
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। आज मंगलवार 9 अप्रैल को चैत शुक्ल 01 प्रतिपदा से 17 अप्रैल रामनवमीं तक चैत नवरात्र पर्व का शुभारंभ नगर की मौलीमाता मंदिर सहित अंचल के गांव गांव के दैवीय मंदिर के साथ साथ मॉ रमईपाठ, मॉ जतमई, मॉ घटारानी में हो गया। आज दोपहर शुभ मुहुर्त में नगर की मौली मंदिर में मंदिर समिति के ट्रस्टीयों श्रद्धालुजनों एवं गणमान्य नागरिकों ने ज्योत प्रज्जवलित कर ज्योत जंवारा स्थापित किया गया। इसी प्रकार अंचल की आस्था एवं विश्वास की प्रतीक मॉ घटारानी, मॉ जतमई धाम एवं मॉ रमईपाठ में भी मंदिर समिति के सदस्यों, आस्थावान ग्रामीणों, मनोकामना ज्योत प्रज्जवलित करवाने वाले श्रद्धालुओं आदि ने शुभ मुहुर्त में पूजापाठ कर मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित की जो लगातार 9 दिनों तक मॉ के दरबार में प्रज्जवलित रहेगी। आज से ही हिन्दू नववर्ष के साथ संवत् 2081 का भी शुभारंभ हुआ है। इस पर्व को लेकर नगर एवं क्षेत्र में भारी चहल पहल का माहौल बना हुआ है। दैवीय मंदिरों में नवरात्रि पर्व को लेकर आकर्षण साज-सज्जा, रंग रोगन के साथ साथ इलेक्ट्रीक प्रकाश व्यवस्था काफी आकर्षक ढंग से की गई है। आज जंवारा प्रतिस्थापन, देवी मंदिरों में ज्योति स्थापना आदि के कारण बाजार में पूजन सामग्री, नारियल, तेल के साथ घी आदि की जबरदस्त मांग रही। अंचल के दैवीय मंदिरों में काफी संख्या में मनोकामना पूर्ण करने आस्था एवं विश्वास के साथ मनोकामना ज्योति रखी जाती है। श्रद्धालु जनों की मान्यता है कि दैवीय शक्ति स्वरूपा मॉ अपने दरबार में नौ दिन तक लगातार ज्योत प्रज्जवलित करने वाले भक्तों की मनोकामना जरूर पूर्ण करती है। इसी आस्था के चलते मॉ घटारानी, मॉ रमईपाठ, मॉ जतमई आदि दैवीय मंदिरों में हजारों की संख्या में मनोकामना ज्योत रखी गई है। इन देवालयों में प्रतिदिन भंडारा भी रखा जा रहा है। इन मंदिरों में आज से जससेवा, माता सेवा गीतों की अविरल धारा मन को शांति और समरसता की ओर ले जावेगी। नगर पंडितों ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धी योग और अमृत सिद्धी योग बन रहा है। इस शुभ समय एवं मुहुर्त में घटस्थापना मॉ के भक्तों के लिए बहुत लाभदायक एवं उन्नति कारक सिद्ध हो सकती है। शरद एवं चैत्र माह में पड़ने वाली नवरात्रि मॉ दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष होती है। इन 9 दिनों में भक्त मॉ की भक्ति में लीन रहते है। और दिन रात मॉ की उपासना करते है। इस नवरात्र माता श्रद्धालुओं को दर्शन देने घोड़े में सवार होकर आ रही है। शक्ति का स्वरूप माने जाने वाली माता दुर्गा को समर्पित यह 9 दिन बेहद कल्याणकारी होते है। इन 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। और पूरे देश में भक्ति, पूजा के साथ उल्लास का माहौल रहता है। समिति सदस्यों ने बताया कि मॉ रमईपाठ में 1015 एवं कर्राबाघिन मॉ के दरबार में 115 श्रद्धालुओं की मनोकामना ज्योत रखी गई है।