देवी मंदिरों में भजनों द्वारा की जा रही माता की महिमा का बखान

श्री देवी भागवत महापुराण में भी जय मां महामाया सेवा समिति द्वारा प्रतिदिन की जा रही माता की आराधना

छुरा (गंगा प्रकाश)। चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर देवी मंदिरों में आस्था के दीप प्रज्वलित किए गए हैं। देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। दूर-दराज से श्रद्धालू पान, फूल, नारियल, श्रृंगार सामग्री लेकर बाजा गाजा के साथ माता की आराधना में डूबे हुए हैं। जगह-जगह जगज्योति स्थापित कर भजन कीर्तन रहे हैं। देवालयों में भक्तगण ढोल, मांदर, झांझ मजीरा के साथ माता के यश का बखान कर रहे हैं। जय मां महामाया सेवा मंडली छुरा भी शक्ति की भक्ति में तल्लीन है। मंडली के कोषाध्यक्ष राहुल नामदेव बताते हैं कि प्रतिवर्ष की भांति ही हम माता के दुआरी जा-जाकर पारंपरिक और आधुनिक तर्ज पर मांदर धुन के साथ सेवा करते हैं। अंचल के प्रसिद्ध लोकगीत गायक सेवानिवृत्त व्याख्याता के.आर. सिन्हा को अपना आदर्श एवं मार्गदर्शक मानते हैं। प्रमुख रूप से हिंगलाज भवानी, माता शक्ति अवतरण गीत, सती सुलोचना की कथा, महिषासुर मर्दिनी कथा, श्रृंगार, लड़ाई, श्री गणेश जन्म कथा, श्री कृष्ण बाल लीला, ब्रह्मानंद भजन, हिरण्यकश्यप प्रहलाद भक्ति कथा, शिव शक्ति विवाह प्रसंग, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र-रावण युद्ध की गाथा, दानवीर हरिश्चंद्र, महादानी मोरजध्वज राजा के गीतों के माध्यम से माता की स्तुति करते हैं। मंडली के मुख्य गायक अर्जुन धनंजय सिन्हा, नाल वादन लुकेश ध्रुव, भोजराज ध्रुव, जितेंद्र पाटकर, मांदर वादन संतराम साहू, प्रवीण सिन्हा, मोहन, कोरस राहुल नामदेव, सौरभ चक्रधारी, डिगेश्वरी गोस्वामी, भूमि ध्रुव, छन्नू, उमेश, पार्थ, रूषु आदि माता सेवा में लगे हुए हैं। सनातन संस्कृति को सहेजने योगिता सिन्हा, उम्र 4 वर्ष और गुंजन सिन्हा उम्र 8 वर्ष के बाल्यकाल से ही प्रतिदिन देर रात्रि तक माता सेवा में लीन रहते हैं।

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