
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। अंचल की प्रसिद्ध आस्था एवं विश्वास की दैवीय मंदिर माँ मौली माता के दरबार में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी शारदीय नवरात्र का पावन, श्रद्धा तथा पूजापाठ एवं तप का उत्सव पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष सबसे ज्यादा 1901 ज्योत कलश की स्थापना माँ के श्रद्धालु जनों ने माँ के दरबार में मनोकामना ज्योत के रूप में प्रज्जवलित कराई है। मंदिर ट्रस्ट समिति के तत्वाधान में मौली माॅ के दरबार प्रतिदिन शाम 6 बजे से अंचल की प्रसिद्ध मंडलियों द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ संगीतमय माँ की सेवा गीत की जो श्रृंखला शुरू होती है वह रात्रि 10-11 बजे तक भक्तों को भक्ति से सरोबर कर देती है। इन दिनों माँ मौली माता के दरबार की साज सज्जा भी काफी नयनाभिराम एवं काफी आकर्षक ढंग से की गई है। यहां आने वाले भक्त मंदिर की व्यवस्था एवं सजावट की तारीफ किया बिना नहीं रहता है। नगर में सोसायटीप्रांगण,राजापारा,हल्बापारा,टिकरापारा, बिजली ऑफिस,बंगलाभाठा में भी दुर्गोत्सव समितियों द्वारा माँ की सेवा की जा रही है। सभी जगह आकर्षक साज सज्जा के साथ माँ के पण्डालों को सजाया गया है। नगर के चारों दिशाओं में माँ का दरबार सजा होने से शाम से ही माँ की सेवा गीतों से नगर गुंजायमान हो जाता है। आज 7 अक्टूबर को माता श्रृंगार के दिन सभी दुर्गा पंडालों में महिलाओं की भीड़ रहने की संभावना के चलते बेरीकेट्स लगाकर महिलाओं के माता श्रृंगार कार्यक्रम के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर हाथों में थाली लिए पूजा सामग्री एवं माता की चुनरी आदि के साथ माँ के दरबार में माता का श्रृंगार करने पूरी भक्ति भावना के साथ पहुंचेगी। नवरात्र में श्रृंगार पंचमी का विशेष महत्व रहता है। श्रद्धालु महिलाएं माता के श्रृंगार की सामग्री लेकर माता के दरबार में आती है।