धान की खेती पर प्रतिबंध किसानों के अधिकारों का हनन-ओमप्रकाश बंछोर


फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। रबी फसल में धान की फसल नहीं लगाने के सरकार फरमान से किसानों में गहरा रोश है। नगर पंचायत फिंगेश्वर के कांग्रेस नेता एवं पूर्व सरपंच ओमप्रकाश बंछोर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सरकार का रवैया निंदनीय है। छत्तीसगढ़ एक कृशि प्रधान राज्य है, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है। यहां की जलवायु, भूमि और वातावरण धान की खेती के लिए उपयुक्त है, जिसके कारण राज्य में धान का व्यापक उत्पादन होता है। ऐसे में सरकार द्वारा इस वर्श रबी सीजन में धान की खेती पर प्रतिबंध लगाना और किसानों पर जुर्माना लगाने की बात करना सीधे सीधे किसानों के हितों पर प्रहार है। ओमप्रकाश बंछोर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान अपनी मेहनत और परिश्रम से फसलों को सींचते है, और उन्हें अपनी जमीन पर क्या उपजाना है, यह निर्णय लेने का पूरा हक है। छत्तीसगढ़ में किसानों के पास खेती के अलावा जीविकोपार्जन का कोई अन्य साधन नहीं है, और खेती ही उनकी आजीविका का एकमात्र स्त्रोत है। यदि किसान अपनी ही भूमि पर धान की फसल नहीं उगा सकते, तो वे क्या उगाएॅगें, कहॉ जाएॅगे, और कैसे अपने परिवार का पेट भरेंगे ? यह एक गंभीर प्रश्न है। श्री बंछोर ने कहा हम किसानों के लिए राज्य सरकार से मांग करते हैं कि किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करे और उन्हें उनकी जमीन पर धान की खेती करने का अधिकार दे और सरकार को अन्य जल संरक्षण योजनाओं का काम करना चाहिए, ताकि किसानों की फसलें सुरक्षित रहें और भूजल स्तर भी स्थिर बना रहें। उन्होंने यह भी कहा कि हम किसान भाईयों के साथ है और उनकी हरसंभव सहायता करने का वचन देते है। सरकार की इस जनविरोधी नीति का हम कड़ा विरोध करने के लिए तैयार है। किसान नेता ओमप्रकाश बंछोर ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में किसान हितैशी है तो उसे किसानों को धान उत्पादन से वंचित नहीं करना चाहिए और इस जनविरोधी आदेश को तत्काल निरस्त करना चाहिए।

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