सुकमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़: हथियार और अन्य सामान बरामद

सुकमा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में गत दिवस को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों से बड़ी मात्रा में हथियार और अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को इस घटना की जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र में स्थित करकनगुड़ा गांव के जंगल में हुई। इस इलाके में सुरक्षाबलों की ओर से लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। सोमवार को डीआरजी, बस्तर फाईटर सुकमा और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल को करकनगुड़ा, मोरपल्ली, ताड़मेटला, गोलागुड़ा और कोत्त्तागुड़ा गांवों के जंगल की ओर रवाना किया गया था।

घात लगाकर नक्सलियों का हमला

सुरक्षाबल जब सुबह लगभग आठ बजे करकनगुड़ा गांव के जंगल में पहुंचे, तो वहां पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया। सुरक्षाबलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिससे लगभग 25 मिनट तक दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ जारी रही। नक्सलियों के इस हमले का सामना करते हुए सुरक्षाबलों ने अंततः उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

मुठभेड़ के बाद, जब सुरक्षाबलों ने इलाके की तलाशी ली, तो वहां से एक भरमार बंदूक, दो घड़ी, नक्सली साहित्य और अन्य सामान बरामद किया गया। इस कार्रवाई के दौरान किसी भी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है।

नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी

पुलिस ने बताया कि इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। सुरक्षाबल नक्सलियों के किसी भी गतिविधि का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सुकमा जिले के ये इलाके लंबे समय से नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की निरंतर कार्रवाई से नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है।

बदलता हुआ नक्सल प्रभावित इलाका

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी सरकार नक्सलियों की हिंसा का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अगर नक्सली गोली की भाषा समझते हैं, तो सरकार भी उन्हें उसी भाषा में जवाब देगी। वहीं, सरकार ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए भी बातचीत के दरवाजे खुले रखे हैं।

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि राज्य से माओवाद की काली छाया जल्द ही दूर होगी। सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं और सुरक्षाबलों की सक्रियता के कारण नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। सुकमा में हुए इस मुठभेड़ ने एक बार फिर से साबित किया है कि नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान में सुरक्षाबल पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि वे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और सुरक्षा दोनों मोर्चों पर सक्रिय हैं। यह मुठभेड़ उन नक्सलियों के लिए एक और झटका है, जो हिंसा के जरिए अपने उद्देश्य को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

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