
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। चालू सीजन में फसल बोने के पूर्व बीजोपचार करने लेने की सलाह किसानों को वरिष्ठ कृषि अधिकारी बी. आर. साहू ने दी है। उन्होंने कहाकि हमारा क्षेत्र कृषि प्रधान है। यहां की 75 प्रतिशत आबादी कृषि एवं कृषि व्यवसाय से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है। विकासखंड में कुल 30 हजार किसान है, जिनका आजीविका का साधन मूलतः कृषि है। अंचल को धान का कटोरा कहा जाता है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है। धान की खुर्रा बुवाई अंतिम चरण की ओर है, तथा सुनिश्चित सिंचाई साधन वाले कृषक थरहा तैयार कर रोपा एवं लेही विधि द्वारा बोनी का कार्य कर रहे है। क्षेत्र में धान बुवाई की जा चुकी है। समय की महत्ता अनुसार व मानसून को देखते हुए कृषक अन्य फसलों की बुवाई कार्य कर रहे है। विकासखंड के कृषक खेतों की मेड़ पर अरहर एवं तिल की बुवाई विशेष रूप से करते है, जो कि जारी है। श्री साहू ने किसानों को समसामयिकी सलाह दी है कि बुवाई के पूर्व बीजोपचार अनिवार्यतः करें। इसके लिए उपयुक्त फफूंदनाशक थायरम, डाईएथेन-45, कल्चर एवं 17 प्रतिशत नमक घोल का उपयोग कर सकते है। थरहा उपचार हेतु क्लोरोपायरीफॉस का उपयोग करें। इससे धान में होने वाले तनाछेदक, पत्ती लपेटक एवं अन्य कीटव्याधि की नियंत्रण होगा। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से समसामयिकी सलाह हेतु सम्पर्क कर सकते है। क्षेत्र में खण्ड वर्षा की स्थिति निर्मित हो रही है, जिससे बोनी कार्य में आंशिक रूप से विलंब हो रहा है, किन्तु अभी तक फसल प्रभावित होने की सूचना नहीं है।