
एफआईआर होने पर भूपेश बघेल बोले- लोकसभा चुनाव में हार के डर से मेरे खिलाफ साजिश रच रही है भाजपा

रिपोर्ट:मनोज सिंह ठाकुर
रायपुर(गंगा प्रकाश)। कांग्रेस ने भूपेश बघेल को इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मु्श्किलें बढ़ सकती हैं। ईओडब्ल्यू ने महादेव बेटिंग एप मामले में भूपेश बघेल के खिलाफ केस दर्ज किया है। ईडी का आरोप है कि 6000 करोड़ का घोटाला हुआ है।छत्तीसगढ़ भूपे नंबर 1 पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है आरोपी बघेल का नाम ईडी और ईओडब्लू की वांटेड लिस्ट में शामिल हो गया है और एजेंसियों को उसकी तलाश है । दिल्ली, महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ एमपी , आंध्रप्रदेश समेत कई राज्यों में अंजाम दिए गए महादेव ऐप घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के खिलाफ ईओडब्लू में एफआईआर दर्ज की गई है , मामला महादेव ऐप बैटिंग घोटाले का है । आर्थिक अपराध अनुसन्धान ब्यूरो ने बघेल के अलावा एक दर्जन से ज्यादा सटोरियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है । एफआईआर में धोखाधड़ी , आपराधिक साजिश , विश्वासघात और अवैध वसूली समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत अपराध पंजिबद्ध किया गया है।दुबई में गिरफ्तार सौरभ चंद्राकर , शुभम सोनी समेत कई ऐप प्रमोटरों ने भूपे बघेल को सालाना करोड़ों की रिश्वत सौपी थी । इसके बदले भूपे सरकार महादेव ऐप को गैर कानूनी संरक्षण प्रदान करती थी । हाल ही के विधानसभा चुनाव में भूपे के ड्राइवर सुमित दास के माध्यम से रवि उत्पल ने भी बघेल को 508 करोड़ की रकम सौपी थी।
इस रकम से मात्र 8 करोड़ रूपए ही ईडी ड्राइवर के पास से नगद जब्त कर पाई थी । यह रकम भूपे के करीबी ड्राइवर सुमित दास उर्फ़ बप्पा की गाड़ी से बरामद किए गए थे । बताते हैं कि बघेल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में एजेंसियों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैँ। भूपे के अलावा 16 अन्य लोगों का नाम भी एफआईआर मे दर्ज किया गया है।इस एफआईआर मे दागी आईपीएस अधिकारियों का नाम नही होने के चलते , मामला राजनैतिक रंग लेने लगा है । दरअसल इसी साल जनवरी माह में 8 और 30 तारीख को ईडी ने 2 बार शिकायती पत्र ईओडब्लू को भेज कर लगभग 70 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे , इसमे आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैँ । उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज नही होने से ईओडब्लू विवादों मे है।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील होने के चलते आरोपी भूपे बघेल की गिरफ्तारी की भी संभावना जताई जा रही है, फिलहाल वो राजनांदगाव लोकसभा सीट से भाग्य आज़मा रहे हैँ । सूत्र बताते हैं ईओडब्लू और ईडी दोनो ही जांच एजेंसियों की लिस्ट में आरोपी भूपे बघेल वांटेड नंबर वन है।यह भी बताया जा रहा है कि करीब 6 हजार करोड़ के महादेव ऐप घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए वरिष्ठ अफसरों और केंद्रीय एजेंसियों की ज़रूरत है । दरअसल राज्य की पुलिस और कई बड़े नौकरशाह इस घोटाले मे शामिल हैँ । लिहाजा सूत्र बताते हैं कि राज्य की बीजेपी सरकार घोटाले की CBI से जांच कराने पर भी विचार कर रही है।

