श्रद्धा आस्था और समर्पण का पर्याय है गुरु



गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। प्रतिवर्ष आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इसी तारतम्य में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजली में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शाला के शाला के प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ किया गया। तत्पश्चात समस्त शिक्षकों का स्वागत छात्र छात्राओं द्वारा गुलाल से किया गया। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य पूरन लाल साहू ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का उच्च स्थान प्राप्त है।गुरु शिक्षा और संस्कार दोनों का केंद्र बिंदु है। गुरु श्रद्धा, आस्था और समर्पण का पर्याय है। गुरु ज्ञान रूपी प्रकाश से अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करता है। गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था इस कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। दिनेश कुमार साहू व्याख्याता ने कहा कि माता पिता हमारे प्रथम गुरु होते हैं। गुरु के सानिध्य में जाने से जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल जाते हैं। हमें अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए। संतोषी गिलहरे व्याख्याता ने जीवन में संस्कार का बहुत महत्व है। संस्कार विहीन मनुष्य पशु के समान होते हैं। हमें अपने माता-पिता, गुरु एवं बड़े बुजुर्गो का सदैव सम्मान करना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन 12 वीं की छात्रा गीता साहू ने किया। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य पूरन लाल साहू, व्याख्याता दिनेश कुमार साहू, विनय कुमार साहू, नरेंद्र कुमार वर्मा, रेखा सोनी, गीतांजलि नेताम, संतोषी गिलहरे, नकुल राम साहू, रुद्रप्रताप साहू, क्लर्क तोमन साहू, भृत्य आकाश सूर्यवंशी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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