
सितेश सिरदार
लखनपुर (गंगा प्रकाश):– शासन प्रशासन ने तहसील न्यायालय की बुनियाद आमजनों के हित को देखते हुए रखे थे। दूर दराज के पक्षकारों को राजस्व मामलों में दूसरे शहरों की ओर जाना ना पड़े नजदीक तहसील में ही जमीन संबंधी मामलों का निपटान हो सके।तथा पक्षकारों के समय और पैसे दोनों की बचत हो । लेकिन इसके विपरित लखनपुर तहसील में आवेदको को प्रकरणों के निराकरण के लिए सालों इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि एसडीएम लिंक कोट भी लगता है बाद इसके लम्बित प्रकरणों के फाईल का अंबार लगा हुआ होता है। आवेदक अपने केस के लिए अक्सर पेशी तारीख लेकर बैरंग वापस घर की ओर लौट जाते हैं। राजस्व मामलों में अविवादित नामातरण बटवारा, फौती, सीमांकन, ऋण पुस्तिका, नक्शा सुधार, तथा जमीन संबंधी दूसरे मामलात के राजस्व फाइल अधिकारी कर्मचारीयों के लापरवाही अनदेखी के कारण सालों से दबे पड़े रहते हैं।
जन चर्चा है कि जिस आवेदक से चढोतरी मिलती है उन पक्षकारों के मुकदमा फाइल को एहमियत दिया जाता है अन्यथा जिनसे कुछ नहीं मिलता ऐसे आवेदक तहसील कार्यालय के चक्कर लगाते रह जाते हैं। हल्का पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू आवेदको को घूमाते रहते हैं। महीनों नहीं सालों तक पक्षकार इंसाफ पाने भटकते रह जाते हैं। लिहाजा तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम के कुछ आवेदको ने लम्बित प्रकरणों का निराकरण समय सीमा पर कराने तथा तहसील कार्यालय में व्यवस्था सुधारने शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है।
वहीं दूरस्थ ग्रामीण अंचल से तहसील कार्यालय में आये आवेदक ठंडी, गर्मी बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे यहां वहां पेड़ों के साये में बैठ नजर आते हैं। इन पक्षकारों के बैठने के लिए भवन की इंतजाम होने चाहिए, नहीं है। तहसील कार्यालय में आने वाले पक्षकारों ने तहसील परिसर में सामुदायिक भवन निर्माण कराने के लिए भी शासन से मांग किया है जिससे तहसील कार्यालय में आने वाले फरियादियों को बैठने के लिए माकूल वाजिब जगह मिल सके।