
फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। विभागीय मंत्री के निर्देश, जिला प्रशासन द्वारा लगातार समय सीमा के बैठकों में अधिकारियां को दिए जा रहे सख्त निर्देशों के बाद भी फिंगेश्वर विकासखंड में रेत का अवैध उत्खनन एवं धड़ल्ले से परिवहन रूक नहीं पा रहा है। इतना जरूर हो रहा है कि रेत माफिया एक ही खदान से लगातार उत्खनन न कर बदल बदल कर रेत खदानों का दोहन लगातार कर रहे है। जबकि शासन के नुमाइदों का कहना होता है कि मुख्य सड़क के किनारे दिन रात 24 घंटा उत्खनन की जा रही रेत खदानों में उत्खनन की शिकायत आने पर कार्यवाही की जावेगी। विकासखंड के फिंगेश्वर-राजिम तहसील कार्यालयों, थानों के सामने से दिन रात 24 घंटे में सैकड़ो हाईवा रेत भर भर कर निकलती है, परंतु अधिकारी कार्यवाही नहीं करते क्योंकि उनके पास शिकायतें नहीं है। आश्चर्य है कि फिंगेश्वर विकासखंड में एक भी खदान स्वीकृत नहीं है फिर भी अधिकारियों को सामने से जा रही रेत गाड़ियों में कार्यवाही के लिए शिकायत का इंतजार रहता है। इससे यही समझा जा सकता है कि इस गैर कानूनी अवैध उत्खनन एवं परिवहन में मौन स्वीकृति के कारण शिकायतों के इंतजार में कार्यवाही नहीं की जाती। इन दिनों पिछले 3-4 दिनों से विकासखंड के कोसमखुंटा में रेत का मनमाना उत्खनन एवं बड़ी बड़ी हाईवा में धड़ल्ले से दिन-रात सैकड़ों हाईवा रेत का परिवहन किया जा रहा है। जबकि रेत खदान स्वीकृत नहीं है। यानी शत प्रतिशत अवैध उत्खनन कर शासन को जहां लाखों रूपये प्रतिदिन की चपत लगाई जा रही है। वही नदी के अंधाधुन्ध अनाप-शनाप कटाव के साथ पर्यावरण को हानि पहुंचाई जा रही है। नदी के बीच पानी के अंदर एक नहीं दो दो चैन माऊंटिंग लगाकर पानी से भरी रेत मुख्य सड़क में पानी गिराने परिवहन की जा रही है। अवैध उत्खनन से जामगांव, कोसमखुंटा सड़क तेजी से टूट रही है। रोड में पानी गिरने से पूरी सड़क बरबाद हो रही है। कोसमखुंटा घाट में लगभग 2 वर्शो बाद रेत का उत्खनन किया जा रहा है। इस बारे में खनिज अधिकारी एवं एसडीएम से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अवैध उत्खनन की अनभिज्ञता बताते हुए तत्काल कार्यवाही किए जाने की बात कही। ग्रामीणों ने बताया कि अचानक 2-3 दिनों से नदी में रेत का उत्खनन किए जाने से वे भी हतप्रभ है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन से उनके आजू बाजू में पानी भरने का अंदेशा है। बड़ी बड़ी गाड़ियों के आने जाने से जहां पूरा रोड टूट रहा है वहीं हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। आसपास की रेत खदानें फिलहाल बंद है। यही कारण है कि रोज सैकड़ो हाईवा लगती है। ग्रामीणों ने तत्काल रेत खदान को बंद करने की मांग की है।