
रिपोर्ट:मनोज सिंह ठाकुर
रायपुर(गंगा प्रकाश)। पिछले दिनों भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पूर्व संसदीय क्षेत्र में जाकर कहा कि सांसद रहते हुए सीएम साय ने एक भी विकास कार्य नहीं किए, यदि किए हो तो बताए। इस पर रायगढ़ भाजपा ने भूपेश बघेल को करारा जवाब देते हुए विष्णु देव साय के सांसद रहते कराए गए विकास कार्यों की लंबी चौड़ी फेहरिस्त जारी कर दी और अब पलटवार करते हुए कहा है कि अब भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने गृह जिले में कौन से विकास कार्य किए है इसकी सूची सार्वजनिक करें।
यहां भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकेश जैन ने कहा है कि चुनाव में जब आत्मविश्वास कम होता है तो आमतौर पर नेतागण झूठ व भ्रामक तथ्यों के आधार पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने पर उतारू हो जाते हैं। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस इसी तरह की राजनीति कर रही है। स्थानीय नेता यदि झूठ का सहारा ले रहे हों तो इसे जानकारी का आभाव माना जा सकता है लेकिन जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंच से यह कहते हैं कि विष्णुदेव साय जी ने सांसद रहते हुये कुछ नहीं किया तो इसे गलत तथ्यों के सहारे सोची-समझी रणनीति के तहत आम जनता को गुमराह करने की कोशिश के अलावा क्या कहा जा सकता है ?
वस्तुतः विष्णुदेव साय जी के संसदीय कार्यकाल में इस क्षेत्र ने जो उपलब्द्धियाँ हासिल की हैं वह अचंभित कर देने वाली है। विष्णुदेव जी के प्रयासों से एन.एच. 43 हेतु 1400 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिली,जिसमें पत्थलगांव से झारखंड बॉर्डर तक 650 करोड़ लागत की सड़क शामिल है। कुनकुरी से झारखंड बॉर्डर तक का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के अंतर्गत इस लोकसभा क्षेत्र की 1912.25 कि.मी. सड़कों हेतु 66586 लाख की स्वीकृति, जशपुर में बहुप्रतीक्षित हॉकी एस्ट्रोटर्फ हेतु 544 लाख रुपये, रायगढ़ के ग्राम परसदा में 65 करोड़ की लागत से 100 बिस्तरों का राज्य बीमा कर्मचारी निगम अस्पताल का निर्माण, कुनकुरी में 3 करोड़ का ग्रुप वाटर सप्लाई योजना, प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत 61784 हितग्राहियों को आवास, कोतरा रोड में बहुप्रतीक्षित रेलवे ओवर ब्रिज, 1647 करोड़ रूपये की लागत से खरसिया-धरमजयगढ़ रेल कॉरिडोर की पूर्णता, लगभग 1700 करोड़ की उरगा-धरमजयगढ़ रेल कॉरिडोर, 1213 करोड़ की चाम्पा-झारसुगड़ा तीसरी रेललाइन, 1979 करोड़ की लागत से चौथी लाइन का निर्माण, रायगढ़ व जशपुर में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना, सैकड़ों बी एस एन एल मोबाइल टावर आदि विष्णुदेव साय कार्यकाल की चमकीली उपलब्धियों में शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, सांसद निधी व केंद्र सरकार की विभन्न योजनाओं के तहत सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से किये गए कार्यों का उल्लेख विस्तार से दो पुस्तिकाओं में दर्ज है। रायगढ़ रेल्वे स्टेशन का अप-ग्रेडेशन तथा 22885/86 अंत्योदय एक्सप्रेस, 01661/62 जयपुर-शालीमार स्पेशल,02291/92 जबलपुर-सन्तरागाछी स्पेशल और 08061/62 हबीबगंज-पूरी स्पेशल ट्रैन का रायगढ़ में स्टॉपेज विष्णुदेव जी ने अपने समय में करवाया था। पूर्व सांसद गोमती साय जी ने इसी तरह 17007/08 सिकंदराबाद-दरभंगा, 20917/18 इंदौर-पुरी, 22845/46 पुणे हटिया, 22909/10 पुरी-वलसाड, 17005/06 हैदराबाद-रॉक्सओल, 13425/26 सूरत-मल्दा और 22893/94 हावड़ा- शिरडी साईं नगर ट्रेन का स्टॉपेज रायगढ़ में करवाया है। साथ ही सारंगढ़ -रायगढ़ क्षेत्र में 580 करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री सड़क व 16 करोड़ की लागत रायगढ़ रेल्वे स्टेशन का कायाकल्प प्रगति पर है।
इसके अतिरिक्त विष्णुदेव साय जी ने नवाचार के रूप में डी एम एफ फण्ड से जशपुर जिले में महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने हेतु ‘बेटी जिंदाबाद बेकरी’ की शुरुआत की थी। इस योजना को 2017 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा ‘अन्तर्राष्ट्रीय नारी शक्ति’ पुरुष्कार से सम्मानित किया गया। संकल्प शिक्षण संस्थान के माध्यम से छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु तैयार करने में 2017-18 में प्रदेश में अव्वल दर्जा हासिल किया। विकासखण्ड दुलदुला के ग्राम पंचायत खटंगा में काजू प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की। एक सीजन में 1265 किसानों को इससे 17.56 लाख रुपयों का अतिरिक्त लाभ हुआ। इसी तरह सन्ना क्षेत्र में मिर्च प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गयी।
विष्णुदेव साय की जागरूकता से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना/सौभाग्य योजना अंतर्गत 55196 हितग्राहियों को बिजली मिली। इसी तरह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 18040 प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 121828, प्रधानमंत्री जन-धन योजना में 721687, प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना में 109136, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 46830 , कौशल विकास योजना में 22096, प्रशिक्षण से रोजगार में 17083, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 44158 खुले में शौच मुक्त ग्राम जशपुर जिले में 757 ग्राम, तीर्थयात्रा योजना में 6428 , किसानों को सिंचाई पंप में छूट के अंतर्गत जशपुर में 14781, संजीवनी एक्सप्रेस 108 के अंतर्गत लाभान्वित 9023 तथा महतारी एक्सप्रेस से 32260 हितग्राहियों तक लाभ पहुंचाया गया है। सन 2000 में विरासत में एक खस्ताहाल व बीमार छत्तीसगढ़ दिग्विजय सिंह सरकार ने हमें सौंपा था। न सड़कें बची थी न ही आधे समय बिजली मिल रही थी। कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रथम तीन वर्षों में इसे भय व भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया था। भाजपा की डॉ. रमन सिंह सरकार के 15 वर्षों के सुशासन ने नवोदित छत्तीसगढ़ राज्य को विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्य के साथ खड़ा किया। अब विष्णुदेव साय ने तीन महीनों के अल्प कार्यकाल में सांय-सांय फैसले लेकर मोदी की गारंटी को पूरा किया है। जहाँ तक रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रश्न है तो यह प्रदेश का सम्भवतः इकलौता लोकसभा क्षेत्र है जिसने स्व.नरहरि साय, स्व. कुमार दिलीप सिंह जूदेव और विष्णुदेव साय के रूप में तीन केंद्रीय मंत्री देश को दिये हैं। यह समस्त क्षेत्रवासियों के लिये गर्व का विषय है कि इस वनांचल के किसानपुत्र विष्णुदेव प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इस गौरवशाली बेटे की छवि को धूमिल करने भूपेश बघेल जी सहित पूरी कांग्रेस पार्टी जो झूठा प्रचार कर रही है, उसका मुंहतोड़ जवाब क्षेत्र की जनता अपने मत के माध्यम आगामी 7 मई को देगी।
कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बना भ्रष्ट्राचार
भाजपा नेतृत्व द्वारा दिल्ली के कांग्रेसी आकाओं के लिए एटीएम के रूप में आरोपित रही भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के कोयला और शराब घोटाले का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।जांच की फांस बढ़ने के साथ बाहर बचे मलाई का मजा लेने वाले सलाहकार दूरी बनाने लगे हैं। इस बढ़ते परिमाण का परिणाम तो समय तय करेगा, परंतु केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के कारण समानांतर जांच के नाम पर अड़ंगेबाजी करने वालों को बड़ा झटका लग चुका है।और भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री साय पर आरोप लगा रहे हैं की उन्होंने सांसद बतौर कोई विकास कार्य नही किया अब श्री साय ने विकाश किया या नहीं ऐ तो हम जान चुके हैं किंतु भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए पांच साल में जो विनाश छत्तीसगढ़ का किया है वहा किसी से छुपा नहीं हैं।
सौम्या चौरसिया समेत अन्य नेता गए जेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में सुपर सीएम का दर्जा पा चुकी सौम्या चौरसिया के साथ अन्य मंत्री, नेता और अधिकारी तो पहले ही जेल में हैं, अब दो पूर्व मंत्री कवासी लखमा और अमरजीत भगत का भी नाम भी शामिल हो गया है।
कोयला घोटाले में हैं 35 नाम
ईडी द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो में दर्ज केस के अनुसार, शराब घोटाले में अगर 70 आरोपित हैं तो कोयला घोटाले में 35 नाम हैं। बौखलाए बघेल ने इसे संसदीय चुनाव के पहले कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश बताई है। सभी को अंदाजा है कि 2,701 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के इन दोनों घोटालों में अगला नाम किसका जुड़ेगा, परंतु मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शांत हैं। मानो विपक्ष को भड़ास निकालने का मौका दिया जा रहा है। कार्रवाई समानांतर और निर्वाध गति से आगे बढ़ रही है।
कोयला के भ्रष्टाचार से चार गुना बड़ा हो चुका है। कहां प्रति क्विंटल 25 रुपये की दर से इकट्ठा किया गया कोयला घोटाले का 540 करोड़ रुपया और कहां शराब घोटाले के 2,161 करोड़ रुपये। मौसम परिवर्तन के दौर के साथ नजदीक आते संसदीय चुनाव ने राज्य की राजनीति में गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ा दी है। अब आकलन ही किया जा सकता है कि जांच की जद में और कौन-कौन आएगा तथा एसीबी का शिकंजा किसके-किसके गिरेबान तक पहुंच जाएगा।
सीबीआई को सौंपी जा सकती है जांच
भूपेश सरकार के नीति निर्धारकों की अघोषित संपत्ति की जांच के लिए भाजपा नेता पिछले कई वर्षों से प्रमाण प्रसारित कर रहे थे। नौकरशाहों के विरुद्ध प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायतें की गई थीं। ईडी ने तथ्यों को संग्रहित कर कांग्रेसी नेताओं और भ्रष्ट नौकरशाहों की परेशानियां बढ़ा दी है। सीजीपीएससी भर्ती घोटाले में अधिकारियों के निकट संबंधियों की नियुक्ति की जांच पहले ही सीबीआई तक पहुंच चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि कोयला व शराब घोटाले की जांच भी सीबीआई को सौंप दी जाएगी।
कांग्रेस के लिए परेशानी बना शराब और कोयला घोटाला
शराब और कोयला घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अमरजीत भगत, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव समेत कई पूर्व विधायकों के नाम आने से मामला संगीन हो गया है। शराब और कोयला घोटाले में कुछ ब्यूरोक्रेट और कारोबारी अभी जेल में हैं, लेकिन एफआईआर की जद में आए कुछ अफसर व नेता अभी बाहर हैं, उनका क्या होगा, इस पर कयासों का बाजार गर्म है। विधानसभा चुनाव में हार से सदमें में घिरी कांग्रेस के लिए शराब और कोयला घोटाले का नया पेच मुश्किलों से भरा हो सकता है।
लोकसभा चुनाव में दोनों घोटालों को लेकर भाजपा का तीर कांग्रेस पर चलना तय माना जा रहा है। घोटाले को लेकर एफआईआर के बाद दोषियों की गिरफ्तारी का भी लोगों को इंतजार है। सत्ता परिवर्तन के बाद भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। ईडी की हर कार्रवाई के साथ प्रदेश की जनता को सौम्या चौरसिया के एकछत्र राज की याद ताजा हो जा रही है। किस तरह उप सचिव स्तर की महिला अधिकारी मुख्य सचिव और मंत्रियों तक पर धौंस जमाती थी।
शराब घोटाले में आए 70 आरोपियों के नाम
आईएएस समीर बिश्नोई और रानू साहू के साथ कांग्रेस के पूर्व विधायक चंद्रदेव राय बृहस्पत सिंह एवं यूडी मिंज, कांग्रेस कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, कोयला कारोबारी व कांग्रेस नेता सूर्य कांत तिवारी के नाम कोयला घोटाले में बड़े नामों के रूप में दर्ज हैं। इसी तरह आइएएस अरुणपति त्रिपाठी और निरंजन दास के साथ अनिल टूटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और कारोबारी नेता अनवर ढेबर सहित 70 आरोपियों के नाम शराब घोटाले में आ चुके हैं।जिसमे अभी कुछ जेल में बंद है तो कुछ ईडी की रिमांड पर हैं।
आरोपियों को नहीं मिल पा रही जमानत
कोयला और शराब घोटाले में मुख्य अंतर यही है कि अदालत में पहुंचने पर कोयला घोटाले के आरोपितों को जमानत नहीं मिल पा रही है, जबकि शराब घोटाले का दायरा बड़ा होते हुए भी आरोपी जमानत से बचने का रास्ता निकालने में सफल हैं। उम्मीद की जा रही है कि संसदीय चुनाव के पहले कांग्रेस आलाकमान के एटीएम तक जांच पहुंच जाएगी। भूपेश बघेल की सरकार ने घोटालों पर घोटालों को अंजाम दिया कांग्रेस पार्टी ने फंडिंग की और खुद को सत्ता में बनाए रखा।
महादेव सट्टेबाजी घोटाला
भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चंबा सीधे तौर पर शामिल हैं। इस कथित कंपनी के मास्टरमाइंड और ऐप के मालिक ने अपना एक वीडियो जारी कर कहा है कि वह कंपनी को 508 करोड़ रुपये का चूना लगाते हैं। ये चुनावी पैसे में इस्तेमाल किये गए हैं। उसने बताया कि एक-एक पैसे का खाता उसके पास है। बता दें कि महादेव सट्टेबाजी एप मामला 15000 करोड़ का अभी तक पता चला है, जांच जारी है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जिसपर ईडी ने केस दर्ज किया है। अभी ये बड़ा घोटाला है, मैक्स मॅक लाँगन भी मुश्किल है। इस मामले में बैलेबहेल के करीबी लोग जेल में बंद हैं। घोटाले से जुड़ी हैरान करने वाली फिल्में सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन में नेताओं और अधिकारियों को बच्चों को सीधे प्रवेश मिला, और उन्हें बड़े-बड़े पद भी दिए गए। प्रधानमंत्री ने भी इस मॉडल पर सवाल उठाया था। उन्होंने पूछा था कि कांग्रेस के गणितज्ञों से सवाल पीएससी के आंकड़ों को लेकर छत्तीसगढ़ के युवाओं का भी क्या हाल है… जिन हजारों बच्चों ने दिन-रात पढ़ाई करके, परीक्षा पास की थी, किस फॉर्मूले से बाहर निकाला था? कांग्रेस नेताओं के बच्चों को गणित के किस फॉर्मूले से भर्ती कराया गया?
शराब का घोटाला
बेअदबी ने वादा किया था कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो छत्तीसगढ़ में शराब बदलेगी। बेसिक बेसिकली और उनके बेटों पर आरोप है कि उन्होंने कमीशनखोरी करके 2161 करोड़ रुपये का घोटाला किया जबकि अभी इसका पूरा विवरण भी सामने नहीं आया है। जो पकड़ा गया और बेच दिया गया है, यह उसकी जानकारी है। सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये की शराब का घोटाला हुआ है। इस मामले में अब्दुल्लाह का भाई बयासी ढेबर के क्रिमिनल सिंडिकेट के लिए आयोजित किया गया था और उसे बड़े पैमाने पर नौकरी मिली थी।
चावल घोटाला
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर सरकारी राशन वितरण में भी घोटाला का आरोप है। पीडीएस व्यवस्था के तहत प्रति व्यक्ति 5 किल धान की व्यवस्था की योजना बनाई गई थी, लेकिन कैग की रिपोर्ट में आया है कि इसमें 600 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है। वहीं, मिडिल क्लास की सरकार ने लगभग 5000 करोड़ रुपये का चावल बेचा है। मई माह में बीजेपी ने 5000 करोड़ रुपये के चावल घोटाले का आरोप लगाते हुए जमानत भी मांगी थी। इस मामले में ब्लूटूथ और मास्क वाले लोगों ने शैले साधे रखा है।
खदानों से जुड़े गोदामों का भी सौदा किया गया है। माल स्टूडियो से 2000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप है। बताया जा रहा है कि 25 रुपए प्रति टन का नुकसान हुआ है। पिछले साल ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी और इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। एडी ने एक बयान में कहा कि यह मामला एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें छत्तीसगढ़ में वृद्धाश्रम, जनजाति, डीलर और बिचौली से जुड़े एक ग्रुप में शामिल होने वाले प्रति टन क्लास पर अवैध रूप से 25 रुपये की वसूली की जा रही है। अनुमान है कि इससे हर दिन करीब 2-3 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
गोबर और गोइंठा घोटाला
छत्तीसगढ़ की आदर्श अछूता सरकार ने गोइंठा और गोइंठा में घोटाला करने का निर्णय लिया है। 1300 करोड़ रुपए का गोइंठा कचरा एवं घोटाला। इस मामले में बीजेपी ने भी काफी हमला बोला है, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले को उठाया है. गोबर धन के नाम पर इतना बड़ा घोटाला छत्तीसगढ़ में दिया गया।
छत्तीसगढ़ में चीन के सरकारी राशन वितरण में घोटाला, केंद्र सरकार के पैसों का सही से उपयोग न करने के आरोप, भाई भतीजावाद के आरोप तो लगे ही रहे हैं, साथ ही झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने के भी आरोप लगे हैं। बलिया पर आरोप हैं कि वो छत्तीसगढ़ से मिले घोटालों के टुकड़ों को कांग्रेस की टॉप लीडरशिप तक पहुंचाते हैं और अन्य राज्यों के चुनावी अभियान में भी खर्च करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि वो पूरे 5 साल तक अपनी आजादी में सफल रहे हैं।