ग्रामीण अध्यक्ष ने गांव की सुख-शांति, एवं खुशहाली के लिए गणेश जी से प्रार्थना की

छुरा (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिला के आदिवासी वनांचल व वनों से वांछित ग्राम मड़ेली में गणेश उत्सव समिति में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण अध्यक्ष ईश्वर निर्मलकर अपने पूरे परिवार के साथ भक्तिमय भजन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना कर ग्रामवासियों के सुख शांति, खुशहाली और अच्छी फसल होने की कामना की।

ग्रामीण अध्यक्ष ईश्वर निर्मलकर ने गणेश चतुर्थी, गणेश विसर्जन एवं पितृ तर्पण की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए, ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुखी एवं समृद्ध जीवन के आधार गणेश जी हैं। उन्होंने ने कहा कि भगवान गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है,वे सात्विक देवता हैं और विघ्नहर्ता है।वे न केवल भारतीय संस्कृति एवं जीवन शैली के कण-कण में व्याप्त है,बल्कि विदेशों में भी हर तरफ गणेश ही गणेश छाए हुए हैं। मनुष्य के दैनिक कार्यों में सफलता,सुख समृद्धि की कामना, बुद्धि व ज्ञान के विकास, एवं किसी भी मंगल कार्य को निर्विघ्न सम्पन्न करने हेतु गणेश जी को ही सर्वप्रथम पूजा जाता है, याद किया जाता है। प्रथम देव होने के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व बहुआयामी है, लोकनायक का चरित्र है। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को सिद्ध विनायक गणेश जी की जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणेश के रूप में शिव-पार्वती के पुत्र के रूप में जन्में थे। उनके जन्म पर सभी देव उन्हे आशिर्वाद देने आए थे। विष्णु ने उन्हें ज्ञान का, ब्रह्म ने यश और पूजन का, धर्मदेव -धर्म तथा दया का आशीर्वाद दिया। शिव ने उदारता, बुद्धि शक्ति एवं आत्म संयम का आशीर्वाद दिया। लक्ष्मी ने कहा जहां गणेश रहेंगे वहां मैं रहुंगी,। सरस्वती ने वाणी, स्मृति एवं वक्तृत्व शक्ति प्रदान की। सावित्री ने बुद्धि दी। त्रिदेवों ने अग्रपूज्य,प्रथम देव, एवं रिद्धि-सिद्धि प्रदाता का वर प्रदान किया। इसलिए वे सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदैशिक लोकप्रियता वाले देव है। इस दौरान बड़ी संख्या ग्रामवासी उपस्थित रहे।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *