

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर में रबी फसल के लिए नहरों से बराबर पानी न मिलने से किसान काफी परेशान है। आज बुधवार को फिंगेश्वर में रबी फसल ले रहे लगभग 300 एकड़ के कृषकों आशा घृतलहरे, मुन्ना खुटे, सुरेश साहू, कमलेश साहू, प्रेमू माण्डले, रोहित कुर्रे, मनोज सोनवानी, नाथूराम कोसरे, टीकम ढीढी, सत्यनारायण सोनवानी, घनश्याम कोसरिया, गणेशू बंजारे, संतराम खुटे, होरीलाल सोनकर, मंगल मांडले, संतराम महिलांग, बैसाखू सोनवानी, खेदूराम सिन्हा, विश्राम साहू, मनीराम खुटे, कल्याण माहरा, जगदीश भारती, ओमप्रकाश माण्डले, जीवन गिरदे आदि ने आज पत्रकारों को अपने खेत की दुर्दशा दिखाते हुए बताया कि खेतों में दरारें आ गई है। धान के पौधे सुखने लगे है अगर ज्यादा से ज्यादा 2-3 दिनों में इन खेतों में पानी नहीं पहुंचा तो पूरी फसल पानी के अभाव में सुखकर बर्बाद हो जावेगी। हमने सिंचाई विभाग द्वारा पानी दिए जाने के एग्रीमेंट के बाद ही धान की बोआई की है। कृषकों में काफी आक्रोश व्याप्त है। इस स्थिति के बारे में फिंगेश्वर जल संसाधन विभाग के एसडीओ कुलेश्वर जोशी ने बताया कि आगे गोल्डी नाले के पास चैन क्रमांक 340 में नहर फूट गई है। इसलिए पानी आगे बढ़ने में कठिनाई आ रही है। उक्त नहर को सुधारने का काम चल रहा है जो आज शाम-रात तक सुधर जावेगा और कल तक पानी फिंगेश्वर तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे है। श्री जोशी ने किसानों की समस्या पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि गनियारी बांध से भी फिंगेश्वर नहर में पानी पहुंच जावेगा। आगे रस्ते के गांव वाले किसानों द्वारा हेडअप कर दिए जाने के कारण फिंगेश्वर तक पानी आने में रूकावट आ जाती है। जबकि हमारे विभाग के अधिकारी-कर्मचारी प्रतिदिन दिनभर नहर की मॉनिटरिंग करते है और हेडअप तोड़वाते है। परंतु किसान मानते नहीं है रात में फिर पानी रोककर अपने खेतों में ले जाते है। इससे ही आगे के किसानों को पानी मिलने में विलंब हो रहा है। चूंकि गनियारी एवं सिकासेर दोनों की नहर-नाली में फिंगेश्वर टेल एरिया पड़ता है। श्री जोशी ने कहा कि हम दिन-रात अथक प्रयत्न कर जुटे हुए है कि पूरे कमांड एरिया में पानी बराकर मिलें। उन्होंने गनियारी और सिकासेर दोनों तरफ से 1-2 रोज में पानी पहुंचने की बात कही है। और किसानों से धीरज रखने की अपील की है।