फ़िंगेश्वर के लोहरसी स्कूल मे छात्रों ने जड़ा ताला शिक्षको की लापरवाही पर DEO ने स्कूल पहुँच लगाई फटकार

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। शिक्षकों की कमी के चलते आज विकासखंड की शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला लोहरसी में छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों पालकों ने प्रातः स्कूल प्रारंभ होते ही मुख्य द्वार में ताला लगाकर शाला परिसर के सामने ही धरना प्रदर्शन में बैठ गए। इससे आज शाला में पढ़ाई नहीं हो पाई है। शाला की छात्र-छात्राओं ने बताया कि यहां 7-8 साल से रसायन पढ़ाने वाला कोई शिक्षक पदस्थ नहीं किया गया है। वर्तमान में अंग्रेजी संस्कृत एवं विज्ञान का कोई शिक्षक भी नहीं होने से सत्र के प्रारंभ से इन विषय की कोई पढ़ाई नहीं हुई है। ऐसे में हम कैसे पढ़ें और 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा कैसे दे पाएंगे। पालकों ने बताया कि इस सत्र के प्रारंभ में ही 5 शिक्षक यहां से चले गए। 2 शिक्षक सेवानिवृत्त, 2 शिक्षक का प्रमोशन और 1 शिक्षक तबादला हो गया। परंतु इनकी जगह किसी भी शिक्षक को यहां नहीं भेजा गया। पालकों ने इसके लिए माह मई 2023 में जिला शिक्षा अधिकारी और अभी दिसंबर 2023 में जिला कलेक्टर को भी शाला में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी के बारे में विस्तृत ज्ञापन देते हुए तत्काल शिक्षकों की मांग की थी परंतु अभी तक हमारे आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। पालक वर्तमान में यहां शिक्षकों की कमी का जिक्र करते हुए बताया कि जो शिक्षक बचे है वे भी काफी लापरवाह है। शिक्षक आपसी राजनीति के कारण शाला में कोई ध्यान नहीं देते। बच्चे पढ़ाई ने होने के कारण दिनभर स्कूल के पास खेलते एवं घूमते रहते है। स्कूल में बिलकुल में नियंत्रण एवं अनुशासन नहीं है। गुरूवार की ही बात करें तो स्कूल में 6 पिरियड की बिलकुल पढ़ाई नहीं हुई। पालको ने शाला में बचे शिक्षकों पर भी कार्यवाही किए जाने की मांग करते हुए कहा कि इन सभी स्थितियों के कारण आज छात्र-छात्राओं के साथ स्कूल में तालाबंदी की गई है ताकि प्रशासन का ध्यान हमारी समस्याओं की ओर जावें। हड़ताल के कारण छात्र-छात्राओं में गहरा रोष व्याप्त है। अंचल में लगभग सभी शासकीय स्कूलों में शिक्षकों का भारी अभाव है। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक न होने से पढ़ाई का बुरा हाल है। मालूम पड़ा है कि फिंगेश्वर विकासखंड में मात्र 1-2 स्कूल को छोड़ दिया जावें तो शेष स्कूलों में संस्था प्रमुख् यानी प्राचार्य भी नहीं है। शालाओं की सारी व्यवस्था प्रभारियों के भरोसे जैसे तैसे मात्र घसीट रही है। देश के प्रधानमंत्री परीक्षा पे चर्चा जैसे कार्यक्रमों में बच्चों का मनोबल, आत्मविश्वास बढ़ाने लगातार प्रयासरत है। परंतु शिक्षकों के अभाव में कैसे विद्यार्थियों के मध्य पढ़ाई हो पाएगा। पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया का सपना इन हालातों में कैसे मुमकिन होगा। विकासखंड में शिक्षकों की कमी के चलते कई स्थानों पर तालेबंदी जैसी घटना हो चुकी है। इस ओर तत्काल सकारात्मक कार्यवाही जरूरी है। आंदोलन खत्म करने की अस्थायी व्यवस्था करसे से समस्या खत्म होने वाली नहीं है। छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलने पर गरियाबंद जिला शिक्षा अधिकारी स्कूल पहुंचे। उन्होंने छात्रों और पालकों को समझाने की कोशिश की। शिक्षा अधिकारी द्वारा दिक्कतों को लेकर शासन स्तर पर पत्र लिख कर उनकी मांगों को पहुँचाने की बात पर छात्रों ने प्रदर्शन समाप्त किया। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों द्वारा कल अध्यापन कार्य नहीं कराने की बात पर इस तरह की परिस्थिति निर्मित हुई थी। दोषी शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। शिक्षकों को समझाइस देकर समय पर स्कूल पहुंचने कहा गया है ।

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