बड़ा सवाल ? क्या छत्तीसगढ़ में “मोदी गारंटी” की निकल गई हैं हवा? जीवनदायनी सुपेबेडा जलप्रदाय योजना में रेत “चोर” बना रोड़ा,इंटेक वेल बनाने के लिए निर्मित काफर डेम के वाल को तोड़ बना दिया रेत चोरी करने के लिए रास्ता।

साइड इंजीनियर की लिखित शिकायत के बाद कलेक्टर ने दिया एफआईआर करने के निर्देश

माफिया,भंडारण पीट पास के आड में साल भर से कर रहा हैं रेत चोरी




गरियाबंद (गंगा प्रकाश )। सरकार किसी भी पार्टी की हो गरियाबंद जिला में अवैध रेत खनन को रोकना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया हैं।तत्कालीन भूपेश सरकार के समय रेत माफियाओं का नग्गा नाच पांच सालों तक चलते रहा और कर्ज में डूबे छत्तीसगढ़ का राजस्व की खुले आम लूट मचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया।अब छत्तीसगढ़ मोदी गारंटी के साथ भाजपा नीत “विष्णु” सरकार है सत्ता पर काबिज हुए तीन माह भी पूरे नही हुए है और रेत माफियाओं का आतंक जिला गरियाबंद में फिर देखने को मिल रहा हैं।जिसे देख कर लगता हैं की छत्तीसगढ़ में मोदी गारंटी की हवा निकल गई हैं?गरियाबंद जिले में अवैध रेत खदान धडल्ले से जारी है।राजिम से लेकर देवभोग तक अवैध रेत खनन से रोजाना प्रशासन को हजारों रुपए की रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है।हालाकि छत्तीसगढ़ राज्य से भूपेश की भ्रष्ट सरकार तो जनता ने उखाड़ फेका हैं किंतु भ्रष्ट नौकरशाह आज भी अपनी कुर्शियो में चिपके हुए है जिसका नतीजा यहा है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में प्राकृतिक संसाधनों को गिद्ध की तरह नोचने वाले माफिया अपने सियासी रसूख की बदौलत खुलेआम नदियों का सीना चीर कर रेत का अंधाधुंध अवैध खनन करते रहते हैं।सवाल उठता है कि आखिर छत्तीसगढ़ में कब तक चलता रहेगा अवैध रेत उत्खनन व परिवहन का कार्य? कब तक सत्ता पक्ष व विपक्ष के लोग गुंडागर्दी,दादागिरी,मारपीट,खौफ व प्रभाव का इस्तेमाल कर रेत और गौण खनिज का उत्खनन अवैध तरीके से करते रहेंगे। दिनरात चैन माउंटेन(पुकलेण्ड)से रेत की अवैध खुदाई कर सैकड़ों ट्रीप परिवहन हो रहा है।जिसके चलते कर्ज में डूबे छत्तीसगढ़ का राजस्व को एक बड़ी हानि हो रही हैं तो वंही एनजीटी के सारे नियमो और सारे कानून कायदा को सरेआम ठेंगा दिखाते हुए चैन माउंटेन मशीन से  नदीयों का सीना छलनी किया जा रहा है और जिम्मेदार मौन साधे हुए है।  दिनदहाड़े कानून की धज्जियां उड़ाते हुए हो रहे रेत के अवैध कारोबार में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों,ओहदे पदो पर बैठे जिम्मेदारों सहित छुट भैया और चुरकुट नेताओं का नाम सामने आ रहा है।जिसके वजह से प्रशासन अपना रोना रोने में लगे है।गरियाबंद में हो रहे रेत के गोरखधंधे का तार रायपुर के ओहदेदार पदो पर बिराजमान जिम्मेदार से जुड़ने का खबर सामने आ रहीं हैं जो कि अवैध रेत खनन पर खनन माफियाओं को जिला प्रशासन की खुली छूट मिली हुई है।नतीजन सरकार को लाखो रुपए का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।गौरतलब है कि शासन द्वारा अवैध रेत खनन रोकने तरह-तरह के नियम बनाकर प्रशासन को लगातार निर्देश दे रहे है।तो दूसरी ओर गरियाबंद जिले में जिला प्रशासन कि नाक के नीचे खुलेआम नियमों को ताक में रखकर नदीयों में रेत खनन का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है।इस पूरे मामले में जिम्मेदार की संलिप्तता,तगड़ी सेटिंग और माफियाओं को खुला संरक्षण साफ तौर पर नजर आ रहा है।जिसके कारण बेरोकटोक रेत की अवैध खुदाई और परिवहन लगातार जारी है।कभी कभार दिखावे की कार्यवाही कर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लेते है।खनन माफिया की पहुंच और पैसों के दम पर सारे नियम और कानून कायदों को जेब में रख लिए है।जिसे प्रशासन भी रोकने में बेबस नजर आ रहे है।जिसके कारण खनन माफिया की दबंगई खुलकर सामने आ रहा है।
अवैध रेत खुदाई में खनन माफियाओं को संरक्षण के चलते इनके हौसला इतना बुलंद है कि इसे किसी भी कानून का डर नहीं है।जिसके कारण बेधड़क चैन माउंटेन से रेत खुदाई कर कानून के विपरीत कार्य कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने में भी कोई गुरेज नहीं कर रहे है।बताना लाजमी होगा कि सुपेबेडा जल प्रदाय योजना के लिए निर्माणाधीन इंटेक वेल के काफर डेम को ध्वस्त कर रेत के अवैध परिवहन के लिए नदी में रास्ता बना दिया गया हैं।फिर चेन माउंटेन से रेत चोरों द्वारा हाईवा लोड की लोडिंग की जा रही है।इतना ही नहीं काम को रोकने पर तो रॉयल्टी रोकने की धमकी तक दे डाली हैं भयभीत निर्माण ठेकेदार ने पीएचई को घटना की जानकारी दे कार्यवाही की मांग किया हैं।बताते चले कि छतीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे देवभोग क्षेत्र में तेल नदी के सेनमुडा घाट में रेत माफियाओं ने रेत का अवैध परिवहन करने इंटेक वेल निर्माण के लिए बनाए गए काफर डेम को क्षतिग्रस्त कर रेत का अवैध परिवहन करना शुरू कर दिया है।सेनमूडा जल प्रदाय योजना के लिए तेल नदी पर बनाए जाने वाले इंटेक वेल के खनन के पूर्व ,बाहर का मिट्टी लाकर काफर डेम का निर्माण कराया गया था।महावीर बोर वेल के साइड इंजिनियर शेषनारायण द्वारा पूर्व रेत ठेकेदार के नाम से पीएचई ईई  पंकज जैन से लिखित शिकायत किया है।बताया है आज सुबह चेन माउंटेन लेकर कुछ लोग नदी में घुसे व काफर डेम को ध्वस्त कर रेत निकासी के लिए रास्ता बना दिया।मना करने पर खुदाई करवाने के लिए पहूचे भूते यादव  नाम का युवक धमकी देता रहा।युवक अपने आप को रेत खदान मालिक का आदमी बताता रहा।शिकायत करने बात कही तो फोन से कोल कर साइड इंजिनियर को निर्माण कार्य के लिए लगने वाले रेत की रॉयल्टी रोकने की धमकी तक  दे दिया गया।दबंग रेत माफियाओं ने चेन माउंटेन से आज दिन भर हाईवा भर भर के रेत का अवैध परिवहन कराया ।मामले में पी एच ई,पंकज जैन ने कहा की अवैध परिवहन टास्क फोर्स बनाया  गया है,उन्हे सूचना देने के अलावा कलेक्टर को पत्र लिख आवश्यक कार्यवाही हेतु निवेदन किया जाएगा।

कोई खदान अधिकृत नही,डंप पीट पास के आड में हो रहा खेल

देवभोग तहसील में  खनिज विभाग द्वारा कूम्हड़ी घाट का निविदा जारी किया गया है।परिवहन विभाग के एनओसी नही होने के कारण इस खदान की रॉयल्टी जारी नही किया गया है। करचिया खदान के पूर्व ठेकेदार ने रेत डंपिंग की पीट पास खनिज विभाग से बनाया हुआ है।वही से ही रेत विक्रय किया जाना बताया जाता है।साल भर रेत की भारी सप्लाई हुई लेकिन डंपिंग रेत आज तक खत्म नही हुआ।डंप रेत के आड में इसी तरह घाट बदल बदल कर रेत का अवैध खनन व परिवहन कराया जा रहा है। जिले भर में रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है,लेकिन देवभोग कार्यवाही से अछूता है, रेत माफियाओं का हौसला बुलंद है इसलिए कर्चीया व कूम्हडाई घाट में अवैध खनन के बाद अब
अब सेनमुड़ा घाट पर यह करतूत किया जा रहा है।

रेत का अवैध परिवहन बना रोड़ा

लगभग 10 करोड़ लागत से सूपेबेडा जलप्रदाय योजना का काम दो माह से चालू है।महावीर बोरवेल को यह काम मिला हुआ है ।सूपेबेड़ा बस्ती के ऊपर बन रहे  वाटर रिमूवल प्लांट को तेल नदी से पानी सप्लाई के लिए नदी के भीतर इंटेक वेल बनाया जा रहा है।निर्माण के दौरान अचानक पानी के बहाव निर्माण क्षेत्र में ना घुसे उसके लिए 50 मीटर की परिधि में काफर डेम का निर्माण किया जा रहा है।इसके लिए ठेका कंपनी ने बाहर से मिट्टी लाकर नदी को तीन छोर में घेरा था।लेकिन मुख्य बंधान को तोड़ कर अवैध परिवहन के लिए रास्ता बना दिया गया। गोरतलब हो की इस घाट में इंटेक वेल के अलावा सिंचाई विभाग का डायफार्म वाल,पीएम जीएस वाय विभाग का पुल निर्माण का काम चल रहा है। ऐसे में इसी घाट पर रेत माफिया के रोड़ा से ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश देखा गया है ।

सफेद पोस रेत चोर का काला कपड़ा वाला गुर्गा

महावीर बोरवेल के साइड इंजीनियर ने घटना स्थल से जो विडियो भेजा है,उसमे चेन माउंटेन चालक ने काला शर्ट पहने जिस सख्स के कहने पर दीवार तोड़ने का इशारा किया है वो चोर का दाहिना हाथ भूते यादव है।बगैर रॉयल्टी के खदानों में लगने वाले ट्रेक्टर मालिको के घर अवैध उगाही करने जाना हो  तो मुंशी बन जाता है,अवैध परिवहन की रॉयल्टी पर्ची कटती है तो वाहन स्वामी की भूमिका में दिखता है,या कही नए घाट पर अवैध खुदाई करने जाना है तो यही भूते पहुंचता है।सफेद पोस बने रेत चोर के इशारे में यह काला कपड़ा वाला गूर्गा कई अवैध काम को अंजाम देता है।पत्रकारों को फंसाने इस्तेमाल किए जाने वाले हथकंडों में भी इस काले शर्ट वाले की भूमिका अहम होती है।गरीब परिवार के इस सख्स को रुपए का लालच देकर रेत चोर हर गलत काम में इसे आगे कर अपने बचने का आसान व सस्ता रास्ता निकाल लिया है।डेम वाल तोड़ने की घटना के बाद कलेक्टर ने दोषियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश दिया है।अब देखना होगा कि कलेक्टर के इस निर्देश के बाद रेत चोर अपने आप को बचाने इस बार क्या तरीका निकालता है?


टास्क फोर्स वाहन, मशीन जप्त करने में नाकाम?

जिले में कोपरा, हथखोज, परसदा,सरकडा में रेत के अवैध खदान जारी है। जबकि एनीकेट में पानी आने के कारण सिंधोरी, चोबेबंधा कुछ दिन पहले ही बंद हुआ है।धमतरी के डूमर पाली खदान से रेत की निकासी सरकडा से  धमतरी के परेवाडीग के लीगल खदान से देर रात जारी अवैध परिवहन राजिम नवीन मेला मार्ग से निकल रहा है ।सभी अवैध खदान में रेत का परिवाहन रात 10 बजे के बाद होता है।रोजाना    300 से ज्यादा हाईवा नदियों का सीना चीर दौड लगा रहे हैं।कार्यवाही के नाम पर हाईवा की जप्ति हो रही है।लेकिन खदान पुरी तरह से बंद नही हो पा रहा है।कार्यवाही के लिए टास्क फोर्स का गठन भी हुआ है जो वाहन पकड़ रहे,लेकिन ख़दानों में मौजूद मशीनों को बंद कराने में नाकाम साबित हो रहा है।

