छत्तीसगढ़ की धान खरीदी की प्रक्रिया को समझने उड़ीसा सरकार के दो आई ए एस की अध्यक्षता मे अध्ययन दल कुण्डेल भाठा संग्रहण केंद्र पहूंचे

गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है,यहां अन्नदाता भगवान होता है और धान की बाली महतारी के माथे पर सोने जैसे दमकती है।इसीलिए किसान ही छत्तीसगढ़ के सब कुछ हैं। जिसके लिए छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार किसानों के लिए समर्पित दिखती है। वर्तमान मे सरकार 31 सौ रूपये मे प्रति क्विंटल प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीद रही है। आज धान खरीदी के मामले में छत्तीसगढ़ उदाहरण एक माडल बन कर सामने आया है। जो उड़ीसा सरकार को भा गया है। इसी तर्ज पर उड़ीसा सरकार धान खरीदी करने की प्रक्रिया को जानने समझने के लिए 1 जुलाई से छत्तीसगढ़ प्रवास पर है। जिला विपणन अधिकारी अमित चंद्राकर ने बताया की अपने प्रवास के दूसरे दिन धान संग्रहण केन्द्र कुण्डेल भाठा पहूंचे। इस अध्ययन दल मे उड़ीसा सरकार की ओर से ओडिशा राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के आई ए एस अधिकारी शुभम् सक्सेना, आई ए एस राजेश प्रभाकर पाटिल सहित पांच अधिकारी और थे जिसमे दो महिला अधिकारी थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की धान खरीद की प्रक्रिया, किसानों को भुगतान, मंडी प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण, सीएमआर वितरण, भंडारण और अन्य संबंधित कार्यों को समझने के उद्देश्य से धान संग्रहण केन्द्र कुण्डेल भाठा एक्सपोजर विजिट के दौरान फील्ड विजिट भी किया। दल ने कुछ विषयो के बड़ी क्रियान्वयन पर आश्चर्य व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन चुनाव मे भाजपा ने उड़ीसा मे अगामी खरीब सिजन मे 3100 सौ मे धान खरीदने का वादा किया है। सरकार बनने के बाद उसकी प्रतिबद्धता बन रही है। इसलिए अध्ययन दल यहां पहूंचे हूये है। वही छत्तीसगढ़ की ओर से गरियाबंद जिला विपणन अधिकारी अमित चन्द्राकर, रायपुर जिला विपणन संघ अधिकारी जसबीर बघेल, एडिशनल एम डी मार्कफेड योगेंद्र श्रीवास, जिला गरियाबंद खाद्य अधिकारी सुधीर गुरु ने धान खरीदी की प्रक्रिया क्या है, धान बेचने का रजिस्टेशन कैसे करे, धान खरीदी का समर्थन मुल्य क्या है, धान उपार्जन केन्द्रों से जिला संग्रहण तक की प्रक्रिया, उठाव, रखरखाव, मनेजमेंट बजट सहित समस्त क्रियान्वयन को विस्तार से बताया गया।

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