वनमाली सृजन केंद्र छतरपुर का हुआ भव्य शुभारंभ

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

छतरपुर (गंगा प्रकाश)। बनमली सृजन केंद्र छतरपुर का भव्य शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी की हिंदी अध्ययन शाला एवं शोध केंद्र विभाग की डॉ. (श्रीमती) प्रोफेसर गायत्री बाजपेई ने फीता काटकर एवं माँ सरस्वती का पूजन, दीप प्रज्वालित कर  केंद्र का उद्घाटन किया। तदुपरान्त सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ गायत्री बाजपेई ने संस्था के कार्य की सराहना करते हुये सृजन केंद्र की सराहना की शुभकामनायें दी एवं साहित्य, संस्कृति एवं सृजन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर क्षेत्र के लोकप्रिय कवि नितेंद्र सिंह परमार, जितेंद्र सिंह यादव “जीत”, मनीष खरे ने शानदार कविता पाठ किया। इस अवसर पर काव्य पाठ के साथ साथ “हिंदी हमें जोड़ती है” विषय पर व्याख्यान माला आयोजित की गई उपस्थित साहित्यकारों ने अपने विचार साझा किये। इस अवसर पर बनमली पत्रिका के सितंबर अक्टूबर अंक का विमोचन किया गया । कार्यक्रम के पूर्व की गतिविधियों के तहत अनेक स्कूलों में निबंध लेखन , कविता , पेंटिंग , भाषण आदि प्रतियोगितायें आयोजित की गई है। इन प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। एवं आईसेक्ट पब्लिकेशन एवं बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई गई । साथ ही जगन्नाथ प्रसाद चौबे वनमाली के जीवन ब्रत्त पर आधारित लघु फ़िल्म दिखाई गई। इस अवसर पर बोलते हुये बनमली सृजन केंद्र के जिला संयोजक आर के भारद्वाज ने कहा कि वनमाली सृजन पीठ द्वारा छतरपुर में बनमाली सृजन केंद्र का स्थापित किया जाना  निश्चित रूप से क्षेत्र के लिये एक बड़ी सौगात है क्योंकि सन 2019 में वनमाली सृजन पीठ एवं रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय साहित्य , संस्कृति , कला , संगीत और सिनेमा को लोगों तक पहुंचाने के लिये विश्वरंग की एक वैश्विक मंच के रूप में शुरूवात हुई। यह दुनियां भर में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये सबसे बड़े महोत्सवों में से एक है। दुनियां भर में भारतीय कला के रसिक और संगीत , नृत्य , साहित्य आदि क्षेत्रों में सम्मानित लोगों को इस उत्सव में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करना इस महोत्सव का मुख्य हेतु है। विश्वरंग को 2019 में वनमाली सृजन पीठ एवं रबींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा एक वैश्विक मंच के रूप में शुरू किया गया था , जहाँ भारतीय साहित्य , संस्कृति , कला , संगीत और सिनेमा की प्रस्तुतियाँ का उत्सव मनाया जाता है। यह भारतीय संस्कृति को विश्वभर में बढ़ावा देने और प्रसार करने के लिये सबसे बड़े उत्सवों में से एक है। विश्वरंग के पीछे मूल विचार अपने-अपने क्षेत्र के विश्व भर के कला उत्सुक लोगों और प्रभावशाली व्यक्तित्वों को इस उत्सव में हिस्सा लेने के लिये प्रोत्साहित करना था। पीठ  उभरती स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के साथ-साथ हिंदी और अन्य भाषा के कलाकारों को बढ़ावा देने के लिये संकल्पित हैं। पीठ ने विश्वारंग की स्थापना के बाद से ऐसे कई नये कलाकारों को बढ़ावा दिया है , जिनमें दुनियां में अपनी पहचान बनाने की क्षमता रही है। विश्वरंग में पचास से अधिक देशों की मज़बूत उपस्थिति और भागीदारी है और विश्व स्तर के कई प्रसिद्ध कलाकार इससे संबद्ध हैं। विशाल भरद्वाज , रसिका दुग्गल , मनोज पहवा , पापोन , शिल्पा राव , मैथिलि ठाकुर , उस्ताद शुजात खान , अन्नू कपूर , टिस्का चोपड़ा , अपारशक्ति खुराना , रजत कपूर और आशुतोष राणा जैसे मुख्यधारा के प्रतिभाशाली कलाकारों ने विश्वरंग के मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह एक ऐसा आयोजन है जो ना सिर्फ़ कला और संस्कृति की विरासत का उत्सव मनाता है , बल्कि नई उभरती प्रतिभाओं को भी एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। पीठ का अंतिम लक्ष्य है महत्वाकांक्षी तथा विशिष्ट श्रेणी के कलाकारों का सम्मान करना , जिससे उन्हें एक वैश्विक मंच तथा दर्शक उपलब्ध कराए जा सकें। सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में विश्वरंग का उद्देश्य है नई और उभरती प्रतिभाओं को एक परिष्कृत मंच प्रदान करके उनकी सराहना करना। भारतीय कला और संस्कृति को पहचान और मान्यता दिलाने वाले लोगों को सामने लाने के लिये पीठ दृढ हैं। रबींद्रनाथ टैगोर की संकल्पना को मूर्त रूप देकर हर जगह कला का उत्सव मनाना वनमाली सृजन पीठ  लक्ष्य है। इस प्रकार वनमाली सृजन केंद्र छतरपुर का विश्वरंग जैसे वैश्विक मंच से जुड़ना , इस क्षेत्र के नोदित कलाकारों के लिये निश्चित से एक सेतु का काम करेगा। अंत में जिला संयोजक द्वारा अतिथियों का आभार प्रदर्शन कर केंद्र का भ्रमण कराया। भ्रमण के दौरान अतिथियों से आईसेक्ट पब्लिकेशन , बलशाली पाइप , रमन ग्रीन प्रोडक्ट का अवलोकन किया एवं संस्था के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर छात्र छात्राओं के साथ साथ आइसेक्ट से  मनीष खरे , रजनीश सिंह , विनीत यादव , अजय कुमार रैकवार , हेमंत तिवारी , नीरज सिंह लोध , विजय राजपूत , मुकेश रैकवार , मलीदा पटेल  उपस्थित रहे।

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