
गरियाबंद/फिंगेश्वर/छुरा(गंगा प्रकाश)। धान की सहकारी खरीदी 4 फरवरी तक की गई है। इस तरह फिंगेश्वर सहकारी बैंक के सभी 10 खरीदी केन्द्रों में 11283 किसानों से 5,80,840 क्विंटल धान कुल राशि 1,26,86,32,545 का खरीदा गया। जो गत वर्ष से लगभग 1.40 लाख क्विंटल ज्यादा रहा। 01 नवंबर 2023 से 04 फरवरी 2024 तक धान खरीदी का पूरा कार्य काफी सफलता एवं शांतिपूर्वक संपन्न जरूर हो गया है। परंतु अब खरीदी केन्द्रों में पड़ा धान का ढेर परिवहन न किए जाने से मुसीबत बढ़ रही है। शेष धान की सुरक्षा, सुखत एवं खुले आसमान में रखे होने के कारण मौसम की प्रतिकुलता यानी बरसात की आशंका के कारण खरीदी केन्द्रों के संचालकों के लिए काफी चिंता एवं परेशानी का कारण बना हुआ है। आज 15 फरवरी को फिंगेश्वर धान खरीदी केन्द्र में 1 लाख 2 हजार 5 सौ कट्टा, बारूला में 50 हजार कट्टा, गुण्डरदेही में 1 लाख 27 हजार कट्टा, बोरसी केन्द्र में 1 लाख 12 हजार कट्टा, भसेरा में 76 हजार 5 सौ कट्टा, पोलकर्रा में 77 हजार 2 सौ कट्टा, बेलर धान खरीदी केन्द्र में 59 हजार 4 सौ कट्टा, परसदाकला में 94 हजार 5 सौ कट्टा, लचकेरा जामगांव केन्द्र में सबसे ज्यादा 1 लाख 30 हजार कट्टा एवं चरौदा धान खरीदी केन्द्र में 1 लाख 24 हजार दो सौ कट्टा धान परिवहन न होने से भगवान भरोसे खुले आसमान के नीचे पड़ा है। सहकारी बैंक फिंगेश्वर के प्रबंधक एस एन पांडे ने बताया कि परिवहन करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। परंतु खरीदी केन्द्रों से नियमित परिहवन न होने से धान की सुरक्षा का काम काफी मुश्किल एवं कठिनाई भरा है। खरीदे गए धान का उठाव न होने से धान के अधिक मात्रा की सुरक्षा के लिए समितियों को अनावश्यक रूप से अतिरिक्त व्यय वहन करना पड़ता है। विपणन संघ द्वारा किए गए अनुबंध के आधार पर बफर लिमिट से अधिक धान होने पर 72 घंटे के भीतर धान का उठाव कराने का नियम है। लेकिन सभी उपार्जन केन्द्र में बफर लिमिट से अधिक धान का उठाव करना आज तक शेष है। श्री पान्डे ने कहा कि बफर स्टॉक के कारण बेमौसम बारिश होने से धान खराब होने की आशंका रहती है। धान सुखत होना, चूहा, दीमक, चोरी इत्यादि से भी नुकसान होता है। जिसकी भरपाई के लिए काफी परेशानी होती है। अगर जल्द से जल्द धान का परिवहन न किया गया तो कर्मचारियों ने होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदारी न लेने की बात कही है।