
मुंगेली । जिले में महीनों से चल रहे मतदाता जागरूकता अभियान भी मतदान के प्रतिशत पर कोई खास प्रभाव नहीं डाल सके। बीते लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार के चुनाव में 66.93% प्रतिशत ही हो सकी। जोकि अब तक चली जागरूकता मुहिम के हिसाब से नाकाफी है। तमाम मतदाताओं को अपने मताधिकार से वंचित होना पड़ा। सूत्रों के अनुसार जिसकी वजह जिम्मेदारों का लापरवाह रवैया रहा मालूम हो कि आचार संहिता लागू होने के समय जिला कलेक्टर एवं जिला प्रशासन द्वारा निश्चय किया गया था की हम आम जनमानस को अनेको अयोजन के माध्यम से जागरूक कर सत प्रतिशत मतदान का लक्ष्य पूरा करेंगे । इस बार हमारा प्रयास होगा कि हम डिक्टेंशन पाए। अधिक से अधिक मतदान कराने के लिए लक्ष्य लेकर जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए। कहीं पंतग उड़ाई गयी, कहीं कैंडल मार्च निकाला गया। जगह जगह मतदाता जागरूकता गोष्ठियां और रैलियां निकाली गयी। हर विभाग में मतदाता जागरूकता की मोहर लगायी गयी। इन मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों को देख कर यही लग रहा था कि मतदान के दिनों वोटों की बरसात होगी। कयास लगाए जा रहे थे कि मतदान का प्रतिशत ज्यादा नही तो 80 का आंकड़ा पार करेगा। लेकिन 7 मई को सम्पन्न हुए मतदान ने इन सारे प्रयासों और कायासों की हवा निकाल दी। बीती लोकसभा चुनाव में मुंगेली विधानसभा 67.13%, लोरमी विधानसभा में 65.19% तो वही बिल्हा विधानसभा में 68.46% रहा तो वही संपूर्ण जिले का मतदान प्रतिशत 66.93% तक ही पहुंचा। यानी कि इस बार के चुनाव में पिछली चुनाव की भाती कोई खासा असर नहीं पड़ा वही अगर जिला प्रशासन की कार्यक्रम में किए गए खर्चे की बात करे तो कई आंकड़े पार हो सकती है। अब इतनी कोशिशों का यह अंजाम बताता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक तैयारियों में चूक जरूर हुई यह कैसे हुआ यह प्रशासनिक मंथन का विषय है। बहरहाल इन जागरूकता अभियान के साथ प्रशासनिक अमला इन बिन्दुओं पर भी गंभीरता विचार करता तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि मतदान में दस से 15 फीसदी का इजाफा और हो सकता था। वही मतदाताओं को जागरूक करने लिए मुंगेली जिला प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर अलग-अलग तरीकों से कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिले में ‘‘शतप्रतिशत मतदान, मुंगेली जिले का अभिमान’’ के मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने एवं शत प्रतिशत मतदान के संकल्प को सार्थक बनाने के लिए जिला, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न नवाचारों के साथ अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित भी किया गया था वही जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में पलायन किए मतदाताओं को लोकसभा निर्वाचन में 07 मई को मतदान करने घर वापस बुलाने के लिए ‘‘घर आजा संगी अभियान’’ चलाया गया. इस अभियान के तहत प्रशासन के जमीनी स्तर के अमला ने जिले के पलायन किए लगभग 22 हजार लोगों से बातचीत की कवायत दिया गया था प्राप्त जानकारी के अनुसार मतदान के लिए 08 हजार 298 से अधिक पलायन किए मजदूरों की घर वापसी होने की जानकारी भी जिला प्रशासन द्वारा दिया गया था वही साथ में जिला प्रशासन जिले में अनेकों कार्यक्रम करवाया मगर फिर भी सत प्रतिशत मतदान मुंगेली जिले का अभियान सिर्फ एक तकिया कलाम बन कर रह गया