कलेक्टर ने विश्व सिकल सेल दिवस पर जागरूकता रथ को किया रवाना

मुंगेली । विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर कलेक्टर  राहुल देव ने आज जिला कलेक्टोरेट परिसर से जागरूकता रथ को रवाना किया। यह रथ गांव-गांव में जाकर लोगों को सिकलसेल के संबंध में जागरूक करेगी। इससे पहले कलेक्टर ने सिकलसेल रोग की पहचान, निदान एवं रोकथाम के संबंध में जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार जिले में सिकलसेल रोग परीक्षण एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
            मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र पैकरा ने बताया कि हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त आक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, लेकिन सिकलसेल रोग में यह काम बाधित हो जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाले इस रोग में गोलाकार लाल रक्त कण (हीमोग्लोबिन) हसिए के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं। यह रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी में फंसकर लीवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है।
             जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे ने बताया कि सिकलसेल का मुख्य लक्षण भूख न लगना, खून की कमी से उत्पन्न एनीमिया, हल्का एवं दीर्घकालीन बुखार रहना, थकावट, त्वचा एवं आंखों में पीलापन, बार-बार पेशाब आना एवं मूत्र में गाढ़ापन, तिल्ली में सूजन, चिड़चिड़ापन और व्यवहार में बदलाव, वजन और ऊचांई सामान्य से कम, हाथ-पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हड्डियों और पसलियों में दर्द आदि है। यह एक आनुवांशिक रोग है। उक्त लक्षण दिखने पर अथवा विवाह पूर्व नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर सिकलसेल की जांच अवश्य कराएं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *