शिक्षक का चरित्र ,चित्र के रूप मे पूजनीय है -ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी

स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज के निर्माण मे शिक्षको की भूमिका विषय पर हुआ चिन्तन 

नवापारा/राजिम (गंगा प्रकाश):- नवापारा के  ब्रह्माकुमारीज़ त्रिमूर्ति भवन की ग्लोबल पीस सभा हाल मे “स्वस्थ और स्वच्छ सामाज के निर्माण मे शिक्षको की भूमिका” विषय के अन्तर्गत शिक्षक सम्मान- समारोह का आयोजन सोमवार को किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ के आर सिन्हा (एम डी फिजिसियन एण्ड मेडिसिन,नवापारा )रहे।सेवा केन्द्र की संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी की अध्यक्षता मे आयोजित कार्यक्रम मे खड़मा सेवा केन्द्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी अंशु बहन,श्रीमती फाखरा खानम दानी व्याख्याता, शासकीय हरिहर  उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा, जोहत राम यादव व्याख्याता हाई स्कूल पिपरछेडी,सेवानिवृत प्रधान पाठक प्रफुल्ल दुबे किरबई, संजीवन प्रसाद, श्रीराम सोम,गजानन्द गुप्ता,नवापारा,एवं नारायण राम साहू सेवानिवृत प्रधानपाठक पिपरौद बतौर विशेष अतिथी के आसन्दी पर विराजमान रहे।सभी अतिथियो एवं शिक्षको का  राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्रिया एवं हेमा बहन ने तिलक  बैच  लगाकर स्वागत किया गया।

 

शिक्षक समाज की धूरी हैं – डॉ के आर सिन्हा 

    मुख्य अतिथि डॉ के आर सिन्हा ने  समस्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक समाज की धूरी हैं,इस संसार में भावी भविष्य के कर्णधार बच्चों को तैयार करने की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर है l उन्होंने अपने बचपन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किसी भी शिक्षक की ऐसी छवि हृदय में बस जाती है जो हमारा मार्ग सदैव आजीवन प्रशस्त करती है।शिक्षकों के मार्गदर्शनपर चल कर ही हम अपने मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं ।

      कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राजयोगीनी पुष्पा दीदी ने कहा  कि कलयुग के अन्त समय मे परम पिता परमात्मा जो परम शिक्षक,परम सतगुरु है , प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से हम आत्माओ को एक लक्ष्य देते है कि नर एसे कर्म करे की नारायण बने,नारी ऐसे कर्म करे की लक्ष्मी बने।इसके लिये आध्यात्मिक शिक्षा की आवश्यकता है।उन्होने कहा कि शिक्षक कभी कहानी या कथा नही सुनाती शिक्षक की बुध्दि स्वच्छ व साफ रहती है क्योकि वह बच्चो का जीवन बनाती है।दीदी ने कहा कि चरित्र से चित्र बनती है।आज एक शिक्षक का चरित्र उसके चित्र के रूप मे पूजे जा रहे है ।शिक्षक समय और संकल्प को समाज व राष्ट्र के उत्थान मे लगा कर समय के महत्व को पहचान भविष्य के कर्णधार युवा वर्ग को सही दिशा दे  स्वच्छ व स्वस्थ समाज के निर्माण मे बहुत बडी भूमिका निभा सकती है।

        

जीवन जीने की कला सिखाते चले तो हमारा जीवन भी  सफल होगा -अंशु दीदी 

वही खड़मा सेवाकेन्द्र से पहुंची ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने शिक्षको की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप शिक्षको की कड़ी मेहनत से हमारा देश,समाज व परिवार शिक्षित व प्रशिक्षित हुआ है।अब समय दीक्षित होने की है।आज समाज मे नैतिक मूल्यो की हनन हो रहा है।जिसका परिणाम हम सब देख रहे है।उन्होने कहा कि कागजी ज्ञान की डिग्री हमारे पास रहे न रहे पर मानवता की पाठ् जरुर पढ़े दीदी ने शिक्षको से आह्वान किया कि नैतिक मूल्यों की उत्थान के लिये परम शिक्षक दिव्य बुद्धि के दाता,परमात्मा  से मन का तार जोड़कर दिव्य गुणो एवं शक्तियोंसे भरपुर हो अपने साथ साथ औरो को भी जीवन जीने की कला सिखाते चले तो  हमारा  जीवन सफल होगा।दीदी कहा कि  ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय  अच्छा इंसान बनने, चारित्रिक उत्थान, श्रेष्ठ मानवीय संस्कारों को धारण करने की शिक्षा दी जाती है संस्थान की भगिनी संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के शिक्षा प्रभाग के द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम संस्थान आयोजित करता हैl ताकि व्यक्ति,समाज व राष्ट्र का नैतिक उत्थान हो सकेl  कहे कि भारतवर्ष में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है l हमें बेहद खुशी है कि आप सभी शिक्षकों का सम्मान करने हेतु हमें अवसर प्राप्त हुआ है ।

  ब्रह्माकुमारी बहने एक आदर्श शिक्षक -व्याख्याता जोहत राम यादव 

   वरिस्ठ व्याख्याता जोहत राम यादव ने कहा की अपने को हमेशा विद्यार्थी समझे व सीखते रहे,जिसमे सीखने की कला होगी उसीमे ही सिखाने की कला होगी।उन्होने कहा की ब्रह्मा बाबा ने परमात्म द्वारा प्रदत्त ज्ञान का रिसर्च कर,जीवन मे प्रयोग कर एक स्वरुप समाज के समाने प्रदर्शित किया है।जिसका विराट रूप ब्रह्माकुमारीज़ के रूप मे हम देख रहे है।हम शिक्षको के साथ साथ ब्रह्माकुमारी बहने हमारे समाज के सामने एक आदर्श शिक्षक के रूप मे समाज के नव निर्माण मे अहम भूमिका निभा रही है  ऐसे ब्रह्माकुमार- ब्रह्माकुमारी भाई बहनो का दिल से सम्मान करता हू।

     वही कार्यक्रम मे नारीशक्ती का प्रतिनिधित्व कर रही वरिष्ठ व्याख्याता फाखरा खानम दानी ने कहा कि हर इंसान अपने विशेषताओ के साथ जन्म लेता है वह आध्यात्मिक भी होता हैऔर चिंतक भी होता है।इन विशेषताओ को जीवन मे कितना प्रयोग करता है,ये उसके ऊपर है। हम शिक्षक सफल तभी होंगे जब समाज मे आत्महत्या एवं बालअपराध जैसे घटना बन्द होंगे ये शिक्षको की बहुत बडी भूमिका है।बच्चो मे जीवन जीने की कला सिखाई जाने पर जोर दी।

80 वरिष्ठ शिक्षको का सम्मान समारोह ब्रह्माकुमारीज नवापारा के त्रिमूर्ति भवन मे 

सेवानिर्वृत प्रधान पाठक प्रफुल्ल दुबे ने बताये कि गुरु की महत्ता पहले भी थी,आज भी है और कल भी रहेगा आवश्यकता है अपनी महत्ता को बनाये रखने की समाज मे गुणो की कीमत है जहां गुण है वहाँ सभी प्रकार की प्राप्ति है।दुबे जी ने कहा की स्वस्थ मन मे स्वच्छ विचार आते है,जिससे स्वच्छ व सकारात्मक प्रतिक्रिया समाज को होतीहै।सभा को सेवानिवृत प्रधान पाठक संजीवन प्रसाद,श्रीराम सोन,गजानन्द गुप्ता,नारायण राम साहू ने भी सम्बोधित करते हुए आयोजक ब्रह्माकुमारी बहनो  को धन्यवाद ज्ञापित किये ।तत्पश्चात आकाशवाणी रायपुर से पुर्व वक्ता व गायक आर आर साहू ने अपने गीतो व सुमधुर आवाज से कार्यक्रम को बांधे रखा।नगर एवं क्षेत्र के  80 वरिस्ठ शिक्षक- शिक्षिकाओं का ईश्वरीय सौगात शाल,स्लोगन एवं ब्रह्माकुमारीज़ का लक्ष्य लक्ष्मी-नारायण समान जीवन बनाने का प्रतीक छाया चित्र भेट कर सम्मान किया।

       मंच का सफल संचालन ब्रह्माकुमार गणेश भाई  के द्वारा किया गया।अंत में सभी शिक्षकों नें मेडिटेशन कर अपने आप की अहम भूमिका को महसूस किया एवं एक दुसरे के प्रति शुभ भावना एवं शुभकामनाएँ रखते हुए मन के संकल्पो द्वारा सकारत्मक वातावरण निर्मित करते एक स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज के निर्माण के हर एक ने अपनी महत्व को समझा।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सदस्य एवं शिक्षक वृन्द बहु संख्या मे उपस्थित रहे ।

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