
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर व्यापारी संघ के संरक्षक एवं धान की ट्रेडिंग करने वाले व्यवसायी महावीर प्रसाद यादव ने कृषि मंत्री रामविचार नेताम द्वारा मंडी शुल्क घटाने की गई घोषणा पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे किसानों व ट्रेडर्स व्यवसायियों एवं गांव में व्यापार कर रहे छोटे व्यापारियों के हित में बताया है। श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस शासन में मंडी शुल्क में 3 प्रतिशत की भारी भरकम वृद्धि कर दी गई थी। जिससे मंडी शुल्क 5 प्रतिशत चुकाना पड़ता था। बड़े मिलरों को छूट देकर छोटे व्यापारी जो ट्रेडर्स का काम करते है उनके मंडी शुल्क की वसूली की जा रही थी। जिससे ट्रेडर्स का व्यापार ठप हो गया था। गांवो में मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट आ गया था। महावीर यादव ने बताया कि मंडी शुल्क की भारी भरकम दर के कारण ट्रेडर्स व्यापार खत्म होता जा रहा था। कांग्रेस सरकार द्वारा केवल मंडी के ट्रेडर्स, व्यापारी व छोटे लायसेंस धारी व्यापारियों पर 3 प्रतिशत का मंडी टैक्स व 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क, कुल 5 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा था। उक्त टैक्स के कारण मंडी ट्रेडर्स व गांव में व्यापारी धान खरीदी करने में असमर्थ हो जाते थे। मंडी में पोहा मिल को 1 प्रतिशत टैक्स लिया जाता था, चावल निर्यात करने वाले निर्यातकों से 0 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है। इस असंगतपूर्ण मंडी टैक्स के कारण मंडी में ट्रेडर्स व मिलर्स के बीच धान की खरीदी में प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाती थी। चूंकि टैक्स के कारण ट्रेडर्स मंडी खरीदी से बाहर हो जाता था, जिसके कारण किसान को उसका अधिकतम मूल्य नहीं मिल पाता था और मंडी में टैक्स भी कम आता था। इससे ट्रेडर्स से जुड़े रेजा, मजदूर भी बेरोजगारी के कगार पर थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में मंडी शुल्क पर 5 प्रतिशत तक के शुल्क लिए जा रहे थे। जिस वजह से किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा था। मंडी शुल्क में कमी से किसानों को अब समस्या से राहत मिलेगी व फसल का वाजिब दाम भी मिलेगा। महावीर यादव ने कहा कि टैक्स कम होने से अब छोटे व्यापारी भी व्यवसाय कर सकेंगे। अब सरकार ने मंडी शुल्क को 3 प्रतिशत से घटाकर 1.5 प्रतिशत तक कर दिया है। साथ ही कृषक कल्याण शुल्क को 0.5 प्रतिशत तक कर दिया गया है। कुल 2 प्रतिशत मंडी शुल्क किया गया है।