
मनरेगा के कार्यों में फर्जीवाड़ा :- रोजगार सहायक समेत अन्य सहयोगी ने पीएम आवास, समतलीकरण कार्यों में लाखों का फर्जी मास्टर रोल भरकर किया फर्जीवाड़ा
ग्रामीणों की दावा, एक मृत महिला के नाम 5 साल तक हाजिरी भरकर शासकीय राशि का आहरण किया गया
सितेश सिरदार
उदयपुर (गंगा प्रकाश)। ग्राम नमना में बिना स्वीकृति के तालाब सहित अन्य कार्यों में मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान का फर्जीवाड़ा की मामला प्रकाश में आया है जिसकी ग्रामीणों ने लिखित शिकायत करने के बाद जांच के दौरान पहुंचे अधिकारी से ग्रामीणों ने तत्काल कार्रवाई की मांग किया है।
उदयपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत नमना में विगत वर्ष 2018 से लगातार 2022 तक रोजगार सहायक एवं मेट मुंशी सहित अन्य लोगों की मिली भगत से लाखों रुपए की फर्जीवाड़ा किया गया है इसकी जानकारी तब हुई जब मजदूरों ने विगत दिनों मेहनत की राशि मांग किया तब उनकी पैसा नहीं मिली इसके खोजबीन बाद गांव में ग्रामीण एकजुट होकर इस मुद्दे पर एक रायसुमारी बनाकर बीते 26 फरवरी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी उदयपुर के नाम नमना के सरपंच नवीन सिंह, पंच शिवरतन, देवशरण, रामप्रसाद समेत अन्य 61 ग्रामीणों की लिखित ज्ञापन सौंप तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग किया।
जिस मामले पर 29 फरवरी को जनपद पंचायत उदयपुर की करारोपण अधिकारी विपिन चौहान व बीपीएम रोशन गुप्ता ग्राम पंचायत नमना पहुंच मामले की जांच किया इस दौरान ग्रामीणों ने एक बिंदु पर विस्तृत जानकारी बताते हुए कार्रवाई की मांग किया इस दौरान रोजगार सहायक एवं मेट मुंशी को सबकी मौजूदगी में पूछताछ करने पर उन्होंने स्वयं की गलती स्वीकार भी किया।

जांच के दौरान ग्रामीणों ने बताया गांव में वर्ष 2018 से अब तक कई लोगों की पीएम आवास, समतलीकरण कार्य स्वीकृति के बाद निर्माण किया गया है जिसमें रोजगार सहायक और मेट मुंशी अपने निजी परिवार के कई लोगों का फर्जी हजारी भरकर मास्टर रोल में लाखों रुपए पैसा आहरण कर लिया है।
लिखित जांच में ग्रामीणों ने बताया पांच वर्ष पूर्व गांव की एक महिला की मृत्यु हो गई है जिसके नाम पर लगातार 5 साल में करीब 150 से अधिक हाजिरी भरकर पैसा आहरण किया गया है परंतु गंभीर बात यह है कि ऐसे मामले पर उच्च अधिकारियों ने भी अब तक संज्ञान नहीं लिया।
गांव में बिगद कुछ दिनों से एक नवीन तालाब में मनरेगा के तहत कार्य किया गया है जो विभाग से अब तक स्वीकृति ही नहीं हुआ है लेकिन मौके में 3 लाख से अधिक का मजदूरी के तहत निर्माण कार्य भी हो गई यह भी मामला कर्मचारी अधिकारियों के कार्यों पर सवाल खड़े होते हैं।
नमना के विशेश्वर पिता मस्तराम के नाम पर रोजगार सहायक एवं मेट के द्वारा डबरी निर्माण कार्य में भी काफी कार्य मजदूरों को कराया गया जबकि उक्त व्यक्ति के नाम पर निर्माण कराए जाने हेतु शासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं किया गया है रोजगार सहायक के द्वारा शासकीय सुकृति प्राप्त नहीं होने के बावजूद भी पहले से मजदूरों को मजदूरी कर कर कि उनकी मजदूरी देने में आनाकानी कर रहा है जिससे ग्रामीण मैं काफी आक्रोश से तथा जिला प्रशासन से उनके द्वारा किए गए कार्यों की मजदूरी भुगतान करने हेतु गुहार लगाई है
कारारोपण अधिकारी विपिन चौहान ने बताया जांच के प्रथम दृष्टिया में रोजगार सहायक की गलती पुष्टि हुई है ग्रामीणों की मौजूदगी में जांच किया गया जिसकी संपूर्ण दस्तावेज की रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा जिनके द्वारा अग्रिम कार्यवाही किया जाना है।