फिल्मों में परोसी जा रही अश्लीलता पर लगाम लगाने की जरूरत – ड्रीमगर्ल हेमामालिनी

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

रायगढ़ (गंगा प्रकाश)। आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ रही फिल्मों में अश्लीलता परोसी जा रही है जिसकी वजह से उसे परिवार के साथ बैठकर देखा नहीं जा सकता , इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। बदलते परिवेश के साथ म्यूजिक में भी थोड़ा बदलाव हुआ है , लेकिन संगीत की आत्मा नहीं मरनी चाहिये। शास्त्रीय संगीत को आगे बढ़ाने के लिये चक्रधर समारोह जैसे और भी आयोजन होने चाहिये। मैं आजकल के फिल्मी गाने को खराब नहीं बोल रही  , बहुत अच्छा है  क्योंकि उसमें उस रोल के हिसाब से उनका फरफार्मेस होता है। हमारे समय के फिल्म भी बहुत बढ़िया थे , बहुत ही सिंपल और सुंदर थे जिसे कोई भी परिवार के साथ बैठकर देख सकता है। आजकल फिल्म पूरा परिवार बैठकर नहीं देख सकते और बच्चों को भी बोलना पड़ता है कि ऐसा फिल्म मत देखो।

                                                      उक्त बातें 39वें चक्रधर समारोह में भाग लेने रायगढ़ पहुंची ड्रीमगर्ल हेमामालिनी ने जिंदल गेस्ट हाऊस में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कही। ड्रीमगर्ल ने कहा छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है। पीएम मोदी भी छत्तीसगढ़ के विकास के लिये पर्याप्त फंड उपलब्ध करा रहे हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में विकास दिखने लगा है। सीएम विष्णु साय भी प्रदेश में अच्छा काम कर रहे हैं। खास तौर पर बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के विकास के लिये अच्छा काम हो रहा है। हेमामालिनी ने कहा कि उनकी शुरुआत नृत्य से हुई। इसी वजह से फिल्मों में भी आना हुआ और अब राजनीति में जाकर लोगों की सेवा कर रही हैं। हेमामालिनी ने चक्रधर समारोह के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि वे पहले भी इस समारोह में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं और उनकी दोनों बेटियों ने भी यहां अपने प्रदर्शन किये हैं। वे पिछले बार यहां दुर्गा की प्रस्तुति की थी और इस बार हम राधा रास बिहारी पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे। यह एक शानदार अवसर है और मुझे इस बार भी यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस भव्य आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है और यह सुनिश्चित किया गया है कि दर्शकों को एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक अनुभव मिले। चक्रधर समारोह जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है। इस बार भी अपने विविध और रंगीन कार्यक्रमों के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिये तैयार है।फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी ने कहा आप लोग जब बुलाते हैं, तब परफॉर्म करती हूं, तब बहुत सारे जनता के साथ मेरा लगाव रहता है। इसलिये मैं इसे जारी रखना चाहती हूं। मैं अभी कोई भी फिल्म नहीं कर रही हूं, पहले बहुत कर चुकी हैं और भी फिल्म करने को तैयार हूं लेकिन कोई बेहतर रोल मिले तब मैं अभी भी फिल्म करूंगी, क्योंकि मैं अभी भी कर सकती हूं और करने के काबिल भी हूं। लेकिन नृत्य के साथ अभी भी जुड़ी हुई हूं। इसके अलावा सांसद बनने भी अवसर उन्हें मिल चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि वे चुनाव प्रचार के दौरान कई बार रायगढ़ और छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुकी हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि छग बहुत सुंदर है और यहां की संस्कृति भी बहुत समृद्ध है , यहां के लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है और यहां आकर मुझे बहुत खुशी भी मिलती है। उन्होंने कहा आज आपने मुझे यहां बुलाया है , तो जरूर आज चक्रधर समारोह में जनता की भारी भीड़ होगी। लेकिन कल से चक्रधर समारोह जैसे बड़े आयोजन में जो भी कार्यक्रम आयोजित होगा उसमें भी उतना ही भीड़ होना चाहिये , तभी पता चलेगा कि हमारी संस्कृति कितना आगे बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा मथुरा की सांसद होने के नाते उनकी पहली प्राथमिकता क्षेत्र के विकास की है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद अब मथुरा क्षेत्र का विकास करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है , इस क्षेत्र में काम भी शुरू हो गया है। मथुरा में कॉरिडोर बन चुका है , अबजल्द ही मथुरा भी अयोध्या की तर्ज पर डेवलप नजर आयेगी। उल्लेखनीय है कि आज दस दिवसीय आयोजित चक्रधर समारोह के शुभारम्भ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुये , समारोह का शुभारंभ श्री गणेश पूजन , दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना से हुआ। जिसके पश्चात रायगढ़ कत्थक घराने के वरिष्ठ कलाकार तथा इस वर्ष पद्मश्री से नवाजे गये रामलाल को कत्थक घुंघरू सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसके बाद भूपेंद्र बरेठ और साथी कलाकारों द्वारा कत्थक समूह नृत्य की प्रस्तुति दी गई । इसके पश्चात दर्शकों को छत्तीसगढ़ की माटी के लोक विधा करमा नृत्य का आनंद लेने का अवसर मिला। जशपुर के मनियर भगत एवं साथी के द्वारा करमा नृत्य की प्रस्तुति दी गई।कार्यक्रम के अंत में प्रसिद्ध अभिनेत्री , नृत्यांगना और सांसद और पद्मश्री हेमामालिनी ने अपनी टीम के साथ भरतनाट्यम शैली में ‘रासबिहारी’ नृत्य नाटिका का मंचन किया , जिसने कला प्रेमियों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रस्तुति के दौरान श्रीकृष्ण की रासलीला , आराधना और संयोग-वियोग के दृश्य इतने प्रभावशाली थे कि दर्शक बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते नजर आये। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित दर्शक पूरी तरह से इस अद्वितीय नृत्य नाटिका के रंग में डूबे रहे , जिससे समारोह का माहौल कला और संस्कृति की ऊंचाईयों को छूता नजर आया।

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