महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से हाल ही में बनाए गए तीन आपराधिक कानूनों पर वेबिनार आयोजित किया


नई दिल्ली ।  महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सहयोग से दो राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार लॉन्च किए, जिनमें से पहला आज 21 जून को चर्चा के लिए आयोजित किया गया था। हाल ही में अधिनियमित आपराधिक कानूनों के प्रावधान: “भारतीय न्याय संहिता”, “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता”, और “भारतीय साक्ष्य अधिनियम” पर चर्चा के लिए ये वेबिनार लॉन्च किए गए हैं। महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा, कल्याण एवं संरक्षा से संबंधित विशेषताओं पर विशेष रूप से चर्चा की गई। आज हिंदी में आयोजित पहला वेबिनार, एमडब्ल्यूसीडी, एमओपीआर और एमओआरडी के सचिवों द्वारा उद्घाटन भाषण दिया गया, जिसके बाद पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) के विशेषज्ञों द्वारा नए कानूनों के प्रमुख प्रावधानों को रेखांकित करने वाले व्यापक सत्र आयोजित किए गए। एमडब्ल्यूसीडी विशेषज्ञों ने महिलाओं और बच्चों के लिए इन कानूनों के सकारात्मक प्रभावों की गहराई से जांच की। इस आयोजन में देश भर के लगभग 40 लाख हितधारकों की भारी भागीदारी देखी गई, जिनमें पंचायती राज संस्थानों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधि, महिला स्वयं सहायता समूह और एमडब्ल्यूसीडी, एमओआरडी और एमओपीआर के विविध हितधारक शामिल थे। अंग्रेजी में एक दूसरा वेबिनार 25 जून 2024 को होना है, जो समाज के व्यापक वर्गों में और अधिक प्रसार और जुड़ाव सुनिश्चित करेगा। इन सुधारात्मक कानूनों को पारित करना भारत में महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करने के माननीय प्रधानमंत्री के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।

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