कूटेना में हुई कुटाई पर कार्यवाही नही

बताते चलें कि गरियाबंद में अवैध रेत खनन पूरे चरम सीमा पर है।जिले के कूटेना रेत घाट पर तीन चेन माउंटेन मशीन से हो रहे अवैध खनन को रोकने 29 जनवरी की रात जिला खनिज विभाग का अमला एक निजी स्कॉर्पियो में सवार होकर कूटेना पहुंचे हुए थे।टीम कार्यवाही करती उससे पहले रेत माफिया के गुर्गे खनिज अमला पर हमला कर दिया था।बताया जाता है की अवैध खनन से जुड़े लोग हाई प्रोफाइल है, जिन्हें राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त हैं।स्कॉर्पियो पर तोड़ फोड़ के बाद चालक व कर्मी की पिटाई की, डर इतना की तोड़ फोड़ किए गए वाहन को झाड़ियों में छुपा रखा गया था।मामले में 15 से ज्यादा लोगो के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला भी दर्ज किया गया पर,गिरफ्तारी की कार्यवाही बाकी है।सरकारी अमले पर हमले के बाद सीधी घाट में दबिश देने प्रशासनिक अमला असुरक्षित महसूस कर रही है।

रोजाना 200 हाइवा निकल रहा रेत

महानदी के कोपरा,चौबेबांधा व कूकदा घाट में 7 से ज्यादा मशीन लगी हुई हैं,जो दिन रात रेत का अवैध परिवहन कर रही है।बताया जाता है की इन घाटों की वैधता खत्म होने के बावजूद यहा लगातार अवैध खनन जारी है। कहा जाता है काम में जुड़े सरगना वही है बस सत्ता बदलते ही सेटिंग व सेटिंग के बाद देने वाले कलेकशन का पता बदल गया है।

नदियों के लिए काल बनता अवैध रेत खनन

प्रकृति ने हमें नदी दी थी जल के लिए लेकिन समाज ने उसे रेत उगाहने का जरिया बना लिया और उसके लिए नदी का रास्ता बदलने से भी परहेज नहीं किया हैं ।उत्तर और मध्य भारत की अधिकांश नदियों का उथला होते जाना और थोड़ी सी बरसात में उफन जाना, तटों के कटाव के कारण बाढ़ आना और नदियों में जीव-जंतु कम होने के कारण पानी में ऑक्सीजन की मात्र कम होने से पानी में बदबू आना, ऐसे ही कई कारण हैं जो मनमाने रेत उत्खनन से जल निधियों के अस्तित्व पर संकट की तरह मंडरा रहे हैं। आज हालात यह है कि कई नदियों में ना तो जल प्रवाह बच रहा है और ना ही रेत।
सभी जानते हैं कि देश की बड़ी नदियों को विशालता देने का कार्य उनकी सहायक छोटी नदियां ही करती हैं। बीते एक-डेढ़ दशक में देश में कोई तीन हजार छोटी नदियां लुप्त हो गईं। इसका असल कारण ऐसी मौसमी छोटी नदियों से बेतहाशा रेत को निकालना था, जिसके चलते उनका अपने उद्गम व बड़ी नदियों से मिलन का रास्ता बंद हो गया। देखते ही देखते वहां से पानी रूठ गया। खासकर नर्मदा नदी को सबसे ज्यादा नुकसान उनकी सहायक नदियों के रेत के कारण समाप्त होने से हुआ है। इसका ही असर है कि बड़ी नदियों में जल प्रवाह की मात्र साल दर साल कम हो रही है।

कलेक्टर के निर्देश के बाद भी नहीं रुक रहा अवैध खनन

आपको बता दे की हाल ही में अवैध खनन को लेकर टास्क फ़ोर्स की बैठक में छत्तीसगढ के समस्त कलेक्टरों ने अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा था कि अवैध रेत व मुरूम की खुदाई पर पुलिस विभाग के साथ टीम बनाकर कार्यवाही करे।लेकिन कलेक्टरों के निर्देश और आदेश का पालन नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में  में जगह जगह अवैध खनन से जंहा शासन को राजस्व की क्षति हो रही है तो वहीं पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है।दूसरी ओर  खनिज विभाग खनन माफियाओं और रेत के अवैध कारोबार में जुड़े नेताओं के दबाव का दंश भी झेल रहा है।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इन खनन माफियाओं को आखिर सरंक्षण कौन दे रहा है ?क्या इस अवैध कारोबारियों पर कोई कानून लागू नहीं?ये सवाल भी अब छत्तीसगढ़ कि जनता पूछ रही है।क्षेत्र में रेत चोर रातों में सक्रिय हो जाते है और रात भर  नदियों से पुकलेण्ड मशीन से लोडिंग कर  रेत चोरी करते हैं और सुबह होते ही नदी से मशीन निकाल ली जाती हैं। रेत को जमाकर मनमाने दाम पर बेचकर भारी अवैध मुनाफा लिया जा रहा है।रेत माफियाओं की इन हरकतों से खनिज विभाग को इन दिनों रेत की रायल्टी का जबरदस्त नुकसान हो रहा है,और ऐसा भी नही की प्रशासनिक अमला को इसकी जानकारी ना हो सारा खेल जिम्मेदारों की जानकारी में होने के बाबजूद भी रेत चोरी का खेल धड़ल्ले से जारी हैं जिससे रोजाना सरकार को लाखों रुपये का चूना लग रहें है।मिली जानकारी के अनुसार फिंगेस्वर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नदियों के किनारे बसे रेत माफियाओं की नजर अब हर वर्ष की तरह रेत का नियमों को धता बताकर अवैध खनन कर डंपिंग कर भारी मूल्य में बेचकर चांदी नहीं बल्कि सोना काटने पर उतारू है। हर वर्ष की तरह खनिज विभाग भी इन रेत चोरों पर लगाम लगाने की तैयारी में उडनदस्ता तैयार किया है उसके बाबजूद भी रेत चोरों द्वारा भी तु डाल-डाल तो मैं पांत -पांत कहते हुए भारी मात्रा में अवैध खनन लगातार किया जा रहा है।जिला प्रशासन द्वारा रेत की खुदाई बंद करने का आदेश खनिज विभाग के लोग मानने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि रेत चोरों के साथ सांठगांठ कर अनेक गांव में अभी भी धड़ल्ले के साथ नदी से रेत की खुदाई और अर्वध परिवहन दोनों ही चल रहा है।ग्रामों में तो और भी हद हो गई है।वहां गांव के सरपंच और पंचों द्वारा मना करने के बावजूद रेत चोर तथा उनके छूट भैये नेता पूरी तरह से दादागिरी करते हुए नदी से रेत निकालने का काम खुलेआम कर रहे हैं।खनिज विभाग के अधिकारियों को अवैध रेत उत्खनन तथा अवैध परिवहन दोनों की ही पूरी जानकारी रहती है।लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है।इससे  स्पस्ट होता है कि रेत चोरी का सारा खेल में खनिज विभाग के अधिकारी की सांठगांठ से सारा खेल खेला जा रहा हैं वंही राजस्व विभाग का भी अपना शेयर तय हैं  जानकारी होने के बाबजूद राजस्व विभाग भी मूकदर्शक बना हुआ हैं।वहीं दूसरी ओर रेत चोरों द्वारा अवैध उत्खनन रोकने वालों के खिलाफ ही थाने में फर्जी शिकायतें दर्ज कराने की धमकी दी जा रही है।तो कंही पत्रकारों को भी धमकी दी जा रही है। खनिज विभाग की छत्रछाया में चल रहे इस धंधे के कारण जिला प्रशासन कि न केवल छवि खराब हो रही है।वरन उसकी बदनामी भी हो रही है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेत के अवैध खनन पर बीजेपी का स्थगन।

