बीएमओ की शिकायत पर 11 अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज

गरियाबंद-रायपुर । मैनपुर में 11 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। मैनपुर बीएमओ गजेंद्र धुरव की रिपोर्ट पर मैनपुर थाने के तत्कालीन बीएमओ केके नेगी, तत्कालीन जिला कोषालय अधिकारी गुरुवेंद्र साव (वर्तमान में बेमेतरा कोषालय अधिकारी), डीपी वर्मा (वर्तमान में महासमुंद कोषालय अधिकारी), केके दुबे (वर्तमान में बलौदाबाजार कोषालय अधिकारी) के अलवा लिपिक वीरेंद्र भंडारी, संतोष कोमरा, जीसी कुर्रे, भोजराम दीवान, वार्ड बॉय विनोद ध्रुव, वाहन चालक भारत नंदे, लुकेश चतुर्वेदानी के खिलाफ धोखाधड़ी के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मैनपुर थाना प्रभारी शिव शंकर हुर्रा ने कार्यवाही की पुष्टि करते हुए बताया की आरोपियों के खिलाफ धारा 420,467,471,409 व 120 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में आगे की कार्यवाही की जा रही है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2019-20 में मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ तत्कालीन बीएमओ ने अपने अधीनस्थ 60 से भी ज्यादा कर्मियो के नाम के एरियस, इंक्रीमेंट, अतरिक्त वेतन के बोगस फाइल बनवाया, खुद प्रमाणित कर कोषालय भेजा करते थे, कोष अधिकारी बगैर सत्यापन के भुगतान भी जारी करते थे। ज्यादातर भुगतान फाइल से समंधित कर्मी के खाते के बजाए बीएमओ द्वारा बताए पंजाब नेशनल बैंक के निजी खाते में भेजा करते थे। जिन कर्मियो के खाते में बोगस फाइल के रुपए जाते थे उन्हे सीधे गलती से जाना बता कर वापस ले लिया जाता था। देवभोग के तत्कालीन बीएमओ डॉक्टर सुनील भारती के अलावा जिला प्रशासन द्वारा तत्कालीन एडीएम जे आर चौरसिया के जांच रिपोर्ट इन गड़बडिय़ों की पुष्टि 2020 में हो गई थी। एडीएम चौरसिया ने मामले की अंतिम प्रतिवेदन जिला प्रशासन को 2022 में सौप दिया था। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बोगस तरीके से निकाले गए रकम कोषालय में मौजूद जीरो बजट से आहरण किए जा रहे थे। जिसमे कोषालय अधिकारियों की पुरी भूमिका थी। अंदेशा है कि ऐसा गोलमाल शिक्षा विभाग में भी किया गया है।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *