
42 साल के जयशंकर मरकाम ने ब्लड डोनेशन में इस साल अर्धशतक मार दिया…..
गजानंद कश्यप
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। देवभोग ब्लॉक के कुछ साथियों के द्वारा जरूरत लोगों को ब्लड डोनेट कर उनकी जिदंगी बचाई जा रही है इसमे से एक जयशंकर मरकाम है जो 18 साल के उम्र से 42 साल के उम्र के बीच रक्त दान करने की लक्ष्य सा बना लिया है वे कहते हैं 65 की आयु तक डेढ़ सौ से अधिक बार रक्तदान करने का संकल्प ही ले लिया है आइए उनके बारे में और कुछ जाना चाहते है ललक और जुनून को उम्र की सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। बस इसके रास्ते नेक एवं समाज के लिए समर्पित हो। क्षेत्र कोई भी हो,बस समाज के लिए कुछ कर गुजर जाने के लिए संकल्प होना चाहिए। अगर इस एक बार नेक कार्यों में रम गया तो ता उम्र उसके लिए जीवन का मकसद बन सकता है। इसको कर साबित कर दिखाया है सेंदमुड़ा निवासी जयशंकर मरकाम उन्होंने ठान लिया है कि ता उम्र रक्तदान के प्रति समर्पित रहेंगे। तभी तो वे उम्र के पड़ाव में भी हर तीन माह बाद निरंतर रक्तदान कर रहे हैं।
ये हैं जयशंकर मरकाम,पेशे से किसान हैं। लेकिन पहचान एक रक्तदाता के रूप में भी है। 42 साल के जयशंकर मरकाम ने ब्लड डोनेशन में इस साल अर्धशतक मार दिया है। 18 साल की उम्र से ब्लड डोनेट कर रहे हैं। 54 वां बार करने के बाद भी जज्बा पहली बार की तरह ही है। इनका कहना है लोगों को जरूरत का हर वो सामान देने से भी जितनी खुशिया नहीं मिलती, उससे कई ज्यादा किसी जरूरतमंद को एक यूनिट ब्लड देने से मिल जाती है।
ब्लड डोनेशन के लिए लोगों को मोटिवेट करने के लिए बनाई वॉट्सएप ग्रुप
जयशंकर मरकाम ने ब्लड डोनेशन को लेकर काफी जागरूक हैं। खुद तो ब्लड डोनेशन करते ही हैं,लोगों से भी लगातार रक्तदान के लिए अपील करते हैं। इन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर करीब दो साल पहले जीवनदान संस्था और वॉट्सएप ग्रुप बनाया है। ये संस्था के पदाधिकारी भी हैं। देवभोग रक्त दान सेवा समिति और इससे बने वॉट्सएप ब्लड ग्रुप जरूरतमंदों के लिए रक्त जमा करने और उन तक पहुंचाने का काम करती है। संस्था द्वारा दो चार सालों में कई लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीब हजार जरूरतमंदो की जान बचाई गई है। संस्था की पूरी टीम युवाओं के बीच मोटिवेशनल सेशन भी करती है, जिससे उनमें रक्तदान के प्रति रुचि आती है।
रक्तदान से आपके शरीर को ज्यादा फायदा
रक्तदान जितना फायदा उस जरूरतमंद को देता है, उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है। शोध के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा दूर रहता है। यही नहीं, ऐसा करने से हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होता है और साथ ही जो वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेते हैं, वो भी रक्तदान के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
कौन-कौन कर सकता है रक्तदान?
एक स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो, उसका ह्यूमोग्लोबिन 12.5 प्रतिशत से ज्यादा हो और कम से कम 45 किलोग्राम उसका वजन हो तो वो व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति की शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो भी रक्तदान कर सकता है।
एक यूनिट ब्लड बचा सकता है चार लोगों की जान
जी हा, आप जब रक्तदान करते हैं तो इससे एक या दो नहीं बल्कि चार लोगों तक की जान बचाई जा सकती है। जब एक ब्लड यूनिट के चार हिस्से कर दिए जाएं, उनके रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल अलग-अलग हो जाएंगे और प्लाज्मा भी अलग हो जाएंगे तो उसके बाद वो चार लोगों के काम आ सकता है।
डायबिटिक पसेंट भी कर सकते है रक्तदान
अगर किसी व्यक्ति का शुगर 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो रक्तदान कर सकता है। इसके अलावा अगर किसी की शुगर ज्यादा है तो उसका रक्त किसी ऐसे इंसान को ही चढ़ाया जाता है जिसको शुगर की समस्या हो। मधुमेह यानी शुगर की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए भी रक्तदान काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर शुगर का मरीज लगातार अपना रक्तदान करता है तो उसका नया खून जब बनेगा तो वो शुगर रहित होगा क्योंकि हमारा शरीर शुगर वाला खून नहीं बनाता है। इसमें ये ध्यान रखने की जरूरत होती है कि एक रक्तदान व दूसरे रक्तदान के बीच करीब 3 से 6 महीने का गैप रहे।
ये हैं ब्लड डोनेशन के फायदे
– ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है।
– एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालता है।
– ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।