
पूर्व मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा पर एफआईआर दर्ज,पीएम मोदी पर की थी विवादित टिप्पणी
रिपोर्ट: मनोज सिंह ठाकुर
जगदलपुर (गंगा प्रकाश)।मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए दिल की जरूरत पड़ती हैं जो कि एक दुसरे के लिए प्यार एक दूसरे के दिलो में रहता हैं,खुद से ज्यादा लेकिन सब कुछ उल्टा चश्मा पहनकर चल रहा है।जो दिलो में प्यार की जगह लोग नफरते पाल लिए है तो आज की तारीख में मोहब्बत की दुकान बन्द हो चुकी है जो देश में प्यार के नाम पर लव जेहाद तक कर दिया है।जो प्यार की मिठाई दिखाकर उसके बाद हवस की आग में नोचने के लिए छोड़ देते है तो मोहब्बत की दुकान में बहुत कुछ परिवर्तन हो चुका है जो सबकुछ मिल सकता हैं लेकिन प्यार के मामले में बहुत कुछ विपरित हो सकता हैं तो पहले खुद के दिल में प्यार पैदा करो दूसरे इंसान के लिए तभी आपको प्यार मिल सकता है।वरना प्यार के मामले में मोहब्बत की दुकान खोलने के बाद मालिक का कुछ अता पता तक नहीं है। तो ऐसी दुकानदारी मोहब्बत की अब देश में नही चलने वाली है जो लव जेहाद बन चुकी हैं तो किसी जमाने में इश्क खुदा हुआ करता था लेकिन आज की तारीख में इश्क कमीना हो गया है जो मोहब्बत के नाम पर सिर्फ एक दूसरे को लूटने का काम जारी है तो लोग अपनें हिसाब किताब से काम चला रहे हैं बाकी राहुल गांधी से मोहब्बत के मामले में दुकान चला लेंगे इसकी खास उम्मीद तक नहीं कर सकते हैं।छत्तीसगढ़ में इनके नेता लगातार प्रधानमंत्री मोदी के लिए जो शब्द इस्तेमाल कर रहें जिससे स्पष्ट होता है की कांग्रेस ने मोहब्बत की दुकान की जगह नफरत का मेगा शॉपिंग मॉल खोल चुकी हैं?
राजतन्त्र के बारे में एक कहावत है की “यस्य राजा तस्य प्रजा” अर्थात जैसा राजा का आचरण होता है प्रजा भी उससे वैसा ही सीखती है।परन्तु लोकतंत्रमें ये कहावत बिलकुल उलटी है। यहाँ “यस्य प्रजा तस्य राजा” होता है। अगर आज के अनपढ़ नेताओं के बारे में देखें तो इन्हे उस पीड़ी ने नेता बनाया था जो खुद ज़्यादा पढ़ी नहीं थी।वो धर्म और जाती की ही केवल राजनीती करती थी उसके चक्कर में वो ऐसे नेताओं को चुनती थी जो उनकी जाती का हो।भले ही वो और उसके साथी रात के अंधियारे में राह चलते उसकी बहु बेटियों को ही क्यों न हाथीया ले लेकिन चुनेंगे उसी को।
बहुत से गाँव में तो किसे जिताना है ये एक रात पहले निर्धारित होता था। जिसने अच्छी दारू पीला दी ,अच्छा भोजन करवा दिया वोट उसी को,इसके पीछे एक बड़ा कारन ये भी था की उन्हें इस बात पे भरोसा नहीं था की भी नेता उनकी समस्याओं को हल कर सकता है।वो इसी बात को मानते थे की इस देश को बदला नहीं जा सकता।
लेकिन आज समाज बदल रहा है।अनपढ़ किसान भी अपने बच्चे को पढ़ा लिखा कर बड़े शहरों में जब भेजता है तो वहां का विकास और वहां की समस्याएं दोनों ही वो देखता है और पाता है की जो समस्या इन बड़े शहरों में है (महंगाई) वो उसके छोटे शहर में नहीं है और जो समस्या उसके शहर में है खास तौर पे बेरोजगारी और कम आमदनी वो बड़े शहरों में नहीं है।जब वो ये देखता है तो उसके मन में भी सवाल उठता है की जब हमारा शहर आधारभूत जरूरतों के लिए सही है तो उसी को क्यों नहीं विक्सित किया गया ?तब वो इन नेताओं को कठघरे में खड़ा पाता है जो जाती धर्म की राजनीती के अलावा कुछ नहीं करते।इसके अलावा अब कुछ नेता आये है जो थोड़ा बहुत लोगों की ज़रूरतों पे काम कर रहे है।जब उनके द्वारा पहुचायी जाने वाली सुविधाएं जो की 60साल पहले ही उन गरीबों को मिल जानी थी , मिलती है तो उसे भी आभास होता है की उसकी जाती और धर्म वाले अनपढ़ नेता ने उसको कितना लूटा है।इसी आभास के कारण ही अब वो सरकारें भी बदल रही है जो 20 से 25 सालों से एक ही जगह जम कर बैठी थी।उत्तर प्रदेश,बिहार और झारखण्ड इसका प्रमुख उदाहरण है।
और ये परिवर्तन अब रुकने वाला नहीं है।इस परिवर्तन ने जनता की आंकलन क्षमता, तर्क क्षमता और राजनीती की सोच को विकसित किया है।लोगों के साथ साथ नेताओं को भी भरोसा होने लगा है की अब वही टिक पाएगा जो काम करेगा।बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बस्तर से एक अनपढ़ नेता को हमेशा टिकट देती हैं और वो हमेशा चुनाव भी जीत जाता हैं जो की हमेशा अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बना रहता हैं इतना ही नहीं यही नेता भारतीय इतिहास के सबसे बड़े नक्सली हमला झीरम घांटी हत्या कांड का संगदिग्ध भी माना जाता हैं?बताते चले कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और बस्तर से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा पर एफआईआर दर्ज हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई विवादित टिप्पणी मामले में ये एफआईआर दर्ज की गई है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बस्तर दौरे से एक दिन पहले बस्तर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ जिला निर्वाचन आयोग ने बीजापुर जिले के अलग-अलग थानों में विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराया है और गिरफ्तारी होने की भी संकेत दिए हैं।बीजापुर जिले के दो अलग-अलग थानों में लखमा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। हाल ही में नैमेड़ गांव में एक नुक्कड़ सभा के दौरान कवासी लखमा ने स्थानीय गोंडी बोली में प्रधानमंत्री के खिलाफ विवादित बयान दिया था।
अब तक तीन मामले हुए दर्ज
वहीं बीजापुर जिले के ही कुटरू गांव में पुलिस के जवानों को तीर-धनुष से मारने वाला बयान दिया था. इन दोनों ही बयानों को लेकर बीजापुर निर्वाचन आयोग ने अलग-अलग थाने में ‘हेट स्पीच’ के तहत एफआईआर दर्ज किया,इससे पहले जगदलपुर कोतवाली में भी चुनाव प्रचार के दौरान कवासी लखमा के द्वारा एक समिति को 500-500 के नोट बांटने के मामले में भी चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज किया था. कुल तीन अलग-अलग मामलों में प्रत्याशी कवासी लखमा के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है।एफआईआर में कहा गया है कि लोकसभा निर्वाचन 2024 बस्तर, छत्तीसगढ़ से इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी कवासी लखमा के द्वारा प्रधानमंत्री के लिए अनुचित एवं पुलिस तथा प्रशासन के विरूद्ध आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किये जाने के संबंध में शिकायत की गई है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी भैरमगढ़ जिला बीजापुर द्वारा तहसीलदार के माध्यम से शिकायतों की पुष्टि के लिए मिरतुर और कुटरू में पंचनामा तैयार किया गया।शिकायत की पुष्टि होने पर अनुविभागीय दण्डाधिकारी भैरमगढ़ जिला बीजापुर द्वारा थाना प्रभारी मिरतुर एवं थाना प्रभारी कुटरू को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन्न के मामले में दो अलग-अलग एफआईआर सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज कराने हेतु निर्देशित किया गया हैं।आईपीसी की धारा 188, 500, 506 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 (2) के तहत कवासी लखमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या हैं मामला
लोकसभा चुनाव 2024 में पहले चरण का मतदान अभी हुआ नहीं है, लेकिन कांग्रेस नेताओं की बयानबाजियाँ दिन-प्रतिदिन निचले स्तर को छू रही हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत पीएम मोदी का गला घोंटने की बात कही, तो अब बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा ने ‘नरेंद्र मोदी मरेगा’ कह दिया। उनके इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा ग्रामीणों को गोंडी बोली में संबोधित कर रहे हैं, जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि “कवासी लखमा जीतोड़, नरेंद्र मोदी ढोलतोर” यानी कवासी लखमा जीतेगा और नरेंद्र मोदी मरेगा, खेल खत्म, राम-राम।
कवासी लखमा के इस वीडियो को शेयर करते हुए नरायनपुर के भाजपा विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री केदार कश्यप ने जोरदार हमला बोला, उन्होंने एक्स पर लिखा, “‘छत्तीसगढ़ का राहुल गाँधी उर्फ कवासी लखमा’ कांग्रेस पार्टी में नेता नहीं नमूने भरे पड़े हैं। मोदी जी के उपर कांग्रेसियों का प्रहार करना और जनता का मोदी जी पर सत्कार करना बढ़ता रहेगा। कांग्रेसियों को समझ आ गया है कि कॉन्ग्रेस पार्टी मरणासन्न अवस्था पर है। 4 जून को कांग्रेस पार्टी का अंतिम संस्कार किया जाएगा।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, कवासी लखमा चुनाव प्रचार के लिए बीजापुर जिले के कुटरू गए थे। दिनभर प्रचार के बाद वे शाम को जिला मुख्यालय लौट रहे थे। इसी बीच नैमेड गाँव में उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत करने चौपाल लगाई थी। इसी दौरान उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा ‘कवासी लखमा जीतोड़, नरेंद्र मोदी ढोलतोर, खेल खत्म राम-राम।’ ये वीडियो दो दिन पुराना बताया जा रहा है।
कवासी लखमा पहले भी अपने बयान को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। कवासी लखमा का एक और वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वे कुटरू में ही ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहते दिख रहे थे कि, टीन खदान से पुलिस को तीर-धनुष मारकर भगाओ।
कांग्रेस नेता ने कवासी लखमा को बताया झीरम हमले का दोषी, मल्लिकार्जुन खड़गे से की थी शिकायत
बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पैसे बांटने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब उनके खिलाफ उन्हीं के पार्टी के नेता ने मोर्चा खोल दिया था नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी ने उनकी टिकट काटने की मांग की थी।उन्होंने कवासी लखमा की जगह स्थानीय नेता को मौका देने की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिल्काजुर्न खड़गे को पत्र लिखा था। कांग्रेस नेता शिवनारायण द्विवेदी ने अपने पत्र में कवासी लखमा पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पत्र में कहा था कि कवासी लखमा के कारण बस्तर की आठ विधानसभा सीटों पर हार मिली है। उन पर शराब घोटाले को लेकर प्रतिमाह 50 लाख रुपए लेने का आरोप है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि झीरम घाटी नक्सली हमले में उनकी भूमिका संदिग्ध है। द्विवेदी ने पत्र में लिखा था कि मैंने 2019 में न्यायिक आयोग के सामने उनके नार्को टेस्ट करने की मांग भी की थी।