आरक्षण दिए बगैर क्या  पदोन्नति दे सकती है छ ग सरकार ? पदोन्नति में आरक्षण देने संवैधानिक संकट का हल  तत्काल खोजें सरकार

मुंगेली । छ ग राज्य के पंजीकृत,कर्मचारी,अधिकारी संगठनों से अपील , अनु जाति, जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण दिलाने सहभागी बने । ज्ञात हो पूर्व सरकार ने  आरक्षण को निष्प्रभावी कर लाखों पदों पर  पदोन्नति दे दी।
                       गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़  राज्य के मान्यता प्राप्त गैर मान्यता प्राप्त व पंजीकृत कर्मचारी, अधिकारी संगठनों के साथ शीघ्र  बैठक आहुत कर पदोन्नति में   आरक्षण पर समर्थन    हासील करेंगी।
      संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया की छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम 2003 के  कंडिका पांच (पदोन्नति में आरक्षण) को  माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर  ने निरस्त कर पुनः  नया नियम बनाने राज्य सरकार को निर्देशित किया है,  परंतु निर्णय के एक माह के बाद भी राज्य सरकार द्वारा इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी, विचार ,कार्यवाही नहीं किया है ।  राज्य में  56% आबादी अनुसूचित जनजाति ,अनुसूचित जाति भागीदारी वाली समाज के  कर्मचारी व अधिकारी  पदोन्नति में आरक्षण व प्रतिनिधित्व से वंचित हैं ,राज्य में पुनः पदोन्नति हेतु विभाग की सक्रियता से आशंका पैदा होना स्वाभाविक है ।। विगत सरकार  लाखों पदों पर आरक्षण के बगैर पदोन्नति दे दी ।
वर्तमान में शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में पदोन्नति देने की सुगबुगाहट  शुरू हो चुकी है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की चुप्पी से अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारी  कर्मचारियों में शंकाएं पैदा होना स्वभाविक हैं।ऐसी स्थिति में
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने पहल कर राज्य के  मान्यता प्राप्त व  पंजीकृत संगठनों को आमंत्रित कर समर्थन हाशिल करेगी और बैठक में शामिल होने अपील करेगी ,क्योंकि राज्य के सभी संगठन में  अनुसूचित जाति जनजाति के कर्मचारी अधिकारी विभिन्न पदों पर विराजमान है तथा सदस्य बन भागीदारी हैं।  हैं ,ऐसी स्थिति में अनुसूचित जाति ,जनजाति के हक अधिकार , पदोन्नति में आरक्षण बहाल करने के लिए समर्थन मांगी जाएगी ।  उक्त बैठक की तिथि घोषणा शीघ्र ही की जाएगी और यह बैठक ग्रीष्म अवकाश के पूर्व कर ली जाएगी
     

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