
डोंगरगांव(गंगा प्रकाश)। जानकारी अनुसार डोंगरगांव थाना क्षेत्र के शराब भट्टी जाने के मार्ग में इन दिनों देशी, विदेशी शराबों की धडल्ले से तस्करी की जा रही है।
तस्करों में नहीं है कार्रवाई का भय शराब तस्करों के मन में कार्रवाई का भय नहीं है।परिणाम ये है कि पकड़े जाने के बाद भी जमानत मिलने पर पुन: इस धंधे में शामिल हो जा रहे हैं। ऐसे में धंधे पर अंकुश लगने की बजाय इसकी तादाद बढ़ती ही जा रही है। नई सरकार आने पर भी इनकी तस्करी कम होने का नाम नहीं ले रही, चखना दुकानों पे बुलडोजर चलाने के बाद देखना ये है की सरकार कब इस भी अपना शिकंजा कसती है
तस्करी के धंधे में शामिल हैं युवा वर्ग लेकिन ज्ञात सूत्रों से कुछ तस्करों का नाम अभी काफी प्रमुखता से सुनाई दे रहा है जो बड़े पैमाने में इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे है। इसमें खास कर राजा खुज्जी के कुछ पुराने तस्कर ज्यादा ही सक्रिय है जो खुज्जी में शराब कोचियों को घर पहुंच शराब छोड़ते है और साथ ही ग्राम महरूम में ढेला दुकान खोल कर शराब बेचता एक पुराना कोचिया लगातार तस्करी में संलिप्त है। डोंगरगांव से मेन रोड मार्ग साथ ही कोहका बेंदरकट्टा नदी पुल ,दर्री खुज्जी पुल इनके लिए तस्करी का आसान रास्ता बन गया है जहा ये तेज रफ्तार से गाडियां दौड़ाते हुए शराब लेकर निकल रहे है। और कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाले धंधे से युवा वर्ग लगातार जुड़ रहे हैं। लालच में युवा इसमें अपना भविष्य खोज रहे हैं। इसमें न तो मोटी पगड़ी देकर दुकान की आवश्यकता है न ही कहीं भंडारण की। शराब को छोटे मोटे कोचियों को घर पहुंच सेवा देकर मोटी कमाई एक बार में कर रहे है।डोंगरगांव में शराब माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं यहां
हजारो, रूपयो की अवैध शराब का कारोबार धडल्ले से चल रहा है। भट्टी से लगातार शराब माफिया आस पास के गावों में बेखौफ शराब की सप्लाई करते रहते हैं। तस्करी के लिए तस्कर स्पोर्ट्स बाइक,स्कूटी के साथ साथ अब कार का भी उपयोग करने लगे है जिससे एक साथ अधिक मात्रा में शराब ले जाई जा सके। शराब को ले जाने के लिए हाईटेक बैग का भी उपयोग किया जा रहा है।
इसमें संदेह के घेरे में शराब दुकानों में काम करने वाले वर्कर भी आ रहे है की इतनी बड़ी मात्रा में उनको शराब उपलब्ध कैसे कराई जा रही हैं। शासन के पर व्यक्ति सीमित क्वाटर नियम का यहां मजाक बनाया जा रहा।
शराब भट्टी क्षेत्र में लगातार अवैध शराब परिवहन करने के मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं लेकिन शराब तस्करों को ना तो प्रशासन का डर है और ना ही स्थानीय पुलिस का। कैसे शराब माफिया रात्रि के समय हो या दिन के समय शराब के परिवहन करते हैं ऐसे शराब माफिया पर कब नकेल कसी जाएगी यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है. डोंगरगांव सहित आसपास के क्षेत्रों में लगातार पुलिस को अवैध रूप से बिक रही शराब की शिकायतें भी मिलती रहती हैं शराब माफियाओं के द्वारा गांव गांव तक कैसे बेखौफ शराब पहुंचाई जाती है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है कि आखिरकार शराब माफियाओं को पुलिस और प्रशासन का कोई डर क्यों नहीं है।