
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। विकासखंड के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजिम में मरीजों के अस्पताल पहुंचने पर मामूली बीमारी विशेषकर दुर्घटना आदि में पीड़ित मरीजों को योजनाबद्ध ढंग से निजी अस्पतालों में सेटिंग कर भेजने की पुरजोर कोशिश की जाती है। यहां तक की मरीज एवं उसके परिवार को गंभीर चोट का एहसास दिलाने निजी अस्पताल में एम्बुलेंस बुलवा ली जाती है। इससे यहां आने वाले मरीजों को निजी अस्पताल में हजारों रूपए खर्च करना पड़ता है। भुक्तभोगी मरीजों ने बताया कि निजी अस्पताल जिसमें उन्हें भेजा जाता है वहां इनके कमीशन वसूली के चलते आयुष्मान कार्ड पर इलाज नहीं किया जाता इससे मरता क्या न करता मरीज के परिजनों को हजारों रूपये का भुगतान नगद राशि में करना पड़ जाता है। जिससे आयुष्मान कार्ड का लाभ उन्हें नहीं मिलता। इससे उन्हें सरकार द्वारा बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को उपलब्ध कराए गए आयुष्मान कार्ड का कोई लाभ नहीं मिलता है। इस संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन जिलाधीश को प्रेषित करते हुए फिंगेश्वर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष योगेश साहू ने दुर्घटना ग्रस्त पीड़ित ग्रामीणों का जिक्र करते हुए कहा है कि शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजिम में काफी लंबे समय से इस प्रकार की शिकायत मिल रही है। यहां आने वाले मरीजों की मामूली बीमारी को भी गंभीर एवं शासकीय अस्पताल में इसका इलाज उचित ढंग से न हो सकना बताकर षडयंत्रपूर्वक निजी अस्पताल में भेजा जाता है। ऐसे निजी अस्पतालों से सेटिंग कर मनमाने ढंग से कमीशन की उगाही की जाती है। जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू ने इस संबंध में दो-तीन मामलों का विस्तृत विवरण देते हुए जिलाधीश से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। श्री साहू ने बताया कि इस तरह रिकमेंट में आए मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड में नहीं कर भुक्तभोगी परिवार से इलाज के हजारों रूपयों के बिल की राशि नगद देने को मजदूर किया जाता है। इससे सरकार की बीमारियों के लिए दिए जाने वाले आयुष्मान कार्ड का औचित्य शून्य रह जाता है। श्री साहू ने बताया कि जिलाधीश ने उन्हें मामलें की जांचकर कार्यवाही किए जाने की बात कही है। इस मामलें पर जिला कलेक्टर दीपक अग्रवाल से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आवेदन प्राप्त होने पर राजिम शासकीय अस्पताल से मौखिक पूछताछ की गई तो इस प्रकार का किसी भी तरह का कार्य हमारे अस्पताल में नहीं होता है। ऐसा कहा गया। क्या आवेदक को आपका मिली जानकारी से अवगत कराया गया है, पूछे जाने पर श्री अग्रवाल ने कहा कि हमें रोज काफी संख्या में आवेदन मिलते है। सभी का जवाब कैसे दिया जा सकता है।
हमने अस्पताल का रिकार्ड देखा है। यह मरीज हमारे अस्पताल आया ही नहीं है। हमारे अस्पताल में ऐसा नहीं होता।
डॉ. व्ही. के. हिरौंदिया, विकासखंड चिकित्सा अधिकारी