
फिंगेश्वरः-फिंगेश्वर-राजिम सहित सभी आत्मानंद स्कूलों में आकस्मिक व्यय की राशि न मिलने छोटे छोटे व्यय के लिए परेशानी खड़ी हो रही है। एक ओर आत्मानंद स्कूलों की डिमांड हैं। वहीं दूसरी ओर इन स्कूलों की हालात खराब है। यहां चॉक, डस्टर, रजिस्टर, फिनाइल समेत अन्य छोटी छोटी चीजें खरीदने के लिए स्कूल के पास पैसे नहीं है। यहां तक की साफ-सफाई पर भी असर पड़ा है। ऐसी स्थिति इसलिए बनी है, क्योंकि स्कूल चलाने के लिए स्कूलें के पास फंड नहीं है। शासन की ओर से इस साल की आकस्मिक व्यय निधि इन्हें अब तक नहीं मिली है। जबकि नए सत्र में स्कूल खुले चार महीने से अधिक का समय बीच चुका है। शाला सूत्रों ने बताया इससे पहले के वर्शो में यह राशि अप्रैल-मई तक मिल जाती थी। इस बार देरी होने से स्कूलों की परेशानी बढ़ी है। प्रदेश में करीब साढ़े सात सौ आत्मानंद स्कूल है। इनमें इंग्लिश मीडियम के अलावा हिन्दी मीडियम वाले स्कूल भी है। इनकी डिमांड ज्यादा है। इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश के लिए तो हर बार होड़ मचती है। लेकिन यही स्कूल अभी पैसे की कमी से जूझ रहे है। दरअसल, इन स्कूलों को आकस्मिक व्यय निधि के तहत 5 लाख रूपए दिए जाते है। इनसें स्कूल अपनी छोटी छोटी जरूरतें पूरी करते है। फंड नहीं होने की जानकारी कुछ महीने पहले ही आत्मानंद स्कूलों ने शिक्षा विभाग को दी है, वहां से जल्द ही फंड जारी होने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अब तक स्कूलों को राशि नहीं मिली है। गौरतलब है कि आत्मानंद स्कूलों में पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई हो रही है।