
ग्रामवासियो क़े सहयोग से 1985 से प्रतिवर्ष संचालित हो रहा रामलीला


कोंडागांव (गंगा प्रकाश)। बफना ग्राम कोंडागांव से महज 08 किलोमीटर की दुरी पर बसा है जहाँ पर इन दिनों धूमधाम से दशहरा उत्सव की तैयारी की जा रही है 12 अक्टूबर को रावण दहन की तैयारियां जोरों पर है वहीं 5 दिवसीय रामलीला का आयोजन भी किया जा रहा है।रामलीला का यह आयोजन 1985 से स्थानीय युवकों की टोली ने प्रारम्भ किया था जो की आज भी भव्यता क़े साथ प्रतिवर्ष संचालित हो रहा है नवयुवक रामलीला मंडली क़े पदाधिकारीयों ने बताया की इस रामलीला आयोजन क़े लिए शासन प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिलता बल्कि ग्रामीणों क़े सहयोग से स्थानीय नवयुवकों क़े प्रयासों से हम कार्यक्रम को भव्यता क़े साथ दिखाने का प्रयास करते हैं, आज 39 वर्षो से कई परेशानियों का सामना करते हुए यह मंडली प्रतिवर्ष धूमधाम से रामलीला का आयोजन करता है व रावण दहन भी धूमधाम से किया जाता है।आगे बताया की यह सब ग्रामीणों क़े हौसला आजफाई क़े चलते हो पाता है हमारे बस्तर मे नवाखाई क़े बाद एक दूसरे से भेंट करने की परम्परा है जिसमे पारिवारिक सदस्य आपस मे एक दूसरे से भेंट करते हैं बेटियां जो शादी होकर जाते हैं नवाखाई क़े बाद एक बार जरूर अपने मायके आती हैं परन्तु इस बफना गांव की बेटियां जो दूसरे दूसरे गांव मे शादी होकर गयी हैं वे दशहरे का इंतजार करती हैं रामलीला का इंतजार करती हैं और दशहरे क़े बहाने मायके आती हैं, इससे पता चलता है की पूरा गांव दशहरे को कितनी धूमधाम से मनाता है। रामलीला से लेकर रावण दहन तक कार्यक्रम मे भारी भीड़ उमड़ता है गांव क़े साथ साथ आस पास क्षेत्र क़े लोग भारी संख्या मे बफना क़े रामलीला व रावण दहन को देखने आते हैं इन पांच दिवसीय लीला मे राम क़े सम्पूर्ण जीवन गाथा को दिखाने का प्रयास किया जाता है जिसमे नन्हें नन्हें बालकों से लेकर नवयुवक सम्पूर्ण लीला क़े पात्र होते हैं।चर्चा क़े दौरान मंडली क़े पदाधिकारीयों ने एक घटना को साझा करते बताया की लगभग 9 वर्ष पूर्व प्रतिवर्ष की भांति रामलीला आयोजन हुआ रावण दहन हुआ परन्तु किसी कारणवश रामायण विसर्जन नहीं हुआ यानी आज कल मे टलता रहा इसी बिच रामलीला क़े प्रमुख संचालकों मे से एक प्रमुख स्व जगदेव नेताम क़े घर एक बंदर आता है और प्रतिदिन शाम को मंडली क़े प्रमुख सदस्यों क़े घर नजर आता था जिसकी सुचना उन्होंने मंडली क़े बाकी सदस्यों को दी मंडली क़े सभी सदस्य एकत्रित होकर विधि विधान से रामायण विसर्जन किया खास बात यह रही की रामायण क़े दौरान बंदर मंडली क़े समीप आम पेड मे बैठा रहा और प्रसाद ग्रहण करते ही वहाँ से चला गया न इससे पहले कभी बंदर बफना मे आया था न इसके बाद आज तक कभी बफना मे दिखा है इस घटना को देख यही अनुमान लगाया गया की बफना रामलीला मंडली को भगवान श्रीराम चंद्र जी का आशीर्वाद है बजरंगबली जी का आशीर्वाद है।कार्यक्रम क़े सफल आयोजन संचालन मे रामलीला मंडली के अध्यक्ष समलू देवांगन उपाध्यक्ष फोहड़ू नेताम सचिव गणेश नाग कोषाध्यक्ष अशोक कौशिक वाद्य कलाकार रासबिहारी साहू चमरा नेताम श्रवण कौशिक अजित निषाद सियाराम मौर्य फरस पटेल छबि नेताम मनसुख नेताम सुखराम नेताम केशव नेताम अनिल यादव कपिल यादव छोटू सेन सेवन नेताम मोहन नेताम बालचंद नेताम क़े साथ मंडली क़े सदस्यगण गांव क़े पुजारी पटेल कोटवार सरपंच सभी शामिल हैं।