
(प्रस्तुति अरविन्द तिवारी)
ऐ पिता ,
मेरे हर एक फैसले पर है हक तेरा।
हर वक्त रहता पग – पग पर साथ तेरा।।
मेरी हर सफलता के पीछे है आशीर्वाद तेरा।
चाहत है कुछ ऐसा कर दूं , कि बढ़ जाये शान तेरा।
तेरे अस्तित्व से ही बना पहचान मेरा।।
तेरे ज़हन में हर वक्त रहता खयाल मेरा।
तेरे दिये संस्कारों पर टिका व्यक्तित्व मेरा।।
तू है तो मुमकिन , हर ख्वाब मेरा।
तेरी मुस्कुराहट से ही रोशन है संसार मेरा।।
तेरे लिये ज्यादा क्या कहूं ?
तू सूर्य है और मैं चांद तेरा।
या कहूं कि
तू सारा का सारा आसमान मेरा।।
तू ही तो है जीता जागता भगवान मेरा ,
तू सदा स्वस्थ रहे , यही है बस अरमान मेरा।।
नवरात्रि ऐश्वर्या
भिलाई छत्तीसगढ़