
गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। माघ मास की पूर्णिमा तिथि माघ मास में पड़ती है। अध्यात्मिक दृष्टि ये माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, दान, जप और व्रत करने से विशेष फल मिलता है। माघ पूर्णिमा माघ मास का अंतिम दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन माघ पूर्णिमा की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है कि 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा माघ पूर्णिमा का व्रत आइए जानते है 23 या 24 फरवरी कब रखा जाएगा। माघ पूर्णिमा तिथि का आरंभ 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा और अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6 बजे तक रहेगी। लेकिन पूर्णिमा तिथि का व्रत और सत्यनारायण व्रत 23 को किया जाएगा क्योंकि इस दिन रात्रि में पूर्णिमा तिथि रहेगी और पूर्णिमा तिथि में ही चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व है। माघ पूर्णिमा 23 के दिन रवि योग रहने वाला है। 24 फरवरी को रात में पूर्णिमा तिथि नहीं रहेगी इसलिए पूर्णिमा का व्रत इस दिन नहीं किया जाएगा। जबकि इस दिन पूर्णिमा का स्नान दान आदि धार्मिक कार्य किए जाएंगे। क्योंकि उदयातिथि में पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी को रहेगी और स्नान दान के लिए पूर्णिमा तिथि का उदया तिथि में होना जरूरी है। माघ पूर्णिमा पूजा मुहूर्त 24 तारीख में माघ पूर्णिमा के स्नान औरचल चौघड़िया शाम में 4 बजकर 51 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक है।