केन्द्रीय बजट जनहितैषी नहीं बल्कि कारपोरेटिव बजट-अमितेष शुक्ल

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। वित्तमंत्री डॉ. निर्मला सीतारमण द्वारा देश के लिए प्रस्तुत अंतरिम बजट को पूर्व मंत्री एवं राजिम के पूर्व विधायक अमितेष शुक्ल ने जनहितैषी की बजाए कारपोरेट एवं जनता को उलझाने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में पेश होने वाले बजट को लेकर जनता को सरकार से बहुत उम्मीदें थी। पर बजट से जनता का एक बार फिर से निराशा ही हाथ लगी है। चालू वित्तीय वर्ष में 18 लाख करोड़ रूपए का घाटा वाला बजट है। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट पर वित्त मंत्री श्रीमती रमण को अच्छे भाषण की अपेक्षा थी पर उनका बजट भाषण बहुत छोटा और निराशजनक एवं औपचारिक रहा। भाषण में बेरोजगारी का मुद्दा शामिल नहीं है। देश की जनता बढ़ती महंगाई से राहत की उम्मीद में थी पर जनता को इससे भी राहत नहीं मिली। चुनाव के समय मोदी सरकार अपनी विफलता को सफलता के रूप में पेश करेगी। बजट में महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए कुछ खास नहीं है। श्री शुक्ल ने कहा कि भाजपा सरकार में देश की जनता को सबसे अधिक मार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों से पड़ी है जिसमें राहत की उम्मीद थी पर उससे भी मोदी सरकार ने राहत नहीं दी। श्री शुक्ल ने कहा कि बजट में राज्यों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाती है पर छत्तीसगढ़ के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं है। जबकि राज्य में भाजपा के डबल इंजन की सरकार है। बजट में विशेष पैकेज की घोषणा न होना छत्तीसगढ़ की जनता के साथ छलावा है। मोदी सरकार ने बजट में जनता की बजाए केवल कारपोरेटरों पर ज्यादा फोकस किया है। जिसे जनता समझ रही है। लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।

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