दीपावली विविध परम्परा एवं सांस्कृतिक एकता का पर्व है – रूपसिंग साहू

सेंदर गौठान में मातर महोत्सव मनाया गया। सांस्कृतिक कला मंच ने धुम मचाया।

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। ग्राम सेंदर में मातर महोत्सव के तहत गौठान में दीपावली मिलन कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया। वही मातर कार्यक्रम के तहत सुबह देव पुजन एंव गौठान में गौ माता को रक्षा व श्रृंगार का प्रतीक सोहाई बांधे गए। खुड़हूड़ के मुख्य बैरक कंन्दाईल मड़ाई उनके सहायक बैरक का शौर्य प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सभी उपस्थित लोगों को खीर प्रसादी वितरण किया गया। तथा टिकम पटेल कृत मुख्य गायिका रूपा नागवंसी ,डाली छत्रे सांस्कृतिक  कार्यक्रम लोक संध्या जगराता सांस्कृतिक मंच रखा गया था, जिसकी मधुर स्वर गीतों और लय बद्ध संगीत ने धुम मचाया जो सबका मन मोह लिया। उक्त कार्यक्रम के मुख्यातिथि  रूपसिंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता भाजपा नेता,टिकेश्वर साहू  सरपंच सेंदर,महेश कुंजाम पूर्व जनपद सदस्य,रामाधार साहू पूर्व सरपंच सेंदर, सरपंच रोबा मंगलू साहू,रामू राम साहू अध्यक्ष विद्या मंदिर,सुखचंद घृतलहरे, ओमपप्रकाश साहू सरपंच चरभट्ठी,मोतीलाल निशाद पूर्व सरपंच बिजली , भाजपा मंडल महामंत्री पुरन साहू,तुलेश्वर घृतलहरे,जनक साहू अध्यक्ष हाई स्कूल,मंच संचालक नामदास घृतलहरे  मंचासिन थे।मुख्यातिथि समाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने कहा हमारे छत्तीसगढ़ीया त्यौहारों की विशेषता यह है कि यह सामाजिक एकता के अनुपम आदर्श प्रतिक है। इसी भाव के साथ  प्राचीन काल से यह पांच दिवसीय पर्व हम सभी मनाते चले आ रहे हैं। वर्तमान में पर्वों का यह शाश्वत भाव आज मातर महोत्सव सेंदर मे दीपावली के त्यौहार का ऐसा ही स्वरुप दिखाई दे रहा है।सेंदर की इस मिलन कार्यक्रम भी दीपावली को सार्थकता प्रदान कर रहे हैं। आधुनिक वातावरण में भी दीपावली पर्व अपनी विविध परंपराओं को जीवंत बनाए हुए है। यही विविधता में हम सबको एकता का आदर्श की राह दिखाती है। अध्यक्षता कर रहे पुर्व जनपद सदस्य महेश कुजांम वर्ष का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली का अलग ही महत्व है। वैसे प्रत्येक पर्व प्रकृति और संस्कृति से गहरा सामंजस्य रखते हैं। विशिष्ट अतिथि सरपंच सेंदर टिकेश्वर साहू,पुर्व सरपंच रामाधार साहू ने कहा सांस्कृतिक पक्ष को मजबूत करने वाले इन दिपावली मातर त्यौहार की मानवीय जीवन में भी खास अहमियत है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि हमारे पूर्वजों ने भी यह माना है कि प्रकृति पूज्य है, जीवन दायिनी है। हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति है। इसलिए हमारे सांस्कृतिक त्यौहार भी प्रकृति प्रदत्त हैं। ।इस मौके पर धनश्याम सिन्हा, गोपाल सोनवानी,योगेश्वर भुनेश्वर, चन्द्रिका साहू, घासी साहू,भुखन वर्मा,तुलस वर्मा, राजकुमार सतनामी , योगेश देवांगन, उपस्थित थे।


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