
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल से 14 नवंबर से सहकारी समितियों में धान खरीदी प्रारंभ हो पाएगी इसमें संशय बना हुआ है। अंचल के किसान इसके लिए काफी चिंतित एवं ऊह-पोह में है। धान कटकर खलिहानों में पड़ा हुआ है। शासन की घोशणा के अनुसार चार दिन बाद 14 नवंबर से शासकीय धान खरीदी प्रारंभ होना है परंतु समिति कर्मचारियों की हड़ताल के कारण अभी तक क्षेत्र में किसी भी धान खरीदी के फड़ की सफाई नहीं हो सकी है। ना तो कांट बांट में सील लग पाया है और ना ही किसी खरीदी केन्द्र में बारदाने पहुंच पाए हैं। दूसरी ओर क्षेत्र में धान की फसल दीपावली के पहले ही आ जाने के कारण त्यौहार के बाद धान की कटाई युद्ध स्तर पर चल रही है और फसल कटने के बाद धान खलिहानों में पड़े है, परंतु धान बेचने के लिए टोकन नहीं मिलने से किसानों में चिंता व्याप्त है। उपज की रखवाली के लिए खलिहानों में रतजगा कर रहे किसानों को उम्मीद है कि चार दिन बाद उनका धान खरीदी केन्द्र में चला जाएगा। परंतु सहकारी समिति कर्मचारियों द्वारा 8 सूत्रीय मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के कारण किसानों में संशय की स्थिति बनी हुई है। अपनी 8 सूत्रीय मांगो को लेकर आंदोलनरत सहकारी समिति कर्मचारियों ने बताया कि पुनरीक्षित वेतनमान, धान खरीदी अनुबां में परिवर्तन सहित आठ मांगों को लेकर 4 नवंबर से हमारे द्वारा किया जा रहा है। परंतु शासन हमारी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। यही कारण है कि लंबे समय से हमारे द्वारा की जा रही वाजिब मांगो पर जब प्रशासन ने कुछ नहीं किया तो हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ी। 4 नवंबर से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। परंतु 8 दिन हो रहे है, शासन उस पर ध्यान नहीं दे रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि जब तक हमारी मांगो पर उचित निर्णय नहीं हो जाता हम हड़ताल पर रहेंगे। कृशकों को हो रही तकलीफ पर हमें खेद है।