कुसमुंडा खदान: डंपर में लगी आग, एसईसीएल कर्मी सहित कोयला और डीजल चोर वाहन में थे सवार…

आग की लपटों से दो व्यक्ति बुरी तरह से झुलसे, वाहन से कूदकर बचाई जान, हालात नाजुक…

एसईसीएल वाहनों की मरम्मत में लापरवाही, सेफ्टी सुरक्षा का अभाव, चोरों को दी जा रही चोरी करने के लिए खुली संरक्षण..

रिपोर्टर/जावेद अली आजाद
कुसमुंडा/कोरबा (गंगा प्रकाश)।
कुसमुंडा एसईसीएल कोयला खदान,सेफ्टी सुरक्षा की लापरवाही और अन्य अवैध चोरी के मामले संबंधित एसईसीएल कुसमुंडा के अधिकारी स्वयं ही गुप्त रूप से चोरों को संरक्षण देते हुए चोरों से ही अवैध तरीके से कोयला, डीजल, कबाड़ एवम अन्य सामग्रियों की कोयला खदान से चोरी करवाई जा रही है। जोकि जिला कोरबा में कुसमुंडा कोयला खदान चोरी के मामले पर टॉपटेन नंबर वन पर है। कोरोना काल के पूर्व से लेकर वर्तमान में अब तक अवैध चोरी का सिलसिला जारी है और एसईसीएल कुसमुंडा के अधिकारी तथा सुरक्षा में तैनात त्रिपुरा बटालियन के जवान हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे है और अपनी सरकारी नौकरी बचाते हुवे निरंतर मासिक रोटी सेंक रहे है। परंतु उन्हें कोयला उत्पादन तो करना ही है, लेकिन कर्मचारियों और कोयला खदान की सुरक्षा को लेकर एसईसीएल प्रबंधक राजीव सिंह, कार्मिक प्रबंधक सुधा सांडे एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा घोर लापरवाही दशकों से की जा रही है। अवैध चोरी एवं अन्य मामले को लेकर बिलासपुर सीएमडी कार्यालय के मुख्य अधिकारी से लेकर कोरबा जिला प्रशासन में बार-बार चोरी घटना की शिकायत करने उपरांत भी यह मामला जस की तस बनी हुई है। कुसमुंडा एसईसीएल अधिकारी से लेकर एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारी लगातार कर्मचारियों की शोषण करने पर तुली हुई है। उनके जल,जंगल,जमीन को तहस-नहस करते हुए रोजगार, मुआवजा, बसाहट अन्य मांगों का कई दशकों से सिर्फ खाना पूर्ति किया जा रहा है।

डंपर में लगी आग, एसईसीएल कर्मी, कोयला चोर सहित दलाल थे सवार

कल सुबह करीब 12:00 बजे कुसमुंडा खदान में बड़ी घटना घटित हुई है। कुसमुंडा एसईसीएल कर्मी के द्वारा ड्यूटी के दौरान डंपर चलाया जा रहा था । डंपर से वह कोयला लोड करने जा रहा था। तभी मिट्टी डंप एरिया से सडक़ में उतरते समय डंपर पलट गयी और उसमें भीषण आग लग गई। जानकारी के मुताबिक एसईसीएल कर्मी वाहन को चला रहा था। जिले के जाने माने और मशहूर सरगना कोयला और डीजल करने वाले 2 चोरों को भी अपने साथ वाहन के केबिन मे बिठाए हुए था।

सूत्रों से जानकारी मिली है कि वाहन पलटने से पहले ही ड्राइवर ने कूद कर अपनी जान बचायी, जबकि सरकारी डंपर में बैठे अन्य दो व्यक्ति अभिषेक सिंह और अजय प्रसाद आग की लपटों में बुरी तरह से झूलस गए। दोनों व्यक्तियों को गंभीर अवस्था में नेहरू शताब्दी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन और अधिकारियों के बीच हडक़ंप मची हुई है।

कुसमुंडा खदान में चोरों का प्रवेश, सरकारी गाड़ी में बिना अनुमति के होते हैं सवार,करते हैं दादागिरी…

एसईसीएल कुसमुंडा कोयला खदान में मिट्टी निकालने में लगा हुआ एक डंपर खदान के अंदर घूसा, जिसमें एसईसीएल कर्मी डंपर आपरेट गाड़ी को चला रहा था, परंतु सरकारी डंपर में कोयला तस्करी एवं डीजल तस्करी में जिले में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अभिषेक सिंह एवं अजय प्रसाद कैसे सवार थे, यह बड़ा सवाल है..? क्या प्रबंधन इन दोनों को अवैध कार्यों के लिए संरक्षण देता है..? इस घटना से बड़ा खुलासा हुआ है कि कोयला खदानों से कोयला एवं डीजल तस्करी में प्रबंधन का भी हाथ हो सकता है, नहीं तो सरकारी डंपर में ये दलाल खदान के अंदर कैसे घूसे..?

कुसमुंडा खदान में सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति सुरक्षा पर सवालिया निशान..? सुरक्षा का अभाव, अधिकारियों का बढ़ा भाव..

डंपर में आग लगने के बाद इसमें दो निजी व्यक्ति झूलस गए। आनन फानन में इन दोनों गंभीर रूप से घायल दलालों / तस्करों को विभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बड़ी घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। आखिर ये दोनों व्यक्ति खदान के अंदर कैसे पहुंच गए, वह भी सरकारी डंपर में..? इसी प्रकार स्थानीय निवासियों के द्वारा बार-बार कोयला तस्करी एवं डीजल चोरी मामले पर एसईसीएल कार्यालय व मुख्यालय में पूर्व में शिकायत करने के बावजूद किसी प्रकार का कोई कार्रवाई नहीं करना कहीं ना कहीं कोयला तस्करी तथा डीजल चोरों को एसईसीएल में संरक्षण देने जैसा प्रतीत होता है।

एसईसीएल चोर है, जिसकी पुष्टि भूविस्थापित और स्थाई निवासीयों ने की है..

भू विस्थापित और स्थाई निवासियों ने पुष्टि करते हुए पूर्व में और अब कहा है कि मुख्यत: अभिषेक आनंद डीजल चोर है कुसमुंडा एसईसीएल अधिकारियों के सांठ–गांठ से खदानों में चोरी करवाई जाती है। एक मोटी रकम को आपस में बराबर बांट ली जाती है। इसीलिए एसईसीएल प्रबंधन किसी भी प्रकार की चोरों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करती है। यहां तक की कुछ पत्रकारों के ऊपर भी खबर प्रकाशित नहीं करने को लेकर भी दबाव बनाया जाता है। कुछ दलाल पत्रकारों ने एसईसीएल के समक्ष नतमस्तक होकर अपनी कलम बेच दी है। जिस वजह से आम लोगों को सच्चाई समय पर नहीं मिल पाने से जिले में चोरी, डकैती,शोषण,भ्रष्टाचार तथा अत्याचार अन्य मामलों पर बढ़ोत्तरी हुई है।

इस घटना की रिपोर्ट कुसमुंडा थाने में नहीं की गई है। यह एसईसीएल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है, कि सरकारी गाड़ी में खदान के अंदर निजी व्यक्ति को घूसने के लिए खुली छूट मिली हुई है। आखिर इस बड़ी घटना के लिए कौन जिम्मेदार है..? आखिर इन व्यक्तियों को कौन से अधिकारी का वरदान प्राप्त है। क्या प्रबंधन इसकी जांच करायेगा..?

एसईसीएल में ये कैसा जनसंपर्क अधिकारी..? ड्यूटी उपरांत कार्य शैलियों में कर रहे है घोर लापरवाही..

एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में सभी से सहजता और सुगमता से उपलब्ध होने वाले जनसंपर्क अधिकारी मिलिंद शहाणे के स्थानांतरण के बाद जनसंपर्क अधिकारी के रूप में सनिश चंद्र गुप्ता को प्रभार दिया गया है। ये अधिकारी जब से यहां पदस्थ हैं न तो फोन उठाते और ना ही कभी कॉल बेक करते। इनकी हठधर्मिता एवं कार्यशैली से ऐसी बड़ी घटनाओं में प्रतिक्रिया नहीं मिल पाती। इस बडी गंभीर घटना को दबाने का प्रयास समूचे एसईसीएल के अधिकारी कर रहे हैं।

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