
रिपोर्ट:मनोज सिंह ठाकुर
रायपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। आज शराब घोटाला मामले में बयान दर्ज करवाने के लिए पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और यश टुटेजा EOW/ACB ऑफिस पहुंचे थे, जहां से अनिल टुटेजा गिरफ़्तारी की गई है । और उनके पुत्र यश टुटेजा को रात में छोड़ दिया गया है।दरअसल कुछ दिनों पहले शराब घोटाला मामले में ED ने नई एफआईआर दर्ज की थी. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे को राहत मिलने के बाद यह एफआईआर दर्ज की गई थी। बता दें छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला करीब 2000 करोड़ का है। ईडी ने इस मामले में अनिल टुटेजा सहित 70 लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू , एसीबी अपराध दर्ज कराई थी । इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू भी कर रही है. EOW ने कोर्ट से अनुमति के बाद शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी, नेताओं और अफसर से पूछताछ शुरू किया है । शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआईआर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12, 420, 467, 468, 471 और 120 बी की लगाया गया है । इस मामले में 70 नामजद लोगों पर केस दर्ज है।
अनिल टुटेजा बोलेगा और भूपेश की टीम का खोलेगा पुरा पोल

क्योंकि अफसर से लेकर हर एक कांग्रेस नेता को पता है कि भूपेश बघेल सरकार में रहते कई कारनामा किया गया है। सभी कारनामों का चिट्ठा एक डायरी में अनिल टुटेजा अपने पास रखा है। कांग्रेस सरकार में हुए घोटालों की जांच बीजेपी सरकार ने तेज कर दिया है। जैसे ही घोटालों की जांच ED ने शुरू की वैसे ही भ्रष्टचार में शामिल आईएएस और राज्य सेवा के कई अधिकारी जेल भेजे गए। भूपेश बघेल की सचिव रही सौम्या भी जेल में दिन गीन रही है। जेल में बंद आरोपी जमानत के लिए कई झूठे बहाने लगाते है । लेकिन वे सभी सफल नहीं हो पा रहे है।
सभी कांग्रेस नेताओं को पता है कि अनिल टूटेजा भ्रष्ट भूपेश सरकार का अहम किरदार की भूमिका निभा रहा था। सभी घपले -घोटाले कोयला , महादेव सट्टा ऐप , रेत , माइनिंग और शराब घोटाला, धान घोटाला सभी का कच्चा चिट्ठा और पूरा हिसाब किताब किन-किन नेताओं को कितने पैसे दिए गए पक्के सबूत अनिल टुटेजा के पास होने के प्रमाण है. अब ED की हिरासत में दोनों बाप-बेटे भ्रष्ट भूपेश सरकार का काला चिट्ठा खोलेंगे।छत्तीसगढ़ के सुपर सीएम रहे अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर रायपुर की JMFC अदालत में रविवार को पेश किया गया। इस दौरान ED ने कोर्ट में टुटेजा को शराब घोटाले का किंगपिन करार दिया है। राज्य के 2200 करोड़ के शराब घोटाले में ED ने शनिवार देर शाम टुटेजा पिता पुत्र को अपनी हिरासत में लिया था,
हालाकि पूछताछ के बाद रविवार तड़के अनिल टुटेजा के पुत्र यश टुटेजा को ED ने छोड़ दिया। जबकि अनिल टुटेजा के खिलाफ नई ECIR के तहत गिरफ्तारी की गई है। बताते हैं कि यश टुटेजा को विवेचना में सहायता करने की हिदायत देकर छोड़ा गया है। रविवार को आरोपी अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर कोर्ट में ED और बचाव पक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।
ED की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपी अनिल टुटेजा और तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी “किंगपिन” के रूप में शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे। उसके मुताबिक सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए आरोपियों ने दो तरह के होलोग्राम छपवाए थे। इसमें असली होलोग्राम से होने वाली शराब की बिक्री का राजस्व सरकारी खातों में जमा होता था, जबकि नकली होलोग्राम से अर्जित होने वाली आय सीधे आरोपियों के हाथों में पहुंचती थी। इससे साल दर साल राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। ED ने आरोपी टुटेजा की 14 दिनों की रिमांड मांगी थी।
उधर ED के आरोपों का जवाब देते हुए बचाव पक्ष ने आरोपी टुटेजा की गिरफ्तारी का विरोध किया। बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि जिस आरोप में ED ने टुटेजा को गिरफ्तार किया है, उसी आरोप के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में दर्ज ED की ECIR को ही खारिज कर दिया था। बचाव पक्ष ने दलील दी की ED की नई ECIR में भी कोई दम नही है, पुराने तथ्यों और विवेचना को जस के तस नई ECIR में शामिल कर लिया गया है। यह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश का उल्लघंन है। बचाव पक्ष ने मामले की सुनवाई को लेकर JMFC कोर्ट के अधिकारों को लेकर भी सवालिया निशान उठाए।
हालाकि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला भी सुना दिया है। उसने आरोपी अनिल टुटेजा की 1 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड स्वीकृत कर ली है। बताया जाता है कि सोमवार को आरोपी टुटेजा को रायपुर की PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा।गौरतलब है कि शनिवार सुबह टुटेजा पिता पुत्र EOW में अपना बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित हुए थे। सूत्रों के मुताबिक इसी दिन शाम लगभग 5 बजे ED ने EOW दफ्तर में दस्तक देकर टुटेजा पिता पुत्र दोनों को समन तामिल कराया और अपनी हिरासत में ले लिया था।
हालाकि रविवार सुबह यश टुटेजा को छोड़ दिया गया, जबकि अनिल टुटेजा ED के हत्थे चढ़ गए। अदालत में ED की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सौरभ पाण्डेय और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता फरहान ने पैरवी की, फिलहाल अदालती कार्यवाही खत्म होते ही ED ने आरोपी टुटेजा को पुनः अपने कब्जे में ले लिया है। उधर EOW से मिली जानकारी के मुताबिक शराब घोटाले में कई और संदेहियों की गिरफ्तारी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक ED की नई ECIR में लगभग 70 आरोपियों के नाम दर्ज किए गए हैं।बताते चले कि
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की बेला में भ्रष्टाचार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ ईओडब्लू और ईडी का कसता शिकंजा चर्चा में है। तरोताजा घटनाक्रम में छत्तीसगढ़ की पूर्व राजमाता और पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे की “विश्वस्त” डिप्टी कलेक्टर की जमानत पर कोर्ट ने फैसला 16 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया गया था। रायपुर की विशेष अदालत में आरोपी तत्कालीन उपसचिव ने अपनी जमानत को लेकर एक याचिका रायपुर की विशेष अदालत में पेश की थी। इस याचिका पर आज सुनवाई हुई, अदालती सूत्रों के मुताबिक अभियोजन और बचाव पक्ष के तर्कों और दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया किंतु बाद में खारिज कर दिया गया। बताया जाता है कि आरोपी की ओर से कानून के जानकारों और कई वकीलों की टोली को अदालती मैदान में उतारा गया था।
बचाव पक्ष ने डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से जेल की हवा खा रही पूर्व राजमाता की सेहत और परेशानियों का हवाला देते हुए अदालत से जमानत की मांग की थी। यह भी बताया जाता है कि ईडी की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुए पूर्व राजमाता की ओर से उनकी जमानत स्वीकृत किए जाने को लेकर लंबी चौड़ी बहस भी की गई। हालाकि अभियोजन की ओर से ईडी और ईओडब्लू की कार्यवाही और जांच का हवाला देकर आरोपी की जमानत का विरोध किया गया। बताते हैं कि अभियोजन ने नपी-तुली दलीलें पेश कर पूर्व राजमाता और उसके गिरोह का काला चिट्ठा कोर्ट के समक्ष पेश किया। उसने आरोपी की जमानत का कारणों सहित विरोध कर बचाव पक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए। सूत्र बताते हैं कि जमानत पर बहस पूर्ण हो चुकी है, फिलहाल अदालती फैसले का इंतजार है।उधर ईडी की विशेष अदालत ने कारोबारी अनवर ढेबर,अरविंद सिंह और शराब माफिया आबकारी विभाग के पूर्व उपसचिव एपी त्रिपाठी को 18 अप्रैल तक ईओडब्लू की रिमांड में भेज दिया था। आरोपी एपी त्रिपाठी को बिहार के गोपालगंज से हिरासत में लिया गया था। इधर शराब घोटाले के आरोपियों को लेकर एक ओर जहां अदालती कार्यवाही में गहमा-गहमी देखी गई वहीं दूसरी ओर कई कारोबारियों के ठिकानों पर ईओडब्लू की दबिश से राजनैतिक पारा भी ऊपर चढ़ता नजर आया। शनिवार को सुबह से लेकर शाम तक शराब घोटाले की धूम रही, मामले में ईओडब्लू की सक्रियता से पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे गिरोह में सनसनी है। भू-पे के कई कारोबारी मित्र मंडली पर ईओडब्लू और ईडी की पैनी निगाह बताई जाती है। ईओडब्लू ने एक बार फिर अचानक छापेमारी कर आबकारी महकमे की नींद उड़ा दी है। कई अधिकारियों को गिरफ्तारी का अंदेशा सता रहा है।जानकारी के मुताबिक शराब कारोबारी अनवर ढेबर के कई ठिकानों पर ईओडब्लू की दबिश से आबकारी महकमा हैरत में है। दावा किया जाता है कि कारोबारी अनवर ढेबर शराब घोटाले में सिर्फ सहयोगकर्ता के रूप में कार्यरत रहे, जबकि घोटाले की असल रकम से भू-पे बघेल और उनका परिवार लाभान्वित हो रहा था। सूत्रों द्वारा दावा किया जा रहा है कि कारोबारी अनवर ढेबर ने शराब घोटाले की हकीकत से ईओडब्लू को अवगत कराया है। ढेबर ने अपनी स्थिति और बेगुनाही साबित किए जाने को लेकर जांच अधिकारियों को कई तथ्यों से रूबरू कराया है। सूत्रों का कहना है कि भू-पे और सौम्या चौरसिया ने घोटाले की बड़ी रकम हवाला के जरिए दुबई ट्रांसफर की थी ।
भूपेश पुत्र भी बन गया था बिल्डर,रियल स्टेट कारोबार में भी किया निवेश
इस रकम का बड़ा हिस्सा भू-पे बघेल के पुत्र बिट्टू के रियल इस्टेट कारोबार में भी निवेश किया गया है। भिलाई में भू-पे और उसके गिरोह ने रियल इस्टेट कारोबार में अरबों का निवेश किया है। इस मामले की जांच जारी है। बताते हैं कि ईडी के हालिया छापेमारी में रियल इस्टेट कारोबार में निवेश सम्बंधी कई सबूत एजेंसियों के हांथ लगे हैं। यह दस्तावेज भिलाई के चौहान बिल्डर्स के ठिकानों से जब्त किए गए थे। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे का खेती किसानी करने वाला पुत्र बिट्टू भी बीते 5 सालों में बिल्डर बन गया था। उसने पिता से प्राप्त काली कमाई से बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदी और उस पर विट्ठलपुरम नामक कॉलोनी बसाई है। सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार की रकम से चमचमाती इस रियासत की नींव शराब और महादेव ऐप घोटाले से अर्जित संपत्ति से निर्मित होना बताई जाती है। इस मामले को लेकर ईडी भू-पे पुत्र बिट्टू से भी पूछताछ में जुटी है।
भू-पे के अलावा उसके पुत्र के खिलाफ भी अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के कई प्रमाण एजेंसियों के हांथ लगे हैं। राज्य के 36 हजार करोड़ के नान घोटाले और 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में लिप्त पाए गए पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उन पर आश्रित पुत्र यश टुटेजा की आकूत संपत्ति की भी पड़ताल जारी बताई जा रही है।बताते हैं कि टुटेजा के सुपर सीएम बनने के बाद उसके नाते-रिश्तेदारों से लेकर नौकर-चाकरों के नाम पर भी बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति की खरीद फरोख्त की गई है। इसमें भी नगदी का भरपूर इस्तमाल किया गया था। फिलहाल ईओडब्लू की कार्यवाही से प्रशासनिक और राजनैतिक हलकों में गहमा-गहमी देखी जा रही है। टुटेजा पिता पुत्र के भी ईओडब्लू के हत्थे चढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में सौम्या चौरसिया पर फैसला सुरक्षित, महादेव ऐप केस में जमानत हुई खारिज

रायपुर की PMLA स्पेशल कोर्ट में शुक्रवार छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले को लेकर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट में जेल में बंद निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बहस पूरी हुई।इसके अलावा महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में भी एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज हो गई।
छत्तीसगढ़ के तीन हाई प्रोफाइल मामलों में शुक्रवार को रायपुर में सुनवाई हुई।इसमें छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया की जमानत, छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आरोपियों की रिमांड और ऑनलाइन महादेव ऐप मामले में आरोपी की जमानत याचिका शामिल हैं।जानिए किस मसले पर कोर्ट ने क्या किया-
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बहस पूरी हुई।ये सुनवाई रायपुर स्थित PMLA स्पेशल कोर्ट में हुई।दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में फैसला 16 अप्रैल को आएगा। दरअसल, सौम्या चौरसिया के दोनों बच्चों की परवरिश का हवाला देते हुए उनकी जमानत याचिका लगाई गई है।
क्या है छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला
ED के मुताबिक छत्तीसगढ़ में करीब 500 करोड़ रुपए का कोयला घोटाला हुआ है।इस मामले में कई कोयला व्यापारी और अधिकारियों के नाम शामिल आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घोटाले के तहत 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली की गई है। ED ने जांच शुरू करते ही र्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत कई लोगों के ठिकानों पर छापा मार उन्हें गिरफ्तार किया।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
शुक्रवार को कोर्ट में शराब घोटाल मामले में भी सुनवाई हुई।कोर्ट ने इस मामले में आरोपी अनवर ढेबर, अरविंद और पूर्व आबकारी सचिव AP त्रिपाठी को ACB-EOW की रिमांड पर भेज दिया है. तीनों आरोपी 18 अप्रैल तक रिमांड में रहेंगे। इस दौरन ACB-EOW की टीम तीनों आरोपियों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।बता दें कि इस मामले में आरोपी अनवर और अरविंद की रिमांड खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।जबकि गुरुवार को बिहार से पकड़े गए पूर्व आबकारी सचिव AP त्रिपाठी को भी कोर्ट में पेश किया गया. ACB-EOW ने तीनों को कोर्ट में पेश कर इनकी रिमांड मांगी थी।कोर्ट ने ACB-EOW की मांग के आवेदन को मंजूर करते हुए रिमांड पर सौंपा है।
महादेव ऐप मामले में जमानत याचिका खारिज
इसके अलावा शुक्रवार को कोर्ट में महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में भी सुनवाई हुई।इस मामले में आरोपी निलंबित पुलिस कर्मी चंद्रभूषण वर्मा की जमानत याचिका को लेकर सुनवाई हुई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। साथ ही इसी मामले में आरोपी नीतिन टिबरेवाल के जमानत याचिका पर बहस पूरी हो गई है। ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि स्पेशल कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में फैसला 15 अप्रैल को सुनाया जाएगा।
अरविंद सिंह, एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर,18 अप्रैल तक रिमांड पर ACB-EOW करेगी पूछताछ
छत्तीसगढ़ में करीब 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले के आरोपियों को ACB-EOW की रिमांड पर भेजा गया है। शुक्रवार को रायपुर जिला न्यायालय में आबकारी घोटाला मामले में सुनवाई की,सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और एपी त्रिपाठी को ACB- EOW को रिमांड पर सौंपा है। तीनों आरोपियों से 18 अप्रैल तक पूछताछ की जाएगी।
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में आरोपी अनवर और अरविंद की रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था
इसके अलावा गुरुवार को बिहार से किए गए पूर्व आबकारी सचिव AP त्रिपाठी को भी आज कोर्ट में किया गया,ACB-EOW ने तीनों को कोर्ट में पेश कर इनकी रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने ACB-EOW की मांग के आवेदन को मंजूर करते हुए रिमांड पर सौंपा है।
आमने-सामने बैठाकर कर सकती है पूछताछ
अब रिमांड मिलने पर ACB-EOW की टीम तीनों आरोपियों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है। ACB-EOW के वकील सौरभ पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि तीनों आरोपी 18 अप्रैल तक रिमांड पर रहेंगे।
अब तक नहीं मिले सवालों के जवाब
बताया जा रहा है कि ACB-EOW को अनवर और अरविंद से पूछताछ के दौरान अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है।ये भी बताया जा रहा है कि दोनों ही आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर सवालों में दोनों का जवाब जानकारी नहीं है, जबकि कई सवालों के जवाब में कह रहे हैं कि ED को इसकी जानकारी दे चुके हैं। ऐसे में सवालों के जवाब के लिए इनकी रिमांड की मांग की गई थी।
ढेबर के ठिकानों पर रेड
शुक्रवार सुबह ही EOW-ACB की टीम ने इस मामले में आरोपी अनवर ढेबर और उसके भाई अख्तर ढेबर एवं जुनैद ढेबर के ठिकानों पर रेड मारी है।रायपुर स्थित इन ठिकानों पर सुबह 6 बजे टीम पहुंची और और अभी भी कार्रवाई जारी है। माना जा रहा है कि शराब घोटाला मामले में और भी कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में करीब 2100 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले का खुलासा हुआ है।इस मामले में अब तक 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है।ED के मुताबिक छत्तीसगढ़ में साल 2019 से 2022 के बीच करीब 2100 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है। इस मामले में कथित तौर पर राज्य के नेताओं और अधिकारियों का सर्मथन होने की बात भी सामने आई है।