का नुकसान, ग्राम्यांचल की सड़कों के साथ साथ दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते है। महा नदी में अवैध रूप से खनन दिन रात चल रहा है। उन्हीं रेत खदानों से बिना पिटपास के हाईवा में लोडिंग दी जा रही है। इतना ही नहीं बिना अनुमति के ही कई रेत घाटों से दिन रात अवैध खनन कर लाखों रूपए की रेत बेची जा रही है। शासन द्वारा रेत लोडिंग एवं रायल्टी का मूल्य 980 रूपए निर्धारित किया गया है। सभी रेत घाटों में 2500 से 3000 रूपए लोडिंग चार्ज लिया रहा है। रेत की रॉयल्टी का मूल्य 650 रूपए है। गाड़ी मालिकों से 2000 रूपए अतिरिक्त लिया जा रहा है। इसके बाद भी रॉयल्टी पर्ची नहीं दी जा रही है। बता दें कि खनिज विभाग की छूट के कारण जिले में अवैध रेत खनन अब भी तेजी से चल रहा है। इसकी वजह से अवैध परिवहन लगातार किया जा रहा है।   धड़ल्ले से काफी ऊंची कीमत में हाईवा लोड की जाती है। ग्रामीणों ने क्षेत्र के रेत खदानों में नियमानुसार खनन एवं परिवहन किए जाने की मांग की है। ताकि हर समय ग्रामीण संशय में न रहे। और अवैध खनन परिवहन में अंकुश रखा जा सकें।

कलेक्टर के निर्देश के बाद भी नहीं रुक रहा अवैध खुदाई

आपको बता दे की हाल ही में अवैध खनन को लेकर टास्क फ़ोर्स की बैठक में छत्तीसगढ के समस्त कलेक्टरों ने अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा था कि अवैध रेत व मुरूम की खुदाई पर पुलिस विभाग के साथ टीम बनाकर कार्यवाही करे।लेकिन कलेक्टरों के निर्देश और आदेश का पालन नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में  में जगह जगह अवैध खनन से जंहा शासन को राजस्व की क्षति हो रही है तो वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है।दूसरी ओर  खनिज विभाग खनन माफियाओं और रेत के अवैध कारोबार में जुड़े नेताओं के दबाव का दंश भी झेल रहा है।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इन खनन माफियाओं को आखिर सरंक्षण कौन दे रहा है ?क्या इस अवैध कारोबारियों पर कोई कानून लागू नहीं?ये सवाल भी अब छत्तीसगढ़ कि जनता पूछ रही है।क्षेत्र में रेत चोर रातों में सक्रिय हो जाते है और रात भर  नदियों से पुकलेण्ड मशीन से लोडिंग कर  रेत चोरी करते हैं और सुबह होते ही नदी से मशीन निकाल ली जाती हैं। रेत को जमाकर मनमाने दाम पर बेचकर भारी अवैध मुनाफा लिया जा रहा है।रेत माफियाओं की इन हरकतों से खनिज विभाग को इन दिनों रेत की रायल्टी का जबरदस्त नुकसान हो रहा है,और ऐसा भी नही की प्रशासनिक अमला को इसकी जानकारी ना हो सारा खेल जिम्मेदारों की जानकारी में होने के बाबजूद भी रेत चोरी का खेल धड़ल्ले से जारी हैं जिससे रोजाना सरकार को लाखों रुपये का चूना लग रहें है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिंगेस्वर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नदियों के किनारे बसे रेत माफियाओं की नजर अब हर वर्ष की तरह रेत का नियमों को धता बताकर अवैध खनन कर डंपिंग कर भारी मूल्य में बेचकर चांदी नहीं बल्कि सोना काटने पर उतारू है। हर वर्ष की तरह खनिज विभाग भी इन रेत चोरों पर लगाम लगाने की तैयारी में उडनदस्ता तैयार किया है उसके बाबजूद भी रेत चोरों द्वारा भी तु डाल-डाल तो मैं पांत -पांत कहते हुए भारी मात्रा में अवैध खनन लगातार किया जा रहा है।जिला प्रशासन द्वारा रेत की खुदाई बंद करने का आदेश खनिज विभाग के लोग मानने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि रेत चोरों के साथ सांठगांठ कर हथखोज में अभी भी धड़ल्ले के साथ नदी से रेत की खुदाई और अर्वध परिवहन दोनों ही चल रहा है।ग्रामों में तो और भी हद हो गई है।वहां गांव के सरपंच और पंचों द्वारा मना करने के बावजूद रेत चोर तथा उनके छूट भैये नेता पूरी तरह से दादागिरी करते हुए नदी से रेत निकालने का काम खुलेआम कर रहे हैं।खनिज विभाग के अधिकारियों को अवैध रेत उत्खनन तथा अवैध परिवहन दोनों की ही पूरी जानकारी रहती है।लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।इससे  स्पस्ट होता है कि रेत चोरी का सारा खेल में खनिज विभाग के अधिकारी की सांठगांठ से सारा खेल खेला जा रहा हैं वंही राजस्व विभाग का भी अपना शेयर तय हैं  जानकारी होने के बाबजूद राजस्व विभाग भी मूकदर्शक बना हुआ हैं।वहीं दूसरी ओर रेत चोरों द्वारा अवैध उत्खनन रोकने वालों के खिलाफ ही थाने में फर्जी शिकायतें दर्ज कराने की धमकी दी जा रही है।तो कंही पत्रकारों को भी धमकी दी जा रही है। खनिज विभाग की छत्रछाया में चल रहे इस धंधे के कारण जिला प्रशासन कि न केवल छवि खराब हो रही है।वरन उसकी बदनामी भी हो रही है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेत के अवैध खनन पर भाजपा का स्थगन।