लोकसभा चुनाव में हार के डर से मेरे खिलाफ साजिश रच रही है भाजपा:बघेल
बघेल ने कहा कि बीजेपी ने मान लिया है कि वह राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव हार रही है इसलिए मेरे खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। बीजेपी मान रही है कि मेरे चुनाव लड़ने से छत्तीसगढ़ की बाकी सीटों पर भी प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि महादेव एप मामले में आज रविवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम फिर सामने आने पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं और इसका डटकर सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी और सीएम विष्णुदेव साय के सुशासन में महादेव एप पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसे बंद नहीं किया गया है। लोकसभा चुनाव को आते देख बीजेपी घबराई हुई है, डरी हुई है, सहमी है, इसलिए लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए वह इस तरह के हथकंडे अपना रही है। बीजेपी अभी से ही हार मान चुकी है, इसलिए वह इस तरीके से परेशान करना चाहती है पर वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होगी।सीएम बघेल ने आगे कहा कि जब यह मामला चार मार्च का था तो फिर आज क्यों उजागर किया गया। आज यह खबर क्यों चली? पहले भी इस पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, इस मामले को उसी दिन ईओडब्ल्यू और एसीबी की वेबसाइट पर पर क्यों नहीं चढ़ाया गया? इससे साफ मालूम चलता है कि इसके पीछे बीजेपी की बहुत बड़ी साजिश है। ईओडब्ल्यू के विवरण में ही मेरा जिक्र नहीं है, जबरन नाम डाला गया है। अपराधियों के बयानों को ईडी ने जो आधार बनाया है, उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जो बीजेपी छापे डलवाकर चंदा वसूलती है, वह किस मुंह से इस तरह की बात कह रही है।
बघेल ने कहा कि बीजेपी ने मान लिया है कि वह राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव हार रही है इसलिए मेरे खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। बीजेपी मान रही है कि मेरे चुनाव लड़ने से छत्तीसगढ़ की बाकी सीटों पर भी प्रभाव पड़ेगा इसलिए मुझे बदनाम करने की साजिश रच रही है। अपने इस साजिश को अंजाम देने के लिए भाजपा केंद्रीय एजेंसी ईडी और राज्य की ईओडब्ल्यू को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि एफआईआर में जिस तरह से मेरा नाम डाला गया है उसे दर्शाता है कि राजनीतिक साजिश की वजह से मेरा नाम इस्तेमाल किया गया है बाकी अधिकारियों का क्यों नहीं नाम डाला गया है। मेरे कार्यकाल में ही महादेव एप मामले की जांच हुई। कई के खिलाफ कार्रवाई की गई। महादेव एप की तरह जुआ और सट्टे को रोकने के लिए हमने जुआ और सट्टे के अधिनियम में भी परिवर्तन किया। उन्होंने कहा कि हमने ही महादेव एप के संचालक सौरभ चंद्राकर को और रवि उप्पल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था । हमने ही गूगल को पत्र लिखकर गूगल प्ले स्टोर से महादेव ऐप को हटाने के लिए कहा था।दरअसल छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव एप मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामला आईपीसी की धारा 120बी, 34, 406, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, भूपेश बघेल और 21 अन्य के खिलाफ चार मार्च को मामला दर्ज किया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले ये मामला कांग्रेस नेता के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है।

भूपेश बघेल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें,पूर्व सीएम के खिलाफ केस दर्ज
लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने ईडी की सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया। भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में केस दर्ज किया गया है। ईडी महादेव सट्टा ऐप पर करीब 1 साल से कार्रवाई कर रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी भूपेश बघेल का नाम सामने आया था। अब इस मामले में केस दर्ज किया गया है। बता दें कि भूपेश बघेल को कांग्रेस ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।लगभग एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। महादेव ऐप के दो मुख्य प्रवर्तक छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखते हैं। ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध से अर्जित अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है।
मामले की जांच कर रही है ईडी
ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘‘ईडी मामले की जांच कर रही है और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर चार मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस थाने में बघेल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल, ऐप प्रवर्तकों – रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल तथा 14 अन्य को प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि मामले में कुछ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 471 (जाली दस्तावेज उपयोग करना) तथा भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रावधान शामिल हैं। ईडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्राथमिकी में कहा गया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए मंच बनाया और व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम के अलावा अन्य सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से सट्टेबाजी में संलिप्त हुए।
हर महीने कमाए 450 करोड़ रुपए
प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवर्तकों और ऐप से जुड़े ‘पैनल संचालकों’ ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से प्रति माह लगभग 450 करोड़ रुपये कमाए। प्राथमिकी के मुताबिक, महादेव ऐप के प्रवर्तकों एवं पैनल संचालकों ने अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। इसके मुताबिक, पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में प्रवर्तकों को अवैध धन हस्तांतरित किया।प्राथमिकी में दावा किया गया कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कृत्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने विभिन्न पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को मोटी रकम दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर बघेल पर निशाना साधा था।
बघेल ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी की कार्रवाई को ‘‘राजनीतिक साजिश’’ करार दिया था और संघीय एजेंसी पर अपने ‘‘राजनीतिक आकाओं’’ के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ईडी अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने इस मामले में अब तक रायपुर की अदालत में दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ भी आरोपपत्र शामिल हैं। ईडी ने पूर्व में इस मामले के सिलसिले में कई बार छापेमारी की थी।
शामिल हैं कई प्रभावशाली लोग
जांच में इस बात का भी पता चला है कि महादेव एप के प्रमोटर्स द्वारा अपने विरुद्ध कार्रवाइयों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया। इसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। यह प्रकरण चार मई को दर्ज किया गया।
एफआईआर में पुलिस अधिकारियों के नाम क्यों नहीं?
ईडी के शिकायती प्रतिवेदन में किसी भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम दर्ज नहीं हैं। ईडी ने जब इससे जुड़े लोगों के बयान लिए तो कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम जरूर सामने आए हैं । मगर वो नाम नहीं दिए गए हैं। इसलिए एफआईआर में किसी का नाम नहीं है। बताया जाता है कि अब ईओडब्ल्यू ईडी के शिकायती प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण की जांच नए सिरे से करेगी।
किस जिले में कितने मामले
पिछले दिनों विधानसभा में इस एप को लेकर बताया गया था कि जनवरी 2020 से नवंबर 2023 तक महादेव सट्टा एप पर कुल 28 शिकायतें आईं और कुल 90 प्रकरण दर्ज किए गए। रायपुर में 36, दुर्ग में 23, बिलासपुर में दो और जांजगीर में दो मामले दर्ज हैं। सूरजपुर में भी चार मामले दर्ज हैं। महादेव एप में विशेष रूप से 67 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 54 पर चालान पेश किए जा चुके हैं। इससे जुड़े 507 बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 221 खाते फ्रीज किए जा चुके हैं और इनमें जमा एक करोड़ 16 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं।