
रायपुर(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में एक बार फिर से राज्य के पूर्व सचिवालय के सचिव अरूपति त्रिपाठी के अपराधियों की यहां से पूछताछ शुरू हो गई है। ढेबर, अरविंद सिंह और अरूपति त्रिमूर्ति की पहली झलक जारी है। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि अरूपति त्रिपाल के व्यवसाय से दो मोबाइल फोन भी मिले हैं। मामले की जांच जारी हो रही है, हालांकि ईओडब्ल्यू की ओर से अरूपति त्रिपाठी के अपराधी को लेकर कोई आधिकारिक अभी तक बयान सामने नहीं आया है।
छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ के शराब घोटाले में ईडी ने अभी तक 200 करोड़ की संपत्ति ही जब्त की है। ऐसे में हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी की जप्ती अभी बाकी बताई जा रही है, दावा है कि ईडी की नई ईसीआईआर में 70 से ज्यादा की बड़ी संपत्तियों और अधिकारियों को बेसमेंट बनाया गया है, जबकि इंवेस्टमेंट के दौरान अन्य चार श्रेणी में उन दस्तावेजों को भी शामिल किया गया है। तार शेयरहोल्डर के कारखाने में ज्वालामुखी पाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से ईओडब्ल्यू ने शराब की दुकानों पर अपना पैसा लगाया है। ताज़ा जानकारी के मुताबित ईओडब्ल्यू की एक टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बाघल के कई करीबियों के रिकॉर्ड की जानकारी दी है। भिलाई में विजय भट्टी के मुताबित में ईओडब्ल्यू की टीम के शेयर पर कई शराब की बोतलें शामिल हैं, जिनकी जानकारी दी गई है।
इससे यह भी पता चलता है कि शराब घोटाले में कई अहम सबूत एसेनियो के हाथ लगे हैं। इसके पूर्व मुख्यमंत्री चंबाल बॅचलैथ, प्रमाणित प्लास्टिसिटी मंत्री कवासी लखमा और बाबर अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा की भी दोस्ती में इज़ाफ़ा हो गया है।