रेत के अवैध खनन का मामला तत्कालीन भूपेश सरकार के समय सदन में उठा था  बीजेपी ने इस पर स्थगन प्रस्ताव दिया था और चर्चा कराये जाने की मांग की थीं।
गौरतलब हो कि तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि पूरे प्रदेश में रेत माफिया सक्रिय है,रेत का अवैध खनन चल रहा है। अवैध रेत का भंडारण किया जा रहा है।बारिश में प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है,नदी किनारे रेत मफ़ियाओ ने टीले बनाकर रख दिया है,अधिकारियों की हिम्मत नहीं है की कार्रवाई कर सके,सूरजपुर में कार्रवाई करने गए ज़िला खनिज अधिकारी के साथ मारपीट की गई थी अधिकारी दबे कुचले नज़र आ रहे हैं,सरकार के संरक्षण में रेत का अवैध खनन हो रहा है।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि अब तक शराब माफिया,भू मफ़ियाओं की चर्चा होती थी अब राज्य में रेत माफिया भी आ गये हैं,शराब माफिया रेत के अवैध खनन में भी आ गये हैं।

सदन में भी अवैध खनन का मुद्दा गूंजा था जिसमें भाजपा ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव लाया।

छत्तीसगढ़ विधानसभा  सदन में  अवैध खनन का मुद्दा गूंजा था जिसमें बीजेपी  ने शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव लाया था स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया जाए या नहीं इस पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा था कि प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन किया जाएगा। लोगों के पास एक्सपैंड्स खरीदने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।मामले में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा था कि एनजीटी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। सरकारी रेत माफिया को निर्देशित कर रही है या रेत माफिया सरकार को निर्देशित कर रहे हैं। सरकारी संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है।अधिकारी झूठ नहीं बोलते हैं।
जेसीसीजे के पूर्व विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा था कि सरकारी संरक्षण में सत्ता पक्ष के लोगों के लोग अवैध उत्खनन कर रहे हैं। रेत के नाम पर जंगलराज कायम हो गया है। शराब माफिया पहले से सक्रिय हैं।अधिकारी ट्रांसफर के डर से उन्हें कुछ नहीं बोलते।पूर्व सीएम रमन सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा था कि- नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है।हाल ये है कि अवैध रेत उत्खनन की वजह से शिवनाथ नदी की दिशा बदल रही है। पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। सभी शराब के गुंडेन्ड पर उतर चुके हैं। इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए।

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष ने भी सवाल उठाया था

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था कि अवैध उत्खनन को प्रोत्साहित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की गई है। पूरे प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। अधिकारी की हिम्मत नहीं है कि घाट पर जाकर कार्रवाई करें।गांव वालों के खिलाफ माफिया बर्बरता पूर्वक व्यवहार कर रहे हैं।इस चर्चा के बाद आसंदी ने स्थगन की सूचना को विचाराधीन रखा और फिर असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की।नरेड़ी के बीच आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा था कि- किसी न किसी माध्यम से इस विषय पर चर्चा की जाएगी।किन्तु बार बार सदन मुद्दे गूंजते तो है किंतु अबैध रेत खनन और परिवहन करने बालो पर कोई ठोस कार्यवाही नही होती हैं जो लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

धमतरी विधायक श्रीमती रंजना साहू ने भी विधानसभा में उठाया था महानदी में हो रहे अवैध उत्खनन का मुद्दा,भूपेश बघेल ने कहा था हो रही है जांच

पूर्व की भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ रेत चोरों का राज चल रहा था छत्तीसगढ़ में अबैध रेत खनन एक दो जिलों की नही बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में रेत चोरों का राज चलते रहा हैं गौरतलब हो कि धमतरी विधायक श्रीमती रंजना साहू ने भी विधानसभा मानसून सत्र के प्रथम दिवस सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से वर्षा काल में प्रतिबंधित अवधि पर महानदी में हो रहे अवैध उत्खनन का मुद्दा उठाया था उन्होंने बताया था कि निर्धारित मात्रा व क्षेत्र  से अधिक रेत का भंडारण कर शासन प्रशासन को इस कारोबार से संबंधित लोग आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस पर निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर देते हुए कहा था कि रायपुर संभाग में सस्टेनेबल सैड माइनिंग मैनेजमेंट की गाइड लाइन (केन्द्र सरकार) के अनुसार 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदी में रेत खनन पर लगाया प्रतिबंध का पालन किया जा रहा हैं। जांच समिति बनाकर औचक निरीक्षण पश्चात जांच करते हुए अवैध उत्खनन,जहां भी पाया जाता है वहां कार्रवाई की जा रही है तथा आगे भी जारी रहेगी। निवर्तमान मुख्यमंत्री ने बताया था कि रायपुर संभाग में 15 जून की स्थिति मे 114 चिन्हाअंकित जगह पर भंडारण की अनुमति दी गई है,जिसका क्षेत्र एवं मात्रा भी निर्धारित की गई है।उन्होंने बताया था कि अवैध भंडारण के 4 प्रकरण बनाए गए हैं, जिसमें 43,000 रुपए का अर्थदंड आरोपित किया गया है।

विधानसभा में उठा था अवैध रेत खनन का मुद्दा, धरमजीत सिंह ने किया था बड़ा दावा कि अभी चलिए अगर रेत खदान में मशीन नही हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा

छत्तीसगढ़ में हो रहे रेत के अवैध खनन और परिवहन का मुद्दा विधानसभा में जमकर गूंजा था।कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश द्वारा उठाये सवाल पर धरमजीत सिंह ने सरकार को घेरते हुए रेत खदानों में ठेकेदारों की मनमानी का आरोप लगाया था धरमजीत सिंह ने चुनौती देते हुए कहा था कि मंत्री जी अभी हेलिकाॅप्टर मंगवा लिजिये और रेत घाट का सर्वे करवा लीजिए….अगर 200 पोकलेन मशीन नदी में नही होंगे तो मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा।धर्मजीत सिंह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने रेत का बड़ा खेल खेला है।घाटों का अधिकार पूर्व की तरह पंचायत को देने की जरूरत है। इसके अलावा 15 दिनों तक लगातार कार्रवाई करने की जरूरत है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिले में आज भी रेत घाटो पर माफियाराज हावी है।प्रदेश के अधिकांश घाट विधिवत अनुमति नही मिलने के कारण बंद है। वावजूद इसके इन बंद पड़े घाटों पर ठेकेदार और खनन माफिया माइनिंग और पुलिस के संरक्षण में अवैध खनन धड़ल्ले से कर रहे है।आज विधानसभा में पामगढ़ से कांग्रेस विधायक शेषराज हरवंश ने इस मामले पर मुख्यमंत्री से सवाल किया था।मुख्यमंत्री के बदले वित्त मंत्री ओ.पी.चैधरी अवैध रेत खनन और परिवहन पर हुए कार्रवाई की जानकारी दे रहे थे।इसी दौरान बीजेपी विधायक धरमजीत सिंह ने अवैध रेत खनन के मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाये थे धरमजीत सिंह ने पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाया था कि पिछली सरकार ने निगम और पंचायत द्वारा चलाये जाने वाले रेत घाटों का निविदा कर ठेकेदारों को दे दिया गया। जिनके द्वारा सारे पर्यावरण नियमों की अनदेखी कर जमकर अवैध रेत खनन किया गया धरमजीत सिंह ने आरोप लगाया था कि ये समस्या सिर्फ जांजगीर जिला का नही बल्कि प्रदेश के अधिकांश जिलों का है। उन्होने सदन में चुनौती देते हुए कहा कि मंत्रीजी अभी हेलिकाॅप्टर मंगवा लिजिये और सर्वे करा लिजिये। अभी अगर 200 पोकलेन नदी घाट पर नही मिलेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।विधानसभा में सवाल उठाते हुए धर्मजीत सिंह ने मंत्री से मांग की थी कि क्या?वे आगामी 15 दिनों तक अवैध खनन में लगे पोकलेन मशीनों की जप्ती कार्रवाई के लिए आदेश करेंगे क्या ?इसके साथ ही धरमजीत सिंह ने सरकार से रेत घाटों को ठेकेदार और बाहुबलियों के कब्जे से वापस लेकर ग्राम पंचायत और नगर निगम को देने की अपील की थी।

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