वैचारिक भ्रष्टाचार का अंत किया गया महाराष्ट्र के जनादेश द्वारा-संतोषी श्रीवास्तव

 

फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों के निर्णय ने यह बता दिया कि कोई भी राजनैतिक पार्टी हो वह अगर अपनी विचाराधारा को ही छोड़ दे तो उसका अंत निश्चित है। भाजपा की महाराष्ट्र में बंफर जीत पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेत्री श्रीमती संतोषी श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले विधानसभा में आम जनता ने भाजपा शिवसेना को जनादेश दिया परंतु सिर्फ सत्ता के स्वार्थ के चलते गठबंधन धर्म न निभाते हुए उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपने ही मूल सिद्धांतो को छोड़ कांग्रेस के साथ सरकार बना लिया जिस शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य करना था उस शिवसेना ने सिर्फ अपने सिद्धांतो को छोड़ कांग्रेस के साथ सरकार बना लिया जिस शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य करना था उस शिवसेना ने न सिर्फ अपने सिद्धांतों से न सिर्फ समझौता किया बल्कि अपने मूल को छोड़ सत्ता प्राप्त करने अपने ही लोगों को गुमराह कर सत्ता प्राप्त की जिससे महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिविधियों से आम जनता कार्यकर्ताओं में यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी जैसे बड़े भाई के साथ विश्वासघात से सभी को गहरा आघात पहुंचा। श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि लोकसभा में आप जनता को गुमराह कर सिर्फ झूठ के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को आरक्षण के नाम पर संविधान के नाम पर बदनाम करने का प्रयास किया पर जनता का दरबार में जब जनता को निर्णय करना होता है तब वहां कोई झूट फरेब नहीं चलता क्योंकि कोई भी गलत बात एक सीमा तक की जा सकती है बार बार लोगों बांटने की झूट बोलकर वोट लेने की राजनीति से जनता त्रस्त आ चुकी थी। इस की प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों में भाजपा नेत्री पद्मा यदु, शांति कोसरे, अनीता शर्मा, मेघा कोसरे, भुनेश्वरी साहू, सीमा ठाकुर, लक्ष्मी श्रीवास्तव आदि शामिल थी।

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