पुजारी की लाश जिस पाइप पर लटकी मिली, उसी में उसके दोनों हाथ भी कसकर बंधे थे, पुलिस बोल रही खुदकुशी है


गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। 17 जुलाई को नगर से 2 किलोमीटर दूर स्थित शनि मंदिर के युवा 19 वर्षीया पुजारी की मृत्यु का रहस्य गहराता जा रहा है। पुलिस जिसे आत्महत्या मानकर कार्यवाही कर रही परंतु परिस्थिति जन्य स्थिति से संदेह गहराता जा रहा है। लोहे के पाईप पर लटकी मिली लाश के दोनों हाथ पाईप के साथ कसकर बंधा रहना, हाथ में बंधी रस्सी का ही गले में फंदा बनना एवं फांसी से मौत हुई लाश की आंख एवं जीभ का सामान्य रहना जैसी स्थिति अनेक संदेह उत्पन्न कर रही है। फिंगेश्वर नगर पंचायत में वार्ड 14 के एक मकान में पुजारी की लाश मिली है। उसकी लाश लोहे के एक पाइप पर लटकी मिली। उसके दोनों हाथ भी इसी पाइप पर कसकर बंधे थे। ऐसे में इसे हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है। ऐसे में हत्या के साथ साथ पुलिस की जांच पर भी चर्चाओं का बाजार गरम है। मिली जानकारी के अनुसार बासीन में रहने वाला विकास तिवारी पिछले कुछ समय से फिंगेश्वर में रह रहा था। यहां वह चैतरा मोड़ स्थित शनि मंदिर में पुजारी था। पास ही वार्ड नंबर 14 में किराए के मकान में रहता था। गुरूवार को काफी समय तक नजर नहीं आने पर पहचान के लोग उसके घर गए। यहां उन्होंने विकास को फांसी पर लटके पाया। आसपास ये बात तेजी से फैली। इसी बीच कुछ लोगों ने थाने को फोन पर सूचना दी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को शव अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के हवाले कर दिया गया है। इधर, पुलिस ने भी शुक्रवार शाम तक इसे पूरे केस को सुसाइड बता दिया है। ऐसे में लोग पुलिस की जांच पर ही सवाल उठा रहे है। 19 वर्षीया विकास तिवारी के जीवन में ऐसी क्या विपत्ती आ गई कि उसे आत्महत्या जैसा क्रुर कदम उठाना पड़ा। निश्चित ही इस मामले का पूरा खुलासा होना ही चाहिए। लोग परिस्थिति को देखते हुए इसे हत्या की आशंका बता रहे है। पुलिस जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा।




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