
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिंगेश्वर में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीमती गार्गी यदु और जिला नोडल अधिकारी (अंधत्व) टी सी पात्रे खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र हिरौंदिया के दिशा निर्देशानुसार 12 मार्च से 18 मार्च 2024 तक विश्व ग्लाकोमा सप्ताह मनाया जा रहा है। नेत्र सहायक अधिकारी नितेश कुमार सिन्हा ने बताया कि विश्व ग्लॉकोमा सप्ताह 12 से 18 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है जिसमें आँखों पर दबाव पड़ने की वजह से ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है जिसकी वजह से आँखो की रोशनी धीरे धीरे कम होने लगती है इस स्थिति को ग्लॉकोमा व काला मोतियाबिंद कहा जाता है इनके लक्षण सर में दर्द, पास के चश्मे का नंबर बार बार बदलना, दृष्टि का दायरा सिकुड़ना, बल्ब के चारों ओर इंद्र धनुषीय रंग का दिखना, 40 वर्ष की उम्र से इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होती है। परिवार में ग्लॉकोमा होना, आँखो में चोट लगने तथा ब्लड प्रेशर वाले मरीजों की संभावना अधिक रहती है। एक बार यदि आँखो का ऑप्टिक नर्व सुख जाने के बाद कोई उपचार नही होता है। अगर सही समय पर आँखो की जाँच नही करवाएंगे तो ग्लॉकोमा कि वजह से आँखो की रौशनी हमेशा के लिए जा सकती है आँखो की जाँच समय समय पर करते रहना चाहिए । जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में निः शुल्क जाँच एवम उपचार किए जाते है नेत्र सहायक अधिकारी पी निर्मलकर, योगानंद चक्रधारी, श्रीमती वाणी आराधना साहू एवं समस्त स्टॉफ उपस्थित रहे।