भूपेश सरकार की योजनाओं को बंद करने से ग्राम विकास में होगी रूकावट-मधुबाला रात्रे

गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार की बजट में कांग्रेस के भूपेश सरकार की अनेक ग्राम एवं ग्रामीणों के विकास की योजनाओं का कोई जिक्र नहीं है। इससे ग्राम विकास में काफी रूकावट आ जावेगी। जिला पंचायत की सभापति श्रीमती मधुबाला रात्रे ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत बजट का सुक्ष्म अवलोकन करने के उपरांत बताया कि नवगठित विष्णुदेव सरकार ने कांग्रेस की भूपेश सरकार की 15 प्रमुख योजनाओं को बंद कर दिया है। अब प्रदेश में गोबर-गोमूत्र की खरीदी नहीं होगी। सरकार ने पिछली सरकार की कई प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं के लिए बजट 2024-25 में राशि का प्रावधान नहीं किया है। इसमें नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी सुराजी योजना से लेकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना, स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना, गोधन न्याय योजना, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक योजना, बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाएं शामिल है। श्रीमती रात्रे ने कहा कि साय सरकार के बजट में इन योजनाओं को कोई जिक्र नहीं है। ऐसे में ये योजनाएं नए वित्तीस सत्र से बंद हो जाएगी। हालांकि सरकार ने कुछ योजनाओं के नाम और स्वरूप में बदलाव करके उन्हें आगे चलाने का निर्णय लिया है। इसमें बिजली बिल हाफ योजना, स्वामी आत्मानंद योजना के रूप में बदलाव करने की तैयारी है। बजट के अनुसार गोबर-गोमूत्र खरीदी और इससे उत्पाद बनाने की योजना बंद हो जाएगी। उन्होंने बताया कि आदिवासियों को साधने के लिए भूपेश सरकार ने मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत गांव-गांव तक आदिवासियों के त्यौहारों को मनाने के लिए सरकार ग्राम पंचायतों को अनुदान का प्रावधान था। इस योजना के बारे में भी बजट में कोई जिक्र नहीं है। श्रीमती रात्रे ने कहा कि सिर्फ राजनैतिक सोच के चलते भाजपा सरकार ने भूपेश सरकार की अनेक ग्रामीण विकास की योजनाओं को बंद कर दिया। इससे ग्राम विकास की गति धीमी हो जावेगी एवं गांवो के युवकों, महिलाओं, मजदूरों, गरीबों को गांवों में उपलब्ध समाधनों से हो रहे लाभ से वंचित होना पड़ेगा। भाजपा सरकार को इस हिसाब से पुनः सोचना चाहिए।

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