अप्रैल महीने में 04 दिन बजेगी शहनाई, विवाह मुहुर्त एवं नक्षत्र संयोग

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। इस माह अप्रैल में विवाह के 4 दिन है मुहुर्त। इसके बाद शुक्र तारा के अस्त होने के बाद 2 जुलाई से होगा विवाह। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने से देवताओं के गुरू बृहस्पति देव का प्रभाव क्षीण हो जाता है। इसके चलते 30 दिनों तक खरमास लगता है। इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। वर्तमान समय में सूर्य देव मीन राशि में विराजमान है और 13 अप्रैल को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाएंगे। आइए अप्रैल महीने में विवाह हेतु शुभ तिथियॉ और मुहुर्त जानते है अप्रैल माह विवाह मुहुर्त 18 अप्रैल को विवाह मुहुर्त है। इस दिन मघा नक्षत्र है। 19 अप्रैल को विवाह मुहुर्त है। इस दिन एकादशी भी है। वहीं नक्षत्र मघा है। एकादशी तिथि पर विवाह करना श्रेष्ठ माना जाता है। 20 अप्रैल को भी विवाह मुहुर्त है। इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है। वहीं तिथि द्वादशी है। अप्रैल महीने में अंतिम लग्न यानी विवाह मुहुर्त 21 अप्रैल को है। इस दिन तिथि त्रयोदशी है। वहीं, नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी ही है। इसके बाद अप्रैल महीने में विवाह मुहुर्त है। ज्योतिष त्रयोदशी तिथि को विवाह हेतु शुभ मानते है। विवाह तिथि निर्धारण हेतु स्थानीय पंडित से अवश्य सलाह लें। इन महीनों में नहीं होगी शादी ज्योतिषियों की मानें तो गुरू और शुक्र तारा के अस्त होने पर शादी नहीं करनी चाहिए। 22 अप्रैल से शुक्र तारा के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में कोई विवाह मुहुर्त नहीं है। इसके बाद 2 जुलाई से विवाह मुहुर्त है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *