जग्गी हत्याकांड में हाईकोर्ट का बड़ा फ़ैसला:सभी आरोपीयो के आजीवन कारावास की सजा बरकरार,अपील खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद सन 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राम अवतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद पूरे प्रदेश में राजनीतिक उबाल आ गया था। जहां बीजेपी के निशाने पर वर्तमान की अजीत जोगी की कांग्रेस सरकार थी। इस हत्याकांड में 27 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया था। निचली अदालत में 27 दोषियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसे सभी आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। आज इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपना अहम फैसला देते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा,जस्टिस अरविंद वर्मा के डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। डिवीजन बेंच ने 29 फरवरी को सभी अभियुक्तो की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद गुरवार को सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई हैं।आजीवन कारावास की सजा पाने वाले में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन टीआई के अलावा रायपुर के वर्तमान मेयर एजाज ढेबर के भाई याह्या ढेबर, शूटर चीमन सिंह शामिल है।
जानिए क्या है पूरा मामला- चार जून 2003 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी( एनसीपी) के नेता रामावतार जग्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें दो अभियुक्त सरकारी गवाह बन गए थे। मामले में अमित जोगी को बरी कर दिया गया था शेष 27 लोगों को सजा मिली थी।
इन सभी के अपील पर आया फैसला
जग्गी हत्याकांड में दोषी अभय गोयल, वीके पांडे, याहया ढेबर, अभय गोयल, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदोरिया,अनिल पचौरी, रविंद्र सिंह,रवि सिंह, लाला भदौरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार,विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, विक्रम शर्मा, जबवंत, विश्वनाथ राजभर की तरफ से अपील की गई थी।

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