
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। मंदिर ट्रस्ट, स्कूलों सहित अन्य संस्थाओं की कृशि भूमि जो वर्शो से अंचल के कृशकों द्वारा किराए-रेगहा में लेकर किसानी की जाती है उस भूमि पर इस वर्श भी अंचल के अनेक गांवो के किसानों ने खरीफ उत्पादन लिया और नियमानुसार समर्थन मूल्य में धान बेचा है। परन्तु इन खेतिहार कृशकों-मजदूरों को इन भूमियों पर बेचे गए धान की किसान उन्नत की 917 रू. क्विंटल दी जाने वाली राशि नहीं दी जा रही है। सहकारी बैंक से पूछे जाने पर कृशकों को बताया गया कि इस बारे में शासन से निर्देश आए है कि ट्रस्टां, संस्थाओं की कृशि भूमि में किसान उन्नति योजना की राशि नहीं देना है। इस नियम से अंचल के सैकड़ों कृशकों में गहरा रोश एवं सरकार की इस कृशि विरोधी नीति का जमकर विरोध करने की तैयारी है। इस मामलें में अंचल के कृशक राजिम विधायक रोहित साहू से मिलें और अपनी व्यथा का बखान करते हुए आवेदन दिया। विधायक श्री साहू ने कृशकों की समस्या को गंभीरता से सुना तथा कृशकों द्वारा लाए गए नियमों को भी पढ़कर कहा कि जमीन वास्तव में ट्रस्टों तथा संस्थाओं की है, परंतु इसमें अपनी मेहनत एवं खर्च से किसानों ने उत्पादन किया है। इन्हें उनकी मेहनत की राशि मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री एवं कृशि मंत्री से मिलेंगे। श्री साहू ने किसानों की पीड़ा को समझा और अंचल के कृशकों के प्रतिनिधि मंडल को साथ लेकर मुख्यमंत्री से मिले। श्री साहू ने कृशकों के साथ मुख्यमंत्री विश्णुदेव साय को उनकी समस्या से अवगत कराया है। विधायक श्री रोहित साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्या को सुना और यथाशीघ्र इस बारे में नियमों का अवलोकन, कृशि मंत्री एवं अधिकारियों के साथ चर्चाकर यथासंभव कृशकों के हित में निर्णय लेंगे। कृशकों ने विधायक की सक्रियता एवं हमारी यथोचीत मांग की जरूरतों को समझते हुए हमारे साथ मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष समस्या को रखा इस पर काफी प्रसन्नता व्यक्त की है। और आशा जताई की उन्हें अवश्य किसान उन्नति योजना का लाभ मिलेगा।