बताते चले की पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत भूपेश सरकार में  रेत के अवैध खनन का मामला सदन में उठा था भाजपा ने इस पर स्थगन प्रस्ताव दिया और चर्चा कराये जाने की मांग की थीं।
गौरतलब हो कि तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि पूरे प्रदेश में रेत माफिया सक्रिय है,रेत का अवैध खनन चल रहा है। अवैध रेत का भंडारण किया जा रहा है।बारिश में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है,नदी किनारे रेत मफ़ियाओ ने टीले बनाकर रख दिया है,अधिकारियों की हिम्मत नहीं है की कार्रवाई कर सके,सूरजपुर में कार्रवाई करने गए ज़िला खनिज अधिकारी के साथ मारपीट की गई थी अधिकारी दबे कुचले नज़र आ रहे हैं,सरकार के संरक्षण में रेत का अवैध खनन हो रहा है।
शिवरतन शर्मा ने कहा था कि अब तक शराब माफिया,भू मफ़ियाओं की चर्चा होती थी अब राज्य में रेत माफिया भी आ गये हैं,शराब माफिया रेत के अवैध खनन में भी आ गये हैं।अब देखना है की भाजपा खुद सत्ता में हैं अब रेत माफियाओ पर कार्यवाही होगी या संरक्षण दिया जाएगा।अब सवाल उठता है की भाजपा खुद सत्ता अशीन हैं और गरियाबंद जिला में घटी इस घटना पर सरकार मोदी गारंटी और सुशासन कायम रखने में क्या कदम उठाती हैं?

सदन में भी अवैध खनन का मुद्दा गूंजा था जिसमें बीजेपी (भाजपा) ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव लाया

छत्तीसगढ़ विधानसभा (छत्तीसगढ़ विधानसभा) सदन में  अवैध खनन का मुद्दा गूंजा था जिसमें बीजेपी  ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव लाया था स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया जाए या नहीं इस पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा था कि प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन किया जाएगा। लोगों के पास एक्सपैंड्स खरीदने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।मामले में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा था कि एनजीटी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। सरकारी रेत माफिया को निर्देशित कर रही है या रेत माफिया सरकार को निर्देशित कर रहे हैं। सरकारी संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है।अधिकारी झूठ नहीं बोलते हैं।
जेसीसीजे के पूर्व विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा था कि सरकारी संरक्षण में सत्ता पक्ष के लोगों के लोग अवैध उत्खनन कर रहे हैं। रेत के नाम पर जंगलराज कायम हो गया है। शराब माफिया पहले से सक्रिय हैं।अधिकारी ट्रांसफर के डर से उन्हें कुछ नहीं बोलते।पूर्व सीएम रमन सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा था कि- नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है।हाल ये है कि अवैध रेत उत्खनन की वजह से शिवनाथ नदी की दिशा बदल रही है। पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। सभी शराब के गुंडेन्ड पर उतर चुके हैं। इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए।

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल उठाया था

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि अवैध उत्खनन को प्रोत्साहित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की गई है। पूरे प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। अधिकारी की हिम्मत नहीं है कि घाट पर जाकर कार्रवाई करें।गांव वालों के खिलाफ माफिया बर्बरता पूर्वक व्यवहार कर रहे हैं।इस चर्चा के बाद आसंदी ने स्थगन की सूचना को विचाराधीन रखा और फिर असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की।नरेड़ी के बीच आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा था कि- किसी न किसी माध्यम से इस विषय पर चर्चा की जाएगी।किन्तु बार बार सदन मुद्दे गूंजते तो है किंतु अबैध रेत खनन और परिवहन करने बालो पर कोई ठोस कार्यवाही नही होती हैं जो लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

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