भागवत पंडाल विवाह मंडप में बदला, आज तिवारी परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में रूखमणी विवाह प्रसंग पर श्रद्धालुओं ने विवाह जैसा उत्साह एवं उमंग दर्शाया

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। रूखमणी विवाह प्रसंग के चलते आज सोमवार को नगर में बबली-दीपक तिवारी परिवार द्वारा अपने परिजनों के श्राद्ध के अवसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन का हाल काफी सुंदर, आकर्षक एवं वैवाहिक आयोजन का पंडाल जैसा भव्य लग रहा था। दोपहर की चिलचिलाती धूप के बाद भी कथा प्रारंभ समय पूरा पंडाल श्रद्धालुजनों की भीड़ से भरा हुआ था। व्यासपीठ से अपने प्रवचन में भगवताचार्य पं. भागीरथी तिवारी ने कहा कि भक्ति में भगवान को बुलाने की ताकत होती है वहीं क्रोध व्यक्ति के पतन का कारण बनता है। जीवन का सारा आनंद हमारे भीतर है। हमें उस आनंद को समझना होगा। लेकिन लोग आजकल आनंद को बाहर ढूंढते है। संसार की वस्तुओं में हम जो अनुभव करते है वह केवल विषयानंद है जबकि अंतर मन से प्रभु का नाम लेना, चिंतन, मनन करना कथा श्रवण करने का वास्तविक आनंद है। जो एक बार हृदय में समा जावें तो कभी समाप्त नहीं होता। आज लोग अपने भीतर रावण रूपी क्रोध को पाल रखें है। इसलिए राम रूपी आनंद को नहीं समझ पा रहे है। इसलिए क्रोध रूपी रावण को मारने के लिए हमें राम-नाम का जाप करना होगा तभी हम व्यसन और दुर्गुण से मुक्त हो पायेंगे। रूखमणी विवाह प्रसंग की चर्चा करते हुए भगवताचार्य ने बताया कि कृष्ण कोई साधारण नहीं है। ब्रम्हांड पति है। पूर्ण पूरब है। संसार के नरनारी में कुछ न कुछ कमी जरूर होती है लेकिन 16 कलाओं से परिपूर्ण श्री कृष्ण में कुछ कमी संभव ही नहीं है। जैसे ही कृष्ण-रूखमणी विवाह का प्रसंग आया पूरा पंडाल उत्साह उमंग से झुमने लगा। श्रद्धालु एक दूसरे को बधाई देने लगे। विवाह समारोह जैसे सज-धज कर आई महिलाओं के कारण पूरा पंडाल विवाह उत्सव सदृश्य लग रहा था। महिलाओं की प्रचुर संख्या के कारण उत्साह उमंग का माहौल नयनाभिरामी लग रहा था। प्रारंभ में भागवत आयोजक तिवारी के दीपक तिवारी सहित महिलाओं ने काफी उत्साह उमंग के साथ नृत्य करते हुए भागवत भगवान की पूजा अर्चना कर नमन किया। कन्या विवाह (रूखमणी) के निमित्त भागवत मंच में श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए विभिन्न रंग बिरंगी उपहारों को ढे़र लग गया। अनेक श्रद्धालुओं ने कन्या विवाह (रूखमणी) में टिकावन अर्पित कर स्वयं को कृतार्थ किया। आज के कथा पंडाल में महिलाओं की काफी संख्या रही। भागवत कथा पंडाल में महिला की काफी संख्या रही। भागवत कथा की समाप्ति के बाद तिवारी परिवार के साथ साथ उपस्थित श्रद्धालु विशेषकर महिलाओं ने भावपूर्ण नृत्य कर भागवत भगवान की आरती की कल मंगलवार को कथा के सातवें दिवस भगवताचार्य व्यासपीठ से सुदामा चरित्र प्रसंग पर प्रवचन करेंगे।

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